जंग के मैदान में व्लादिमीर पुतिन को हराने का श्योर शॉट तरीका, पुतिन के करीबी रहे शतरंज के बड़े खिलाड़ी ने बताई पुतिन की बड़ी कमजोरियां!
- कौन हैं ग्रैंडमास्टर गैरी कास्परोव
- ग्रैंडमास्टर गैरी कास्परोव ने बताई पुतिन की कमजोरी
- मिला पुतिन को हराने का मंत्र
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शतरंज के ग्रैंडमास्टर गैरी कास्परोव, जो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के मानसिकता को बखूबी समझते हैं, उन्होंने काफी विस्तृत तौर पर बताया है कि यूक्रेन पर आक्रमण के बाद पुतिन को कैसे अलग किया जा सकता है और अंततः उन्हें कैसे हराया जाए।
2015 में लिखी थी किताब
शतरंज के ग्रैंडमास्टर ने 2015 में "विंटर इज़ कमिंग: व्हाई व्लादिमीर पुतिन एंड द एनिमीज़ ऑफ़ द फ्री वर्ल्ड मस्ट बी स्टॉप्ड" नाम की किताब लिखी थी। इस किताब में पुतिन को लेकर जैसी स्थिति उन्होंने बताई थी, वह अभी के समय में भी साफतौर पर दिखाई दे रही है। बता दें कि, इस किताब के आने के एक साल बाद ही पुतिन ने यूक्रेन से क्रीमिया को अवैध रूप से कब्जा कर लिया था।
कास्पारोव ने कहा, "यूक्रेन पर पुतिन के आक्रमण और 2014 में क्रीमिया पर कब्जा करने से ही उसके स्वभाव और खतरे के बारे में कुछ साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता।" "तब से पुतिन के साथ बातचीत करने का कोई भी प्रयास भ्रष्टाचार, कायरता और निंदक है। उसे तुरंत आइसोलेट कर देना चाहिए था। लेकिन यह करने के बजाय, हम यहां बैठे हैं।”
क्या कहते हैं चेस ग्रैंडमास्टर?
कास्पारोव ने एक ट्वीट के जरिए बताया है कि व्हादिमीर पुतिन को इस जंग में हराने के लिए दूसरे देशों को क्या तरकीब अपनानी चाहिए। कास्पारोव ने अपने ट्वीट में लिखा, "चूंकि मैंने आज पुतिन और यूक्रेन के बारे में बहुत सारे सवालों के जवाब दिए हैं, और मेरी किताब विंटर इज कमिंग में, मैं इसे पिन कर रहा हूं।" "मुझे उम्मीद थी कि यह अब तक इतिहास होगा, लेकिन पुतिन को धन्यवाद, क्योंकि यह अभी भी एक करेंट टॉपिक बना हुआ है। यूक्रेन को सपोर्ट कर रहे देशों के लिए उन्होंने लिखा, "तुरंत यूक्रेन का सैन्य रूप से और जमीनी तौर पर समर्थन करें, खासकर हथियार, इंटेल और साइबर का इस्तेमाल करें। पुतिन की युद्ध मशीन को दिवालिया करने के लिए," रूस के वित्त को फ्रीज और जब्त करें। रूस को हर अंतरराष्ट्रीय और वित्तीय संस्थान जैसे पेस, इंटरपोल, आदि से बाहर निकालें।"
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को "रूस के सभी राजदूतों को वापस बुलाना चाहिए। बात करने का कोई मतलब नहीं बनता है। एकजुट होकर नया संदेश देना चाहिए, "बंद करो या पूरी तरह से अलग हो जाओ"। "पुतिन के दुनियाभर में मौजूद डिक्टेटर मशीन पर प्रतिबंध लगाएं। तानाशाह के लिए झूठ और नफरत फैलाने में मदद करना बंद करें। उन्हें बंद करें और घर भेजें।"
कास्पारोव यहीं नहीं थमे उन्होंने आगे लिखा "स्वतंत्र विश्व में पुतिन को बेनकाब करने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है। अगर श्रोडर और उनके जैसे लोग पुतिन के लिए काम करना जारी रखते हैं, तो चार्ज लगाएं। कार्लसन जैसे पुतिन प्रचारकों को मंच देने वाले नेटवर्क के मालिकों और एडवरटाइजर से पूछें कि वे इसकी अनुमति क्यों देते हैं।" अंत में, उन्होंने लिखा कि वैश्विक समुदाय को "रूसी तेल और गैस" का बहिष्कार करना चाहिए। ओपेक पर दबाव बनाएं, उत्पादन बढ़ाएं, कीस्टोन को फिर से खोलें। अगर आप इस बार लोगों को नहीं बचा पाते हैं तो आप इस प्लैनेट को नहीं बचा सकते।
"स्वीकार करें कि हमें इस बलिदान की कीमत चुकानी होगी," उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, "हमने बहुत लंबा इंतजार किया, और इसकी कीमत भी चुकाई है, समय के साथ यह कीमत बढ़ती ही जाएगी। यह लड़ने का समय है।"
उन्होंने ट्विटर पर अपने लगभग 700,000 फॉलोअर्स के बीच यह पांच ट्वीट किए। जो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो गए।
एक असहमत रूसी और मानवाधिकार एडवोकेट कास्पारोव, पश्चिमी नेताओं को दशकों से पुतिन को खुश न करने की चेतावनी देने वाली अकेली आवाजों में से एक रहे हैं। उन्होंने गुरुवार को कहा कि "पश्चिमी नेताओं ने शायद ही कभी रूसी विपक्षी नेताओं की बात सुनी, और जब उन्होंने हमारी बात सुनी तो शायद ही कभी कार्रवाई की। क्या अब उनसे यूक्रेनी नेताओं को भी सुनने के लिए कहना कोई बड़ी बात है?"
ट्विटर पर यह पूछे जाने पर कि क्या रूसी पुतिन के खिलाफ विद्रोह करेंगे, कास्पारोव ने जवाब दिया: “हमेशा एक मौका होता है। तानाशाही मजबूत तो हो लेकिन यह टूट भी सकती है। अगर ब्लिट्जक्रेग फेल हो जाता है तो पुतिन का छिपना बहुत मुश्किल हो जाएगा, इसके साथ ही आज विरोध करने वाले हजारों लोग एक मिलियन भी हो सकते हैं। लेकिन 21 साल बाद ऐसा कुछ करना काफी मुश्किल है।
"मुझे हैरानी है कि अमेरिकी इंटेलिजेंस दिग्गज रूसी लोगों को सच्चाई दिखाने में मदद करने के लिए क्या कर सकते हैं। दुर्भाग्य से अधिकांश लोगों को सरकारी टीवी चैनल से समाचार मिलते हैं, वहीं ऐप्पल, फेसबुक, गूगल और जैसे बाकी के सोशल मीडिया के पास काफी पहुंच है। लेकिन आमतौर पर साहस कोई नहीं दिखाता।"
कास्पारोव ने पुतिन की मदद करने की वजह से जर्मनी को आड़े हाथों लिया और कहा, " जर्मनी ने यूक्रेन को हथियार भेजने से इनकार कर दिया लेकिन उसने पुतिन को काफी लंबे समय तक युद्ध मशीनें भेजी हैं, यहां तक कि उसने रूस को स्विफ्ट से हटाने के लिए भी सहमती नहीं जताई। बुराई और अच्छाई की जंग में वह हमेशा बुराई का पक्ष लेगा"।
Created On :   3 March 2022 2:17 PM IST