स्वतंत्रता दिवस से पहले बड़े घरेलू संकट से घिरा इजरायल, विवादित कानून के संसद में पारित होने के विरोध में सड़कों पर उतरे लाखों लोग
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आने वाली 14 मई को यहूदी बहुल देश इजरायल अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। लकेन इससे पहले यहां सड़कें प्रदर्शनकारियों से भरी हुई हैं। ये प्रदर्शन देश की नेतन्याहू सरकार द्वारा संसद में पारित किए उस कानून के खिलाफ हो रहे हैं जिनमें उन्होंने न्याय व्यवस्था में बड़े बदलाव किये हैं। हालांकि ये प्रदर्शन देश में उस समय से हो रहे हैं जब इसी साल की शुरूआत में पीएम नेतन्याहू की गठबंधन सरकार ने न्यायिक फेरबदल की योजना बनाने का फैसला लिया था। लेकिन आज जब यह प्रस्ताव कानून की शक्ल में संसद में पारित किया गया तो नागरिक उग्र हो गए और सरकार के खिलाफ बड़ी संख्या में सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने लगे। स्थानीय मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक देश के हजारों कर्मचारियों ने भी इस कानून के खिलाफ हड़ताल पर जाने का फैसला किया है।
विवादित कानून हुआ संसद में पारित
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने उनको और उनकी सरकार को भ्रष्टाचार के आरोपों से बचाने के लिए न्यायिक फेरबदल का फैसला लिया था। संसद में न्यायपालिका में बदलाव लाने के लिए सरकार द्वारा लिए प्रस्तावित बहुत से विवादित कानूनों में से सबसे पहले पीएम को बचाने के लिए लाया गया कानून पारित कर दिया। इस कानून का संसद में सभी विपक्षी दलों ने विरोध किया। आलोचकों के मुताबिक, पीएम नेतन्याहू के इन बदलावों से देश में लोकतांत्र ख़त्म हो जाएगा। उनका मानना हे कि अदालतों पर नियंत्रण के ज़रिये नेतन्याहू अपने ख़िलाफ़ लगे भ्रष्टाचार के मामलों से बचना चाहते है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की गठबंधन सरकार ने उस विधेयक को मंजूरी दी है, जो भ्रष्टाचार और हितों से टकराव के मामले में सुनवाई का सामना कर रहे नेता को शासन करने से अयोग्य करार दिए जाने से उसकी रक्षा करेगा।
सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे लोग
नेतन्याहू सरकार के इस फैसले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शकारियों का कहना है कि सरकार के इस मनमाने फैसले से इजरायल अधिनायकवाद की ओर बढ़ेगा। उनका मानना है कि नेतन्याहू की सरकार ने ऐसा कानून इसलिए बनाया है क्योंकि वो सुप्रीम कोर्ट पर अपना नियंत्रण करना चाहती है। प्रदर्शनकारियों के मुताबिक, इन न्यायिक बदलावों से निर्वाचित सरकारें जजों की न्युक्ति पर निर्णायक असर पड़ सकता है। जानकारों का कहना है कि संसद में यह कानून उस समय पारित हुआ जब देश की सड़कों पर इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। हाल ही में देश के पब्लिक ब्राडकास्टर की तरफ से जारी किए गए एक सर्वे में बताया गया कि नेतन्याहू सरकार का यह प्लान बहुत ही अलोकप्रिय है। सर्वे में शामिल 53 फीसदी लोगों के मुताबिक सरकार का यह प्लान देश को बहुत नुकसान पहुंचाएगा।
Created On :   23 April 2023 3:41 PM IST