जिस उम्र में युवा नौकरी तलाशते हैं, सेबेस्टियन बन गए देश के नेता

Conservative Sebastian Kurz on track to become Austria’s next leader
जिस उम्र में युवा नौकरी तलाशते हैं, सेबेस्टियन बन गए देश के नेता
जिस उम्र में युवा नौकरी तलाशते हैं, सेबेस्टियन बन गए देश के नेता

डिजिटल डेस्क, वियना। इन दिनों अंतराष्ट्रीय राजनीति में एक नाम सभी की जुबान पर है वो है सेबेस्टियन कुर्ज। सेबेस्टियन ने महज 31 साल की उम्र में देश के प्रमुख पद की दावेदारी पाकर पूरे विश्व को अपनी और आकर्षित कर लिया है। गौरतलब है कि रविवार को हुए चुनावों में पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष सेबेस्टियन कुर्ज ने लोगों में अपनी लोकप्रियता और काम के बल 31% वोट हासिल कर जीत दर्ज की है। इसके साथ ही यूरोपियन देशों में इतनी छोटी उम्र में देश की कमान संभालने वाले सेबेस्टियन पहले नेता हैं। इसके पहले वो सिर्फ 27 साल की उम्र में विदेश मंत्री की कमान संभाल चुके हैं।

राजनीतिक करियर एक नजर में

सेबेस्टियन कुर्ज को राजनीति में आए सिर्फ आठ साल ही हुए हैं, लेकिन राजनीतिक समझ और सूझबूझ ने उन्हें आज एक अलग ही मुकाम पर पहुंचा दिया है। करियर की शुरुआत में सबसे पहले वो पार्टी यूथ विंग के अध्यक्ष बने थे। उस समय वो कानून की पढ़ाई कर रहे थे। उसके बाद उनके काम से प्रभावित होकर उन्हें पदोन्नति मिलती रही और उन्हें बड़ी जिम्मेदारियां संभालने के मौके मिलते रहे।

27 साल की उम्र में बने थे विदेश मंत्री

2013 में सेबेस्टियन कुर्ज ने सत्ताईस साल की उम्र में विदेश मंत्री की कमान संभाल कर यंगेस्ट फोरन मिनिस्टर की उपाधि भा पा चुके हैं। उन्होंने अपने काम के चलते युवाओं में अपनी खास पहचान बनाई है और हर बार जब भी वो चुनाव में दावेदार के तौर पर उतरते हैं तो स्पष्ट बहुमत से ही जीत हासिल करते हैं। 

ऑल्ड बॉयज नेटवर्क को युवा का पसंदीदा
पीपुल्स पार्टी की रूढ़ीवादी विचार धारा के चलते वो युवाओं में कम लोकप्रिय हो चली थी और उसे "ओल्ड बॉयज नेटवर्क" कहा जाने लगा था, लेकिन सेबेस्टियन ने युवाओं को पार्टी को पार्टी के साथ जोड़ने में सफलता पाई है। द पीपुल्स पार्टी के लिए वे किसी चमत्कार की तरह ही बनकर उभरे हैं, जिसने एक किनारे लगती पार्टी को अचानक देश की मुख्यधारा में ला खड़ा किया है। पीपुल्स पार्टी की यह अब तक की सबसे बड़ी जीत मानी जा रही है।

2017 में मिला पीपुल्स पार्टी की अध्यक्षता का मौका

मई 2017 में सेबेस्टियन कुर्ज को पीपुल्स पार्टी का अध्यतक्ष बनाया गया और इस जीत का श्रेय भी उन्हें ही दिया जा रहा है। इससे पहले वो कुर्ज वियना सिटी काउंसिल के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

"Wunderwuzzi" के नाम से लोकप्रिय कुर्ज

Wunderwuzzi इस शब्द का कोई सीधा मतलब नहीं है लेकिन उनके प्रशंसक उनके काम के दबंग अंदाज के चलते युवा उन्हें इसी नाम से बुलाते हैं।  फ्रांस और केनेडा के इमेन्युएल मैकरोन और जस्टीन थ्रीडाऊ से उनकी अक्सर तुलना भी की जाती है, क्योंकि उन्होंने अपने बल पर पार्टी में नई जान भरी और आश्चर्यजनक जीत भी दिलाई है।

अपने अलग ही अंदाज में काम करते हैं कुर्ज

एक अलग ही अंदाज में अपना हर काम करने वाले सेबेस्टियन कुर्ज देश के युवाओं को बहुत आकर्षित करते हैं। ऊंचे पद पर रहते हुए भी वे हर कदम पर पुराने तौर तरीकों से अलग हटकर नए तरीके से बेहतर करने की कोशिश करते हैं। वे बिना टाई पहने भी आफिस पहुंच जाते हैं तो जरूरी कामों को करने के लिए कार्यालय पहुचंने का इंतजार न कर कंही भी किसी भी मुद्दे पर बातचीत करने लग जाते है। सेबेस्टियन के काम करने का यह अल्हड़ अंदाज लोगों को खूब आकर्षित करता है। 

वैश्विक नीति बनाने में बेजोड़ प्रतिभा

कुर्ज की स्पेशेलिटी फोरन अफेर्यस हैं।सेबेस्टियन को मिली सफलता निश्चित रूप से उनकी अद्वितीय प्रतिभा का परिणाम है। उन्होंने इरान के परमाणु कार्यक्रम पर छ देशों के बीच हुई उच्च स्तरीय वार्ता का सफलतापूर्वक संचालन किया था।अप्रवासियों के मुद्दे पर भी उन्होंने अत्यंत सक्रियता दिखाते हुए अपने देश के लोगों की शंकाओं को विश्व समुदाय के सामने रखने में भूमिका निभाई थी जब भारी संख्या में मुस्लिम अप्रवासी यूरोप में प्रवेश कर रहे थे। उन्होंने कहा था कि बिना किसी चेकिंग के और बिना किसी पहचान के ये अप्रवासी देश और समाज के लिए समस्या बन सकते हैं, इसलिए उनके आवागमन पर चेकिंग की एक व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने बार्डर पर एक कड़े नियम को बनाने की वकालत की थी।

सेबेस्टियन कुर्ज को देश की कमान संभालने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है क्योकिं संपन्न चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। देश का नेतृत्व करने के लिए उन्हें अन्य पार्टियों के मदद की जरूरत पड़ेगी जिसके लिए उन्हें उनकी मांगों पर समझौता भी करना पड़ सकता है। हलांकि अब समझौता बनता दिख रहा है और उनके चांसलर बनने का रास्ता काफी हद तक साफ हो गया है। यहां के मतदाताओं ने सेबेस्टियन कुर्ज की पीपुल्स पार्टी को सबसे अधिक 31.4 फीसदी मत दिया है। वहीं फ्रीडम पार्टी को 27.4 फीसदी मत मिले हैं तो इस समय देश का शासन संभाल रही सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ आस्ट्रिया को सिर्फ 26.7 फीसदी वोट हासिल हो सके हैं। इस मामले में अतिंम फैसला 19 अक्टूबर को आएगा जोकि 31 अक्टूबर को घोषित होगा।

Created On :   17 Oct 2017 9:13 AM IST

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