क्षेत्रीय सहमति होने पर तालिबान शासन को मान्यता देगा पाकिस्तान
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- 15 सदस्यों में से 14 ने प्रस्ताव के लिए मतदान किया
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान अफगानिस्तान में तालिबान शासन को तब मान्यता देगा, जब इस मुद्दे पर विशेष रूप से क्षेत्रीय देशों की आम सहमति होगी। ये जानकारी डॉन न्यूज ने इस्लामाबाद में संयुक्त राष्ट्र के राजदूत मुनीर अकरम के हवाले से दी।
मान्यता का सवाल गुरुवार को फिर से उठा जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने शासन को राजनयिक मान्यता दिए बिना तालिबान के नेतृत्व वाली अफगान सरकार के साथ औपचारिक संबंध स्थापित करने के लिए मतदान किया।
परिषद के 15 सदस्यों में से 14 ने प्रस्ताव के लिए मतदान किया, जबकि रूस ने भाग नहीं लिया। रूस के राजदूत वसीली ए. नेबेंजिया ने कहा कि उन्हें परहेज करने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि संयुक्त राष्ट्र की उपस्थिति के लिए मेजबान देश से सहमति प्राप्त करने के प्रयासों को नजरअंदाज कर दिया गया।
चीनी राजदूत झांग जून ने कहा कि अगस्त 2021 के बाद से जब तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया था, अफगानिस्तान एक नए चरण में प्रवेश कर गया। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि पाकिस्तान पहला देश है जिसने काबुल के नए शासकों से निपटने में अधिक लचीलेपन का आह्वान किया, जबकि इस्लामाबाद ने भी तालिबान शासन को मान्यता नहीं दी है।
यह पूछे जाने पर कि क्या संयुक्त राष्ट्र के वोट से इस मुद्दे पर पाकिस्तान की स्थिति प्रभावित होगी, राजदूत अकरम ने कहा, हम इसे (मान्यता) खासकर क्षेत्रीय देशों के बीच जब आम सहमति होगी। अफगानिस्तान के 6 निकटतम पड़ोसी अगले महीने चीन में बैठक कर रहे हैं और यह उनके एजेंडे के शीर्ष मुद्दों में से एक होगा। इस बैठक में चीन, ईरान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल होंगे। इसमें तालिबान का एक प्रतिनिधिमंडल भी भाग लेगा।
(आईएएनएस)
Created On :   19 March 2022 1:00 PM IST