80 प्रतिशत निरक्षरता दर से 95.2 प्रतिशत नौ वर्षीय नि:शुल्क शिक्षा की समेकन दर तक
- 80 प्रतिशत निरक्षरता दर से 95.2 प्रतिशत नौ वर्षीय नि:शुल्क शिक्षा की समेकन दर तक
डिजिटल डेस्क, बीजिंग। चीनी शिक्षा मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में चीन में शिक्षा का प्रसार-प्रचार स्तर विश्व के मध्य और ऊपरी स्तर पर जा पहुंचा है। चीन लोक गणराज्य की स्थापना के आरंभ में सारे देश में 80 प्रतिशत से अधिक लोग निरक्षर थे। पर वर्ष 2020 तक चीन में नौ वर्षीय नि:शुल्क शिक्षा की समेकन दर 95.2 प्रतिशत तक पहुंच गयी है। स्कूलों में विद्यार्थियों की कुल संख्या 28 करोड़ 90 लाख तक पहुंच गयी। उन आंकड़ों से यह जाहिर हुआ है कि नये चीन की स्थापना के 70 से अधिक वर्षों में चीन के विज्ञान, तकनीक और शिक्षा कार्य में निरंतर विकास हुआ है। शिक्षा का प्रसार-प्रचार स्तर धीरे धीरे उन्नत हो रहा है। विज्ञान और तकनीक में सृजन की क्षमता लगातार मजबूत हो रही है। सुयोग्य व्यक्तियों की टीम दिन-ब-दिन शक्तिशाली बनती जा रही है। ये सभी देश के आर्थिक और सामाजिक विकास को मजबूत कर रहे हैं।
नये चीन की स्थापना के आरंभ में चीन का शिक्षा स्तर नीचे था। लोगों की सांस्कृतिक गुणवत्ता बहुत खराब थी। स्कूल जाने वाले उम्र के बच्चों में केवल 20 प्रतिशत बच्चों को स्कूल में पढ़ने का मौका मिला। पूरे देश में 80 प्रतिशत से अधिक लोग निरक्षर थे। चीन लगातार बुनियादी शिक्षा पर ध्यान देता है। सुधार और खुलेपन के बाद शिक्षा का व्यापक विकास हुआ। अनिवार्य शिक्षा निरंतर रूप से सुधर रही है। उच्च शिक्षा धीरे-धीरे मजबूत हो रही है। राष्ट्रीय शिक्षा स्तर लगातार उन्नत हो रही है। वर्ष 2020 के अंत तक चीन में विभिन्न स्तरीय और विभिन्न तरह के स्कूलों की कुल संख्या 5 लाख 37 हजार 1 सौ तक पहुंच गयी। स्कूलों में शिक्षकों की कुल संख्या 1 करोड़ 79 लाख 21 हजार है। इसकी चर्चा में चीनी शिक्षा मंत्रालय के विकास और योजना विभाग के प्रधान ल्यू छांगया के विचार में वर्तमान में चीन की विभिन्न स्तरीय शिक्षा का प्रसार-प्रचार स्तर लगातार उन्नत हो रहा है। जनता के लिये शिक्षा पाने के मौके का ज्यादा से ज्यादा विस्तार हो रहा है।
ल्यू छांगया के अनुसार पूर्व स्कूली शिक्षा का तेज विकास हो रहा है। सार्वजनिक बालवाड़ियों और सार्वजनिक बालवाड़ियों जैसे सेवा देने वाले निजी बालवाड़ियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अनिवार्य शिक्षा एक ऊंचे स्तर पर है। बड़ी कक्षा और बहुत बड़ी कक्षा का अनुपात निरंतर रूप से कम हो रहा है। हाई स्कूल शिक्षा का प्रसार-प्रचार स्थिरता से मजबूत हो रहा है। साथ ही स्कूलों की बुनियादी स्थिति और उच्च शिक्षा का ढांचा भी लगातार सुधर रहा है।
