CAB: भारत ने इमरान को दी नसीहत, कहा- अपने देश के अल्पसंख्यकों पर ध्यान दें

Indian Foreign Ministry objected to Pakistan Prime Minister Imran Khans statement
CAB: भारत ने इमरान को दी नसीहत, कहा- अपने देश के अल्पसंख्यकों पर ध्यान दें
CAB: भारत ने इमरान को दी नसीहत, कहा- अपने देश के अल्पसंख्यकों पर ध्यान दें

डिजिटल डेस्क, दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान पर अपत्ति जताई, विदेश मंत्रालय ने कहा, "हमारे देश के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने की बजाय अपने देश (पाकिस्तान) के अल्पसंख्यकों की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए" विदेश मंत्रालय ने कहा, हमें उनके हर बयान का जवाब देने की जरूरत नहीं है। इमरान ने नागरिकता विधेयक को लेकर गुरुवार को कई ट्वीट किए और भारत की आलोचना की थी।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान के ज्यादातर बयानों का कोई अर्थ नहीं होता है। पाकिस्तान के ईश निंदा कानूनों का उल्लेख करते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पड़ोसी देश के संविधान में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव किया जाता है।

गौरतलब है कि इमरान खान ने गुरुवार को भारत सरकार पर आरोप लगाया था कि वह सुनियोजित तरीके से हिंदू सर्वोच्चवादी एजेंडा को आगे बढ़ा रही है और इससे पहले कि देर हो जाए, विश्व को अवश्य ही कदम उठाना चाहिए। इमरान खान ने सिलसिलेवार ट्वीट में नागरिकता (संशोधन) विधेयक का जिक्र किया था। 

बता दें कि नागरिकता संशोधित कानून में अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यक शरणार्थियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को नागरिकता मिलने का समय घटाकर 11 साल से 6 साल किया गया है। मुस्लिमों और अन्य देशों के नागरिकों के लिए यह अवधि 11 साल ही रहेगी।

गैर-मुस्लिमों ने 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले वैध यात्रा दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश किया है या उनके दस्तावेजों की वैधता समाप्त हो गई है, उन्हें भी भारतीय नागरिकता प्राप्त करने की सुविधा रहेगी। जबकि बिना वैध दस्तावेजों के पाए गए मुस्लिमों को जेल या निर्वासित किए जाने का प्रावधान ही रहेगा।

Created On :   13 Dec 2019 4:04 AM GMT

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