अमेरिका में मध्यावधि चुनाव, टिकी दुनिया की नजर

Mid-term elections in America, eyes of the world fixed
अमेरिका में मध्यावधि चुनाव, टिकी दुनिया की नजर
अमेरिका अमेरिका में मध्यावधि चुनाव, टिकी दुनिया की नजर
हाईलाइट
  • बाइडेन की अग्निपरीक्षा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका में आज मध्यावधि चुनाव हो रहे है, जिन पर पूरी दुनिया की नजर टिकी हुई है। मध्यावधि चुनावों में लाखों अमेरिकीय लोग वोटिंग करेंगे। माना जा रहा है कि मध्यावधि चुनावों के परिणाम का असर 2024 में होने वाले यूएस राष्ट्रपति चुनाव पर पड़ेगा।  आपको बता दें मध्यावधि चुनाव को सत्तारूढ़ राष्ट्रपति जो बाइडेन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच अग्निपरीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है।  

क्या होते है मध्यावधि चुनाव?

अमेरिका में राष्ट्रपति का कार्यकाल चार साल का होता है। जब राष्ट्रपति के कार्यकाल को दो वर्ष पूर्ण हो जाते है, तब मध्यावधि चुनाव होते है। ये चुनाव हर दो साल में होते है। कार्यकाल के मध्य में होने के कारण इन्हें मध्यावधि चुनाव कहते है। इस इलेक्शन में मुख्य रूप से प्रतिनिधि सभा और अमेरिकी सीनेट के नियंत्रण के लिए मुकाबला होता है।  सदन और सीनेट की करीब 500 सीटों के लिए 1,200 से अधिक उम्मीदवार मैदान में हैं।  वर्तमान में राष्ट्रपति पद के साथ-साथ कांग्रेस के दोनों कक्षों को डेमोक्रेट नियंत्रित कर रहे हैं।

चुनाव से क्या होगा।

अगला राष्ट्रपति कौन बनेगा  मध्यावधि चुनाव से इसका रास्ता तय होगा। मिड टर्म इलेक्शन में बाइडेन के कार्यों की भी परीक्षा हो जाएगी।  बाइडेन अगर सेंकड टर्म के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति बनना चाहते हैं तो उनके लिए यह चुनाव बुहत महत्वपूर्ण होने वाला है। इससे पहले  डोनाल्ड ट्रंप ने 15 नवंबर को फ्लोरिडा के पाम बीच में मार-ए-लागो में एक बहुत बड़ी घोषणा करने की बात कही। मीडिया में भी ये खबर चल रही है कि ट्रंप 2024 में फिर से चुनाव लड़ सकते है। खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक इस वक्त अमेरिका में आर्थिक अर्थव्यवस्था गड़बड़ायी हुई है। मध्यावधि चुनाव में महंगाई वाला मुद्दा जोरों शोरों पर है। जो चुनाव को सीधे तौर पर प्रभावित करेंगे।

मध्यावधि चुनाव के मायने ?

कांग्रेस पर किसका कंट्रोल होगा ये मिड टर्म इलेक्शन से तय होता है। जिस किसी का भी कांग्रेस पर नियंत्रण होता है, उसका अमेरिकीय कानून पर भी इफेक्ट होता है। वह संघीय कानूनों को बनाने, बहस करने और पारित करने का प्रभारी होता है। मध्यावधि चुनाव आगामी दो सालों में राष्ट्रपति बाइडेन के एजेंडे के लिए दृष्टिकोण भी निर्धारित करेंगे।  इसे  जनमत संग्रह के तौर पर देखा जाता है।  इतिहास से पता चलता है कि सत्ता में मौजूद पार्टी अक्सर हार जाती है। 1934 के बाद से, केवल फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट, 1998 में बिल क्लिंटन और 2002 में जॉर्ज डब्ल्यू. बुश ने मध्यावधि में अपनी पार्टियों को सीटें हासिल करते देखा था।

कब आएंगे नतीजे?

परिणामों का सही समय राज्य पर निर्भर करता है। मतों की गणना कब और कैसे की जाती है, हर राज्य के अपने अपने नियम है। 

Created On :   8 Nov 2022 12:40 PM IST

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