प्रधान ल्यू के मुंह में वह बड़ी कक्षा और बहुत बड़ी कक्षा चीन में शहरीकरण की तेज प्रक्रिया के साथ श्रेष्ठ शिक्षा संसाधनों के प्रति जनता की मांग और शिक्षा की आपूर्ति के बीच मौजूद अंतरविरोध का एक प्रतिबिंब है। यानी अनिवार्य शिक्षा के चरण में बहुत से शहरों के स्कूलों में एक कक्षा में विद्यार्थियों की कुल संख्या 56 या 66 से और अधिक है। चीन ने अनिवार्य शिक्षा की गुणवत्ता को उन्नत करने के लिये बड़ी कोशिश की है। बड़ी कक्षाओं को कम करना तो वर्ष 2018 की सरकारी कार्य रिपोर्ट में शामिल किया गया है। जिससे वह शहरी और ग्रामीण अनिवार्य शिक्षा के एकीकरण में सुधार और विकास का एक महत्वपूर्ण कर्तव्य बन गया। वर्ष 2020 तक चीन में 56 से अधिक व्यक्तियों समेत बड़ी कक्षा मुख्य तौर पर खत्म हो गयी।
उधर शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच अनिवार्य शिक्षा के अंतर को कम करने के लिये, और ग्रामीण बच्चों को भी निष्पक्ष और अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा देने के लिये चीन ने व्यापक रूप से गरीब क्षेत्रों में अनिवार्य शिक्षा में सुधार कार्य शुरू किया। ताकि वर्ष 2019 के अंत तक सभी अनिवार्य शिक्षा देने वाले स्कूल 20 बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा कर सकें। चीनी शिक्षा मंत्रालय के निगरानी विभाग के इंस्पेक्टर हू येनफिन ने कहा कि अब निश्चित लक्ष्य मुख्य तौर पर पूरा हो गया। उनके अनुसार, अब सारे चीन में 3 लाख 9 हजार 6 सौ अनिवार्य शिक्षा वाले स्कूलों और शिक्षा केंद्रों ने 20 बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा किया है। यह संख्या अनिवार्य शिक्षा देने वाले सभी स्कूलों के 99.76 प्रतिशत तक पहुंच गयी है। ग्रामीण स्कूलों में स्थिति स्पष्ट रूप से सुधरी है।
अब चीन व्यापक रूप से उच्च शिक्षा कार्य के विकास को मजबूत कर रहा है। आंकड़ों के अनुसार वर्तमान में चीन में अंडर ग्रेजुएट कॉलेजों की संख्या 1270 तक पहुंच गयी है। उच्च व्यावसायिक कॉलेजों की संख्या 1468 तक पहुंच गयी। और उच्च शिक्षा की नामांकन दर 54.4 प्रतिशत तक हो गयी है। चीनी शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग के उप प्रधान फान हाईलिन ने कहा कि अब चीन ने सामान्य उच्च शिक्षा की पढ़ाई गुणवत्ता के राष्ट्रीय मापदंड समेत सिलसिलेवार कदम उठाये हैं। साथ ही नये इंजीनियरिंग, नये मेडिकल, नये कृषि विज्ञान और नये संस्कृति, कला का विकास करके अनुशासन संरचना का अनुकूलन किया गया।
उन उपलब्धियों के पीछे सुधार और खुलेपन के बाद चीन ने शिक्षा पर खूब पूंजी-निवेश लगायी है। हर साल इस रकम में 17.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वर्ष 2020 में शिक्षा पर कुल मिलाकर 53 खरब 1 अरब 40 करोड़ युवान की पूंजी लगायी गयी। चीन जनता से संतुष्ट शिक्षा पर कायम रहता है, शिक्षा की निष्पक्षता को मजबूत करने और शिक्षा की गुणवत्ता को उन्नत करने पर ध्यान देता है। शिक्षा ढांचे का समायोजन और सुधार किये जाने के बाद विभिन्न स्तरीय और विभिन्न किस्मों वाली शिक्षा को छलांग लगाने का विकास प्राप्त होगा।
(चंद्रिमा - चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
आईएएनएस
Created On :   6 Sept 2021 7:31 PM IST