खुशखबरी: भारत सहित इन 5 देशों में इस महीने शुरू होगा रूसी कोविड-19 वैक्सीन 'Sputnik V' का ट्रायल

खुशखबरी: भारत सहित इन 5 देशों में इस महीने शुरू होगा रूसी कोविड-19 वैक्सीन 'Sputnik V' का ट्रायल
हाईलाइट
  • 2020 के अंत तक 20 करोड़ डोज बनाने की तैयारी
  • रूस में इस हफ्ते से आम लोगों को दी जाएगी वैक्सीन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस की कोविड-19 वैक्सीन "स्पुतनिक वी" के अंतिम फेज का क्लिनिकल ट्रायल भारत सहित पांच देशों में इस महीने शुरू हो जाएगा। रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (RDIF) के अध्यक्ष किरिल दिमित्रीव ने सोमवार को बताया कि "स्पुतनिक वी" के ट्रायल इस महीने कुछ देशों में शुरू होंगे। इन देशों में भारत भी शामिल है। भारत के अलावा ये ट्रायल सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), फिलीपींस और ब्राजील में भी होंगे।

बता दें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 11 अगस्त को घोषणा की थी कि रूस के वैज्ञानिकों ने कोविड-19 का दुनिया का पहला टीका ‘स्पुतनिक-वी’ विकसित कर लिया है। उन्होंने कहा था कि उनकी एक बेटी को टीका लग चुका है, यह काफी प्रभावी है और शरीर में स्थाई प्रतिरोधक क्षमता विकसित करता है। 

रूस में इस हफ्ते से आम लोगों को दी जाएगी वैक्सीन
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने में सफलता पाने के लिए रूस की सरकार और वहां की जनता को बधाई दी थी। सिंह ने शुक्रवार को एससीओ की बैठक में कहा था कि मैं रूस की सरकार और जनता को कोविड-19 महामारी पर सफलतापूर्वक नियंत्रण पाने के लिए बधाई देता हूं। रूस के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि इस हफ्ते से कोरोना वायरस वैक्सीन स्पूतनिक वी को आम नागरिकों के लिए जारी कर दिया जाएगा। इस वैक्सीन को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 11 अगस्त को लॉन्च किया था। इस वैक्सीन को मॉस्‍को के गामलेया रिसर्च इंस्टिट्यूट ने रूसी रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर एडेनोवायरस को बेस बनाकर तैयार किया है।

2020 के अंत तक 20 करोड़ डोज बनाने की तैयारी
रूस ने बताया कि वैक्सीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन सितंबर 2020 में शुरू होने की उम्मीद है। भविष्य की योजनाओं में 2020 के अंत तक इस वैक्सीन के 20 करोड़ डोज बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें से 3 करोड़ वैक्सीन केवल रूसी लोगों के लिए होगी। रूसी न्यूज एजेंसी TASS ने रशियन एकेडमी ऑफ साइंसेस में डेप्युटी डायरेक्टर डेनिस लोगुनोव के हवाले से कहा कि स्पूतनिक वी वैक्सीन को रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय की अनुमति के बाद व्यापक उपयोग के लिए जारी किया जाएगा।

कैसे काम करती है रूसी कोरोना वैक्सीन?
रूस की वैक्सीन सामान्य सर्दी जुखाम पैदा करने वाले adenovirus पर आधारित है। इस वैक्सीन को आर्टिफिशल तरीके से बनाया गया है। यह कोरोना वायरस SARS-CoV-2 में पाए जाने वाले स्ट्रक्चरल प्रोटीन की नकल करती है जिससे शरीर में ठीक वैसा इम्यून रिस्पॉन्स पैदा होता है जो कोरोना वायरस इन्फेक्शन से पैदा होता है। यानी कि एक तरीके से इंसान का शरीर ठीक उसी तरीके से प्रतिक्रिया देता है जैसी प्रतिक्रिया वह कोरोना वायरस इन्फेक्शन होने पर देता लेकिन इसमें उसे COVID-19 के जानलेवा नतीजे नहीं भुगतने पड़ते हैं। मॉस्को की सेशेनॉव यूनिवर्सिटी में 18 जून से क्लिनिकल ट्रायल शुरू हुए थे। 38 लोगों पर की गई स्टडी में यह वैक्सीन सुरक्षित पाई गई है। सभी वॉलंटिअर्स में वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी भी पाई गई है।

रूस ने भारत के साथ वैक्सीन को लेकर सहयोग के तरीके साझा किए
वैक्सीन को लेकर मॉस्को और भारत सरकार के बीच कई स्तरों पर बातचीत हो रही है। इसमें वैक्सीन की आपूर्ति, सह-विकास और सह-उत्पादन जैसे मुद्दे भी शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने भारत के साथ वैक्सीन को लेकर सहयोग के तरीके साझा किए हैं। फिलहाल भारत सरकार की तरफ से इसका बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है।

 

 

Created On :   7 Sep 2020 4:35 PM GMT

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