India-China Dispute: मेजर-जनरल लेवल की मीटिंग रही सकारात्मक, लेकिन LAC पर चीनी सैनिकों की तैनाती तक नहीं बनेगी बात

India-China Dispute: मेजर-जनरल लेवल की मीटिंग रही सकारात्मक, लेकिन LAC पर चीनी सैनिकों की तैनाती तक नहीं बनेगी बात

डिजिटल डेस्क, बीजिंग। पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध को दूर करने के लिए भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच बुधवार को "सकारात्मक" बातचीत हुई। मेजर जनरल स्तर की साढ़े चार घंटे से ज्यादा चली इस वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने यथास्थिति बहाल करने और गतिरोध वाले सभी स्थानों पर काफी संख्या में जमे चीनी सैनिकों को तुरंत हटाए जाने पर जोर दिया। यह मीटिंग पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के भारतीय हिस्से में हुई।

सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "वार्ता सकारात्मक रही और दोनों पक्षों ने सकारात्मक माहौल में विचारों का आदान-प्रदान किया। दोनों सेनाएं बातचीत से गतिरोध को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।" गतिरोध को शांतिपूर्ण तरीके से खत्म करने के लिए दोनों सेनाओं ने गलवान घाटी ओर हॉट स्प्रिंग के कुछ इलाकों में सीमित संख्या में अपने सैनिकों को पीछे हटा लिया जिसके एक दिन बाद यह वार्ता हुई है। अधिकारी ने पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया, "भारतीय पक्ष ने अपने विचार स्पष्ट रूप से रखे। चीनी पक्ष ने भी अपनी स्थिति रखी।"

चीन ने कहा- लद्दाख सीमा पर हालात ‘सामान्य’ बनाने के लिए दोनों देश कदम उठा रहे हैं
वहीं भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा पर चल रहे विवाद को लेकर चीनी विदेश मंत्रालय का बयान सामने आया है। चीन ने 6 जून की बैठक को सकारात्मक बताते हुए  दोनों देशों के सैनिकों की कुछ इलाके से पीछे हटने के फैसले की जानकारी दी। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि "सीमा पर स्थिति सहज बनाने के लिए दोनों देश आपस में बनी सहमति के आधार पर कदम उठा रहे हैं।" इससे पहले मंगलवार को नई दिल्ली से खबर आई थी कि अगले राउंड की डिवीजनल कमांडर स्तर की बातचीत से पहले दोनों देशों की सेनाएं गलवान घाटी में गश्त प्वाइंट 14 और 15 के आसपास तथा हॉट स्प्रिंग क्षेत्र से पीछे हट रही हैं।

दोनों पक्षों की तरफ से लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत
बता दें कि पूर्वी लद्दाख में महीने भर से भारत-चीन के बीच जारी सीमा विवाद को लेकर शनिवार को दोनों पक्षों की तरफ से लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत हुई थी। बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व लेह स्थित 14वीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया था, जबकि तिब्बत सैन्य जिला कमांडर ने चीन का पक्ष रखा। इस बैठक के बाद चीन के तेवर नरम पड़ गए। अब चीन पूरे विवाद को शांतिपर्ण ढंग से सुलझाने के लिए तैयार हो गया है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने 7 जून को जारी बयान में कहा कि दोनों पक्ष "द्विपक्षीय समझौतों के मुताबिक सीमाई इलाकों में स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान पर सहमत" हैं। दोनों ही पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में ​स्थिति का हल निकालने और शांति सुनिश्चित करने और लिए दोनों पक्ष सैन्य और कूटनीतिक तौर पर जुड़े रहेंगे।

डिप्‍लोमेटिक लेवल पर बातचीत चलती रहेगी
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा था कि चीन से मिलिट्री और डिप्‍लोमेटिक लेवल पर बातचीत चलती रहेगी। शनिवार को दोनों देशों की तरफ से हुई लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की बातचीत से पहले स्थानीय कमांडरों के स्तर पर दोनों सेनाओं के बीच 12 राउंड बातचीत हो चुकी थी। इसके अलावा 3 बार मेजर जनरल लेवल पर भी बातचीत हो चुकी थी। कई दौर की बातचीत में कोई हल नहीं निकलने के बाद इतने बड़े स्तर पर बातचीत का फैसला हुआ। पूर्वी लद्दाख में पांच व छह मई को भारत व चीनी सेना के बीच झपड़ हो गई थी। दोनों सेनाओं के बीच पांच मई को तनाव बढ़ा था और छह मई की सुबह तक दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने थीं। इस झड़प के दौरान दोनों पक्षों के सैनिकों के घायल होने की खबरें भी आई थीं।
 

Created On :   10 Jun 2020 12:22 PM GMT

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