चीन और भारत के विद्वानों के बीच महामारी के बाद विकास पर क्लाउड संगोष्ठी

Cloud Symposium on Post-Epidemic Development among Scholars of China and India
चीन और भारत के विद्वानों के बीच महामारी के बाद विकास पर क्लाउड संगोष्ठी
चीन और भारत के विद्वानों के बीच महामारी के बाद विकास पर क्लाउड संगोष्ठी

डिजिटल डेस्क, बीजिंग, 1 जून (आईएएनएस)। मुंबई स्थित चीनी जनरल कांसुलेट ने हाल ही में शांगहाई अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन संस्थान तथा भारतीय थिंक टैंक द गेटवे हाउस के साथ महामारी के बाद विकास पर क्लाउड संगोष्ठी का आयोजन किया। दोनों देशों के विद्वानों और राजनयिकों ने ऑनलाइन संगोष्ठी में भाग लिया।

मुंबई में स्थित चीनी जनरल कांसुलेटर थांग क्वो त्साई ने संगोष्ठी में व्याख्यान दिया कि शांगहाई और मुंबई दो शहरों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में स्थापित किये गये। जो चीन-भारत मैत्री के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस साल चीन और भारत के बीच राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ है। वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के दौरान दोनों देशों द्वारा हाथ मिलाकर कठिनाइयों को दूर करने से 70वीं वर्षगांठ मनाने के लिए सबसे अच्छा तरीका है।

थांग ने वर्तमान स्थितियों में दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ाने के लिये यह सुझाव पेश किया यानी खुले विचार से महामारी के बाद सुधार और विकास की चुनौतियों का सामना किया जाएगा। वर्तमान में चीन और भारत दोनों को महामारी का मुकाबला करना और आर्थिक बहाली करने की चुनौतियां मौजूद हैं। दोनों को उभय-जीत के लिए समान प्रयास करना चाहिये।

संगोष्ठी में भाग लेने वाले दोनों देशों के विद्वानों ने महामारी के बाद की स्थिति, शहरी शासन, विकास योजना, सार्वजनिक स्वास्थ्य, आर्थिक और व्यापार वित्तपोषण आदि मुद्दों पर विचार विनिमय किया। उन का मानना है कि चीन और भारत की स्थिति अलग है। वे एक दूसरे के संबंधित अनुभवों की नकल नहीं कर सकते हैं। लेकिन शहरी शासन के संदर्भ में आदान प्रदान करने से दोनों देशों के बीच वास्तविक सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। चीनी विद्वानों ने चीन में महामारी के बाद आर्थिक बहाली के बारे में अपनाये गये उपायों की जानकारी दी।

 

Created On :   2 Jun 2020 1:30 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story