India-China dispute: ड्रैगन ने की पहल पर रूस में मिले दोनों देश के रक्षा मंत्री, 4 महीने से जारी तनाव के बीच  राजनाथ और वेई फेंग्हे की पहली मुलाकात   

India-China dispute: Defense Minister of both countries met in Russia at the initiative of Dragon
India-China dispute: ड्रैगन ने की पहल पर रूस में मिले दोनों देश के रक्षा मंत्री, 4 महीने से जारी तनाव के बीच  राजनाथ और वेई फेंग्हे की पहली मुलाकात   
India-China dispute: ड्रैगन ने की पहल पर रूस में मिले दोनों देश के रक्षा मंत्री, 4 महीने से जारी तनाव के बीच  राजनाथ और वेई फेंग्हे की पहली मुलाकात   
हाईलाइट
  • राजनाथ सिंह ने एससीओ की रीजनल एंटी-टेररिज्म स्ट्रक्चर (RATS) के काम को सराहा
  • रूस ने पाकिस्तान को किसी भी तरह के हथियार की सप्लाई नहीं करने की अपनी पॉलिसी दोहराई

डिजिटल डेस्क, मॉस्को। रूस की राजधानी मॉस्को में भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीन के समकक्ष वेई फेंग्हे के बीच शुक्रवार को बैठक हुई। चीन की ओर से रक्षा मंत्रियों की मुलाकात की पहल की गई थी। एलएलसी पर करीब 4 महीने से जारी विवाद के बीच यह दोनों देशों के नेताओं के बीच पहली मुलाकात थी। दोनों देश के बीच सीमा पर तनाव खत्म करने को लेकर 2 घंटे 20 मिनट तक बैठक चली। गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाएं मई से आमने-सामने हैं। खबरों के मुताबिक, चीनी समकक्ष के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की बैठक में रक्षा सचिव अजय कुमार और रूस में भारतीय राजदूत डीबी वेंकटेश वर्मा भी मौजूद हैं।

 

 

बता दें कि सिंह और वेई दोनों शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए मॉस्को में हैं। हालांकि मई की शुरुआत में भी विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने तनाव खत्म करने के लिए चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ अलग-अलग टेलीफोन पर बातचीत की थी।

बता दें कि जून में गलवान घाटी में जब चीन और भारत के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, उसके बाद भी राजनाथ सिंह रूस पहुंचे थे। तब रूस की विक्ट्री परेड का जश्न मनाया जा रहा था। उस वक्त भी चीन के प्रतिनिधि वहां मौजूद थे, लेकिन राजनाथ सिंह ने चीनी अधिकारियों से बैठक नहीं की थी। चीन की ओर से तब भी ऐसी ही मांग की गई थी। 

SCO-CSTO-CIS मेंबर्स की ज्वाइंट मीटिंग में चीन को दी नसीहत
इससे पहले राजनाथ ने मॉस्को SCO-CSTO-CIS मेंबर्स की ज्वाइंट मीटिंग को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि शंघाई कॉर्पोरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) रीजन में सुरक्षा और स्थिरता के लिए भरोसे का माहौल, गैर-आक्रामकता, इंटरनेशनल नियमों का सम्मान और मतभेदों का शांतिपूर्ण समाधान बेहद जरूरी है। राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि आज मैं फिर से दोहराता हूं कि भारत ग्लोबल सिक्योरिटी आर्किटेक्चर के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। हमें आतंकवाद, ड्रग ट्रैफिकिंग जैसे खतरों से निपटने के लिए संस्थागत क्षमता की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मैं हमारे प्रधानमंत्री के विचारों को दूसरी तरह से कहूं, तो हमार मकसद सुरक्षा और सभी का विकास है।

दुनिया की 40 फीसदी से ज्यादा आबादी एससीओ में रहती है
मॉस्को में एससीओ के रक्षामंत्रियों की बैठक में चीन के रक्षामंत्री जनरल वेई फेंगहे की मौजूदगी में राजनाथ ने कहा, दुनिया की 40 फीसदी से ज्यादा आबादी एससीओ में रहती है। ऐसे में शांतिपूर्ण, स्थिर और सुरक्षित क्षेत्र का माहौल बनाने के लिए विश्वास और सहयोग, गैर-आक्रामकता, अंतरराष्ट्रीय नियम-कायदों के लिए सम्मान, एक दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशीलता और मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान की जरूरत है।

क्या दोनों देशों के विदेश मंत्री भी मिलेंगे?
विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी कुछ दिन में रूस जाएंगे। वो SCO के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में शामिल होंगे। यहां भी चीन और भारत के विदेश मंत्रियों की मुलाकात हो सकती है। इस मसले पर गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अभी ये मुलाकात तय नहीं है।

Created On :   4 Sep 2020 5:47 PM GMT

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