प्रतिबंध के बावजूद नेपाल में हो रहा धर्मपरिवर्तन, बढ़ रहा ईसाई धर्म?

डिजिटल डेस्क, काठमांडू। हिमालय की गोद में बसा नेपाल देश एक समय विश्व का एक मात्र हिंदू राष्ट्र था, जो अब पूर्णतः सेक्युलर बन चुका है। 2008 तक देश में हिंदू राजशाही थी। यह नेपाल देश अब भी हिंदू बहुसंख्यक है, मगर गौर करने वाली बात यह है कि इस देश में पिछले कुछ सालों में ईसाई धर्म के मानने वालों की संख्या में विस्फोटक रूप से वृद्धि हुई है। इस देश में धर्मांतरण पर प्रतिबंध है, फिर भी लोग तेजी से ईसाई धर्म अपना रहे हैं। देश के उत्तरी क्षेत्र में बौद्ध परंपरा को मानने वाले लोग भी हैं, लेकिन सुदूर लापा घाटी में (जहां रिचेट स्थित है) ईसाई बहुसंख्यक हो गए हैं।
एक चीनी मीडिया रिपोर्ट में यह सनसनीखेज खुलासा किया गया है। इसकी वजह तलाशने पर पता चलता है कि लोग जाति व्यवस्था से तंग आ चुके है और ईसाई धर्म अपनाकर वे इससे बचना चाहते हैं। यहां के काफी लोग हाल ही में धर्मांतरित हुए हैं। कुछ लोगों का आरोप है कि विदेशी मिशनरियां आर्थिक मदद देकर गरीब देश के लोगों का धर्मांतरण करा रही हैं।
2011 की सरकारी जनगणना के मुताबिक नेपाल की 2.9 करोड़ की कुल आबादी में ईसाइयों की तादाद 1.5 फीसदी थी। हालांकि ईसाई समूहों का कहना है कि इस समय देश में ईसाई धर्म को माननेवालों की आबादी 3 लाख पहुंच चुकी है। लोगों का कहना है कि जनगणना में बड़ी संख्या में धर्मांतरण किए लोगों को शामिल नहीं किया गया। रिचेट के आसपास के इलाकों में कई चर्च हैं।
रिपोर्ट के अनुसार दो साल पहले नेपाल में शक्तिशाली भूकंप आया था। इससे नेपाली गांव रिचेट भी तबाह हो गया। यहां के ज्यादातर लोग अब भी अस्थायी शिविरों में शरण लिए हुए हैं। केवल चर्च का पुनर्निर्माण हुआ है। इसके लिए पैसा ईसाई मिशनरियों से मिला, जिसका प्रभाव इस हिंदू प्रधान देश में तेजी से बढ़ रहा है। दक्षिण कोरियाई और सिंगापुर की मिशनरियों ने सर्वे किया और कुछ महीने बाद गांव में काफी सामान आया, जिससे चर्च को फिर से तैयार किया गया। पास के कचेट गांव में भी दक्षिण कोरियाई मिशनरी की मदद से चर्च के पुनर्निर्माण का काम हो रहा है।
जानकारी के अनुसार अगस्त 2018 में नया कानून बनने वाला है, जिसमें धर्मांतरण कराने पर 3 से 5 साल की जेल का प्रावधान होगा। इसके बाद ही विदेशी नागरिक को उसके देश भेजा जाएगा। यूके स्थित Christian Solidarity Worldwide समूह से जुड़े दक्षिण एशिया मामलों के विशेषज्ञ स्टीवन सेल्वराज का कहना है, "हमने पाकिस्तान का उदाहरण देखा है। अगर आपके पास पर्याप्त सुरक्षा उपाय नहीं हैं तो नेपाल के कानून का दुरुपयोग किया जा सकता है।
रिचेट के अमन तमांग कहते हैं, "हम खुश हैं कि प्रार्थना करने के दौरान हमारे ऊपर छत होती है। लेकिन हमें तब और खुशी होगी जब हमारे घर भी बन जाएंगे।" समुदाय के एक नेता प्रशांत तमांग ने कहा, "ईसाई गरीबों पर दबाव डालते हैं कि धर्म बदल लो, जब जरूरत होगी मदद मिल जाएगी"।
रीका तमांग ने हाल ही में ईसाई धर्म अपनाया जब उनकी मां बीमार पड़ गई थीं। परिवार के पास पशु की बलि के लिए भी पैसे नहीं बचे थे। तमांग अब अपने गांव के पादरी हैं और वह कहते हैं, "जो कुछ भी मेरे पास था मैंने ईश्वर को समर्पित कर दिया। एक बार जब मैंने ईसाई धर्म को अपना लिया तो मुझे और कोई त्याग या बलिदान की जरूरत नहीं है। मैं इस बोझ से मुक्त हो गया हूं।"
Created On :   24 Dec 2017 12:46 AM IST