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दैनिक भास्कर हिंदी: कमला हैरिस की मां ने उनमें अच्छी इडली के प्रति प्यार जगाया

हाईलाइट
- कमला हैरिस की मां ने उनमें अच्छी इडली के प्रति प्यार जगाया
वाशिंगटन, 16 अगस्त (आईएएनएस)। अमेरिका के आगामी 3 नवंबर के चुनाव के लिए राष्ट्रपति पद के डेमोक्रेटिक पार्टी दावेदार जो बाइडेन की रनिंग मैट भारतीय-अमेरिकी कमला हैरिस ने कहा कि उनकी मां वह हमेशा से उनमें अच्छी इडली के प्रति प्यार को जगाना चाहती थीं। उनकी मां मूल रूप से चेन्नई की थीं।
उन्होंने भारत के 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शुक्रवार को एक वीडियो मैसेज में यह टिप्पणी की।
वीडियो की शुरुआत में वह कह रही हैं, भारत के लोगों और भारतीय-अमेरिकियों, मैं आपको भारतीय स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देना चाहती हूं।
उन्होंने कहा, 15 अगस्त, 1947 को पूरे भारत के पुरुषों और महिलाओं ने भारत देश की स्वतंत्रता की घोषणा का जश्न मनाया था। (और) आज 15 अगस्त, 2020 को, मैं आपके सामने अमेरिका के दक्षिण एशियाई मूल के उपराष्ट्रपति की पहली उम्मीदवार के रूप में खड़ी हूं।
वीडियो में हैरिस ने अपनी मां श्यामला गोपालन, जो भारत की एक कैंसर शोधकर्ता थी और पिता डोनाल्ड हैरिस जो एक अफ्रीकी जमैकन अर्थशास्त्र के प्रोफेसर थे, का भी उल्लेख किया है।
उन्होंने कहा, जब मेरी मां श्यामला ने कैलिफोर्निया के विमान से यहां कदम रखा था, तब वह मात्र 19 साल की थीं। उनके पास बहुत कुछ नहीं था, लेकिन उन्होंने एक चीज को बहुत संभाल कर रखा, वह था अपने घर पर अपने माता-पिता से मिली सीख।
हैरिस ने कहा, उन्होंने उन्हें सिखाया जब आप दुनिया में अन्याय देखते हैं, तो आपका दायित्व है कि आप इसके बारे में कुछ करें।
अपनी मां के साथ की यादों को याद करते हुए हैरिस ने कहा, बड़े होने पर मेरी मां, मेरी बहन माया और मुझे लेकर तब के मद्रास वापस आई थीं, क्योंकि वह चाहती थीं कि हम उस स्थान को समझें कि वह कहां से आई थीं और हमारा वंश कहां था।
उन्होंने कहा, और हां, जाहिर तौर पर वह हमारे अंदर इडली को लेकर प्यार जगाना चाहती थी।
उन्होंने कहा, मद्रास में मैं अपने नानाजी के साथ लंबी सैर पर जाती थी .. और वह मुझे उन नायकों की कहानियां सुनाते थे जो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के जन्म के लिए जिम्मेदार थे।
वीडियो के अलावा, हैरिस ने बधाई देने के लिए ट्विटर का भी सहारा लिया।
उन्होंने शनिवार को ट्विटर पर लिखा, भारतीय स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं! बीते 74 साल यह दर्शाते हैं कि हमारे लोगों ने न्याय की लड़ाई में कितनी प्रगति की है। मुझे आशा है कि आप आज मेरे जश्न में शामिल होंगे और फिर एक बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध होंगे।
एमएनएस/एसएसए
भोपाल: स्कोप कॉलेज में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने अपने छात्र -छात्राओं के भविष्य को संवारने के लिये भारत के आटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी हीरो मोटोकार्प के साथ एक करार किया जिसमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के लिये एक विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना संस्था के प्रांगण में की गई है। ये अपने आप में एक अद्वतीय पहल है तथा सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें सभी नवीनतम कम्प्यूटराइज्ड मशीन के द्वारा टू-व्हीलर ऑटोमोबाइल कार्यशाला प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस वर्कशाप में उद्घाटन के अवसर पर कम्पनी के जनरल मैनेजर सर्विसेज श्री राकेश नागपाल, श्री मनीष मिश्रा जोनल सर्विस हेड - सेंट्रल जोन, श्री देवकुमार दास गुप्ता - डी जी एम सर्विस, एरिया मैनेजर श्री राम सभी उपस्थिति थे। साथ ही संस्था के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अजय भूषण, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. मोनिका सिंह, अभिषेक गुप्ता आदि उपस्थित थे। संस्था के सभी शिक्षकगण तथा छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई , डॉ. मोनिका सिंह ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ. अजय भूषण ने सभी का स्वागत किया और बताया कि आने वाला समय कौशल विकास आधारित शिक्षा का है। कर्यक्रम में आईसेक्ट ग्रुप के कौशल विकास के नेशनल हेड अभिषेक गुप्ता ने ग्रुप के बारे मे विस्तार से बताया कि किस तरह हमेशा से आईसेक्ट ग्रुप ने कौशल विकास को हमेशा प्राथमिकता से लिया है। कार्यक्रम में एएसडीसी के सीईओ श्री अरिंदम लहिरी ऑनलाइन आकर सभी को बधाई दी तथा छात्र - छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभाषीस भी दी।
कार्यक्रम में डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि कौशल विकास आधारित शिक्षा सनातन काल से भारतवर्ष में चली आ रही है मध्यकालीन समय में कौशल विकास पर ध्यान नही दिया गया परंतु आज के तेजी से बदलते हुए परिवेश में विश्व भर में इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी आवश्यकता को देखते हुये स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कुछ ही समय में विभिन्न क्षेत्रों के सात सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है जो की विभिन्न क्षेत्रों मे छात्र- छात्राओं के कौशाल विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
भोपाल: सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों की बुलेट यात्रा का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में हुआ आगमन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंडिया गेट से जगदलपुर के लिए 1848 किमी की लंबी बुलेट यात्रा पर निकलीं सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने विश्वविद्यालय परिसर में आगमन पर भव्य स्वागत किया। लगभग 300 स्वयंसेवकों तथा स्टाफ सदस्यों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया। वहीं उनके स्वागत में एन एस एस की करतल ध्वनि से पूरा विश्वविद्यालय परिसर गुंजायमान हो उठा। इस ऐतिहासिक बाइक रैली में शामिल सभी सैन्यकर्मियों का स्वागत विश्वविद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक डॉ संजीव गुप्ता, डिप्टी रजिस्ट्रार श्री ऋत्विक चौबे, कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह व डॉ रेखा गुप्ता तथा एएनओ श्री मनोज ने विश्वविद्यालय की तरफ से उपहार व स्मृतिचिन्ह भेंट कर किया। कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए डिप्टी कमांडेंट श्री रवीन्द्र धारीवाल व यात्रा प्रभारी श्री उमाकांत ने विश्वविद्यालय परिवार का आभार किया। इस अवसर पर लगभग 200 छात्र छात्राएं, स्वयंसेवक व एनसीसी कैडेट्स समस्त स्टाफ के साथ स्वागत में रहे मौजूद।
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