विपक्ष के मार्च से बचने के लिए इमरान सरकार ने खेला कश्मीर कार्ड

Imran government played Kashmir card to avoid opposition march
विपक्ष के मार्च से बचने के लिए इमरान सरकार ने खेला कश्मीर कार्ड
विपक्ष के मार्च से बचने के लिए इमरान सरकार ने खेला कश्मीर कार्ड

इस्लामाबाद, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान में सत्तारूढ़ इमरान सरकार अपनी घरेलू राजनैतिक मुसीबतों से बचने के लिए कश्मीर मुद्दे की किस हद तक आड़ लेती है, इसका प्रमाण एक विपक्षी पार्टी के सरकार विरोधी मार्च पर उसके रुख से मिला है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मौलाना फजलुर रहमान के नेतृत्व वाले विपक्षी दल जमियते उलेमाए इस्लाम (जेयूआई-एफ) के सरकार के खिलाफ प्रस्तावित आजादी मार्च के मुकाबले के लिए खुलकर कश्मीर कार्ड खेला है और भारत का डर दिखाया है।

पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि 27 अक्टूबर को मौलाना द्वारा मार्च व इस्लामाबाद में प्रस्तावित धरना भारतीय पिच पर खेलने के समान है जिससे कश्मीर के मुद्दे को नुकसान पहुंचेगा।

कुरैशी ने एक निजी चैनल से बातचीत के दौरान यह बात कही। उन्होंने मौलाना फजलुर रहमान से मार्च के फैसले पर पुनर्विचार की अपील की।

उन्होंने कहा, मौलाना ने इस्लामाबाद में 27 अक्टूबर को प्रदर्शन का ऐलान किया है। 27 अक्टूबर वही तारीख है जब भारत ने कश्मीर पर कब्जा कर लिया था। यह दिन कश्मीरी अवाम से संबद्ध है। इस दिन प्रदर्शन कर जेयूआई-एफ न केवल पाकिस्तान को बल्कि कश्मीर की मुहिम को भी नुकसान पहुंचाएगी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत द्वारा 1947 में श्रीनगर में सेना उतारने के दिन 27 अक्टूबर को काला दिवस के रूप में मनाया जाता है।

कुरैशी ने चेतावनी दी कि अगर 27 अक्टूबर को कश्मीर के अलावा किसी और मुद्दे पर बात हुई तो भारत इसे बढ़ा चढ़ाकर पेश करेगा। मौलाना प्रदर्शन करें लेकिन कश्मीर के मामले से इसे गुत्मगुत्था नहीं कर देना चाहिए।

इस बीच, मौलाना फजलुर रहमान के खिलाफ इमरान सरकार का पारा ऊपर चढ़ रहा है। यह मंत्रियों के बयान से साफ हो रहा है। पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्री फैसल वावडा ने मौलाना के आजादी मार्च और उनकी खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि मौलाना फजल जैसे कार्टून कैरेक्टर आते-जाते रहते हैं।

Created On :   4 Oct 2019 11:00 AM GMT

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