अफगानिस्तान में 'सेव द चिल्ड्रेन' के मुख्यालय पर IS का हमला, 6 की मौत

डिजिटल डेस्क, जलालाबाद। अफगानिस्तान के जलालाबाद शहर में एक ब्रिटिश सहायता एजेंसी "सेव द चिल्ड्रेन" के मुख्यालय पर अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी संगठन, इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने हमला कर दिया। जिसमें तीन हमलावरों सहित कम से कम छह लोगों की मौत हो गई है। वहीं 50 अन्य लोग घायल हो गए। जानकारी के अनुसार, कार्यालय परिसर के प्रवेश द्वार पर एक संदिग्ध कार में विस्फोट होने के साथ हमला शुरू हुआ। इसके बाद कई हमलावर इमारत में घुसकर ताबड़तोड़ फायरिंग करने लगे। जिस वक्त यह घटना हुई उस समय इमारत में लगभग 50 लोग काम कर रहे थे। घटना के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई, बताया जा रहा है कि हमलावर पुलिस की ड्रेस में थे।
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16 प्रांतों में सक्रिय है "सेव द चिल्ड्रेन" एजेंसी
घटना के संबंध में नांगरहार प्रांत के सरकारी प्रवक्ता अताउल्ला खोगयानी ने कहा कि दो सुरक्षाकर्मी और एक नागरिक और तीन हमलावरों की मौत हुई है। प्रांतीय परिषद के एक सदस्य जबीहुल्ला जमराई ने कहा कि एक घायल हमलावर लगता है अभी भी इमारत के अंदर मौजूद है और वह सुरक्षाबलों का मुकाबला कर रहा है। संस्था के अंदर धमाके के लिए राकेट ग्रेनेड का इस्तेमाल किया गया है।
इस हमले के बाद सहायता एजेंसी ने अफगानिस्तान में उसके सभी अभियानों को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। लंदन मूल की सहायता एजेंसी की वेबसाइट के अनुसार, "सेव द चिल्ड्रेन" एजेंसी अफगानिस्तान के 34 में से 16 प्रांतों में सक्रिय होकर सात लाख से भी ज्यादा बच्चों को लाभ पहुंचा रही है।
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संस्था ने अपना कामकाज बंद किया
प्रवक्ता अताउल्ला खोगयानी ने कहा कि हमलावरों द्वारा सुबह हमला करने के बाद सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की जो करीब तीन घंटे से अधिक समय तक चली, फिलहाल कार्रवाई खत्म हो चुकी है। ‘सेव द चिल्ड्रेन’ के कार्यालय पर इस्लामिक स्टेट के बंदूकधारियों के हमले के बाद इस परमार्थ संस्था ने यहां अपना कामकाज रोक दिया। एजेंसी ने बयान जारी कर कहा कि वह जल्द से जल्द इन परियोजनाओं को दोबारा शुरू करने के लिए वचनबद्ध है। आईएस की स्थानीय इकाई ने संगठन ने "अमक न्यूज" के माध्यम से हमले की जिम्मेदारी ली है। इसके अनुसार उसने जलालाबाद में चार हमलावरों और विस्फोटकों से भरी एक कार के जरिए ब्रिटेन, स्वीडन और अफगानिस्तानी संस्थानों को निशाना बनाया है। एक प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार, पहले एक सफेद कार आई, जिसमें से हथियारबंद लोग बाहर निकले और उन्होंने गोलीबारी कर कार में विस्फोट कर दिया।
16:44: updated statement on the situation in Jalalabad #Afghanistan pic.twitter.com/JISuqSDDIn
— Save the Children (@save_children) January 24, 2018
ब्रिटिश राजदूत निकोलस ने जताई संवेदना
सहायता एजेंसी ने ट्वीट किया कि "यह तहस-नहस करने वाला था।" अफगानिस्तान में ब्रिटिश राजदूत निकोलस के ने ट्वीट किया, "यह एक जुर्म है।" अफगानिस्तान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने कहा कि देश भर में मौजूद सुरक्षा कर्मियों को आतंकियों के खिलाफ कोई रहम नहीं दिखाने का आदेश दे दिया गया है। अफगानिस्तान में स्वीडन के राजदूत तोबिआस थाईबर्ग ने भी घटना की निंदा करते हुए कहा कि वे बेगुनाहों की रक्षा में शहीद होने वालों को श्रद्धांजलि देते हैं और उनके परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हैं। इन हमलों से अफगानिस्तान टूटने वाला नहीं है।
This is an outrage. Any attack on children humanitarians is a crime against humanity. I hope for a quick and safe end to this horrific incident in #Jalalabad https://t.co/X0JeWAfkQd
— Nick Kay (@NicholasK111) January 24, 2018
The Secretary-General is appalled by the attack on the offices of the international NGO @SavetheChildren in Jalalabad, Afghanistan: https://t.co/MhTKRvj8pL
— UN Spokesperson (@UN_Spokesperson) January 24, 2018
An updated statement on the incident in Jalalabad #Afghanisatan #Savethechildren #Jalalabad pic.twitter.com/yaftLOh7dU
— Save the Children (@save_children) January 24, 2018
Our statement on the incident in Jalalabad, Afghanistan. #Jalalabad #Afghanistan pic.twitter.com/q0Ro8YhV2q
— Helle Thorning S (@HelleThorning_S) January 24, 2018
पिछले वर्ष अक्टूबर में "रेड क्रॉस" ने कहा था कि संगठन पर लगातार हमलों और सात सदस्यों की हत्याओं के बाद संस्था अपनी गतिविधियां तेजी से कम करेगी। "सेव द चिल्ड्रन" अफगानिस्तान में बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए काम करती है। अफगानिस्तान में सेवार्थ संस्थाओं को कठिन परिस्थितियों में काम करना पड़ता है।
Created On :   25 Jan 2018 11:33 AM IST