75 साल का हुआ पाकिस्तान, शहबाज ने आर्थिक मॉडल में खामियां बताई
- हमारे आर्थिक मॉडल की खामियों का प्रतिबिंब हैं
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने देश में तीन महत्वपूर्ण संरचनात्मक खामियों का हवाला देते हुए कहा कि कोई भी सफल देश कभी इस तरह से विकसित नहीं हुआ है। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, द इकोनॉमिस्ट के लिए लिखे गए अपने नए ब्लॉग में उन्होंने कहा कि देश को व्यापक रूप से अगला उभरता एशियाई देश बनने के लिए तैयार माना गया। हालांकि, 2022 में, पाकिस्तान ने खुद को अपने नए आर्थिक संकट में फंसा पाया।
उन्होंने लिखा, पाकिस्तान आज दुनिया में सबसे अधिक खपत उन्मुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जिसमें खपत हमारे सकल घरेलू उत्पाद का 90 प्रतिशत से अधिक है। इसके विपरीत, हम अपने उत्पादन का केवल 15 प्रतिशत निवेश करते हैं और केवल 10 प्रतिशत निर्यात करते हैं। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का वार्षिक प्रवाह सकल घरेलू उत्पाद के 1 प्रतिशत से कम है।
ये खेदजनक आंकड़े हमारे आर्थिक मॉडल की खामियों का प्रतिबिंब हैं। कोई भी सफल देश कभी इस तरह से विकसित नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री ने आगे लिखा, यह (नवीनतम आर्थिक संकट) हमारे जीवनकाल के सबसे चुनौतीपूर्ण वैश्विक नीतिगत माहौल से पैदा हुआ है, जो एक कमोडिटी सुपरसाइकिल, अमेरिका के फेडरल रिजर्व में ऐतिहासिक मौद्रिक दवाब और यूरोप में एक संघर्ष, जो युद्ध के बाद की वैश्विक व्यवस्था को तोड़ रहा है।
लेकिन यह घरेलू कमजोरियों से भी उपजा है। कमजोरियां जिन्हें पांच दशकों के बेहतर हिस्से के लिए अनदेखा छोड़ दिया गया है। कमजोरियों ने हमें उस समय के दौरान कई बार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से संपर्क करने के लिए मजबूर किया है। इस तरह से राष्ट्र सफल नहीं बनते हैं। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, शहबाज ने इसके बाद देश में तीन महत्वपूर्ण संरचनात्मक खामियों का हवाला दिया। उन्होंने कहा, इसने आर्थिक गति को रोक दिया। हमारे विकास को ब्रेक लगा दिया और 1980 के दशक के उत्तरार्ध से बार-बार बूम-बस्ट चक्रों का नेतृत्व किया है।
हम इस तरह से अंदर ही अंदर फंसे हुए हैं, जिसने हमें लोगों, वस्तुओं, पूंजी और विचारों के मुक्त आदान-प्रदान के माध्यम से वैश्वीकरण के लाभों को प्राप्त करने से रोका है। अंतर्राष्ट्रीय मंच पर दोस्त बनाने और रखने की हमारी क्षमता समय के साथ काफी कमजोर हो गई है। प्रधानमंत्री ने अफसोस जताया कि पाकिस्तान शायद ही दुनिया की मांगों के अनुसार कुछ भी बनाता है, क्योंकि स्थानीय कंपनियां सीमाओं के भीतर काम करने में बहुत सहज रहती हैं।
पाकिस्तान की हीरक जयंती के अवसर पर उन्होंने कहा कि जैसे ही देश 75 वर्ष का हो गया, यह क्षण गंभीर आत्मनिरीक्षण के योग्य है। शहबाज ने कहा कि दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा देश, जहां हर तीन में से दो लोग 30 साल से कम उम्र के हैं और आकांक्षाओं से भरे हुए हैं, खुद को सिर्फ 1,798 डॉलर के आय स्तर के साथ फंसा हुआ देखा। हर तीसरा व्यक्ति 3.20 डॉलर प्रति दिन से कम पर रहता है। और हमारी एक चौथाई से भी कम महिलाएं घर से बाहर काम करती हैं। हमारे एक तिहाई से अधिक लोग ना तो पढ़ सकते हैं और ना ही लिख सकते हैं।
(आईएएनएस)
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Created On :   16 Aug 2022 3:32 PM IST