लिवरपूल के तटीय इलाक़े, यूनेस्को की विश्व विरासत सूची से बाहर
![Liverpool coast, out of UNESCO World Heritage List Liverpool coast, out of UNESCO World Heritage List](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2021/07/liverpool-coast-out-of-unesco-world-heritage-list_730X365.jpg)
यूनेस्को ने बुधवार को जारी एक वक्तव्य में कहा है कि विश्व विरासत समिति के फ़ुज़होऊ (चीन) में और ऑनलाइन आयोजित हुए 44 वें सत्र में, लिवरपूल – मैरीटाइम मर्केण्टाइल सिटी (यूके) नामक सम्पत्ति को विश्व विरासत सूची से बाहर कर दिये जाने का निर्णय लिया गया है. इस सम्पत्ति की असाधारण वैश्विक महत्ता दर्शाने वाले तत्वों को, भरपाई नहीं हो सकने वाला नुक़सान होने के कारण, ये फ़ैसला लिया गया है.
वर्ष 2012 में लिवरपूल के शहरी इलाक़े के निकट इस्तेमाल नहीं किये जा रहे गोदी इलाक़े में प्रस्तावित भवनों व इमारतों के निर्माण सम्बन्धी गतिविधियों के बारे में चिन्ताएँ व्यक्त की गई थीं.
यूनेस्को की कमेटी ने निर्णय सुनाया है कि ये निर्माण गतिविधियाँ इस विरासत स्थल की प्रामाणिकता और साख़ के लिये हानिकारक हैं.
इस शहर के तटीय इलाक़ों में प्रस्तावित अनेक इमारतों और भवनों में, एवर्टन फ़ुटबॉल क्लब स्टेडियम का निर्माण भी शामिल है जो 2024-25 के खेल मौसम में खोला जाना प्रस्तावित है.
अग्रणी भूमिका की पहचान
लिवरपूल को, 18वीं और 19वीं शताब्दियों के दौरान, दुनिया के एक प्रमुख व्यापार केन्द्र के रूप में इसकी अहम भूमिका को पहचान देते हुए, वर्ष, 2004 में विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया था.
साथ ही इसकी गोदी यानि डॉकलैण्ड टैक्नॉलॉजी, परिवहन व्यवस्थाओं और बन्दरगाह प्रबन्धन की अग्रणी भूमिका को भी पहचान व सांस्कृतिक मान्यता दी गई थी.
लिवरपूल, यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में स्थान गँवाने वाला तीसरा विरासत स्थल है.
मीडिया ख़बरों से संकेत मिलता है कि लिवरपूल शहर की नेतृत्व हस्तियाँ यूनेस्को कमेटी के इस निर्णय पर निराश व चकित हैं, और इस निर्णय के ख़िलाफ़ अपील करने पर विचार किया जा रहा है.
सूची से बाहर
यूनेस्को की सूची से बाहर निकाला जाने वाला पहला स्थल ओमान में, अरबी ओरिक्स (पशु) अभयारण्य था, जिसे शिकारी गतिविधियों व इन पशुओं के रहने के स्थानों की गुणवत्ता में गिरावट आने के बाद, वर्ष 2007 में बाहर किया गया.
इस सूची से बाहर होने वाला दूसरा स्थल जर्मनी के ड्रेस्डेन में ऐलबे घाटी थी जिसे, पूरी ऐलबे नदी पर सड़क पुल बनाए जाने के कारण, वर्ष 2009 में सूची बाहर किया गया था.
संयुक्त राष्ट्र संस्था ने विश्व विरासत स्थलों की सूची 1972 में शुरू की थी और सबसे पहले 12 विश्व स्थलों को, इस सूची में जगह मिली थी.
मौजूदा सूची में 1100 से ज़्यादा विश्व स्थल शामिल हैं जो अफ़ग़ानिस्तान से लेकर ज़िम्बाब्वे तक, 167 देशों में स्थित हैं. इनमें अमेरिका का यैलोस्टोन राष्ट्रीय पार्क, भारत का ताजमहल और इथियोपिया के लालीबेला में गुफ़ा चर्च भी हैं.
इस सूची में सबसे हाल ही में शामिल होने वाला स्थल, न्यूज़ीलैण्ड के दक्षिण-पश्चिम इलाक़े में ‘ते वहीपोऊनामू पार्क’ है जहाँ दुर्लभ प्रजाति के ‘किया’ नामक तोते का निवास है. यहाँ साथ ही, ‘तकाहे’ नामक, एक विशाल व दुर्लभ चिड़िया भी पाई जाती है जो मुर्ग़ी की तरह होती है और उड़ नहीं सकती.
श्रेय -संयुक्त राष्ट्र समाचार
Created On :   22 July 2021 11:31 AM GMT