पनामा पेपर मामला : जेआईटी के सामने पेश हुए नवाज के बेटे

Panama Paper Case: Hussain Nawaz appears in front of JIT
पनामा पेपर मामला : जेआईटी के सामने पेश हुए नवाज के बेटे
पनामा पेपर मामला : जेआईटी के सामने पेश हुए नवाज के बेटे

टीम डिजिटल, इस्लामाबाद. हाई प्रोफाइल पनामा पेपर मामले में जांच कर रहे संयुक्त जांच दल (जेआईटी) के सामने पाकिस्तान प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ उनके बड़े बेटे हुसैन नवाज आज छठवीं बार पेश हुए। हुसैन नवाज संघीय न्यायिक अकादमी एफजेए पहुंचे, जहां पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित छह सदस्यीय जेआईटी ने उनसे पूछताछ की।

जेआईटी के छह सदस्यीय दल में से दो सदस्य कतर रवाना हो गए, जहां वे शहजादा शेख हम्माद बिन जसीम बिन जबर अल थानी का बयान रिकॉर्ड करेंगे। राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो के इरफान नईम मंगी और सैन्य खुफिया विभाग के ब्रिगेडियर कामरान आज सुबह दोहा रवाना हुए। कतरी शहजादे ने सुप्रीम कोर्ट को लिखे दो पत्रों में दावा किया था कि नवाज शरीफ के पिता मुहम्मद शरीफ ने शाही परिवार के रियल स्टेट कारोबार 1-2 करोड़ दिरहम का निवेश किया था।

पनामा पेपर मामले में 20 अप्रैल को अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने एक जेआईटी गठित कर चोरी के आरोपों में जांच के लिए उसे जेआईटी को (प्रधानमंत्री उनके बेटों और जरूरत पड़ने पर अन्य व्यक्तियों को) तलब करने का अधिकार दिया था। पनामा पेपर के अनुसार कर चोरी के जरिए लंदन के रिहाइशी पार्क लेन इलाके में चार अपार्टमेंट खरीदे गये थे। सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर मामले में शरीफ और उनके बेटों के कथित भ्रष्टाचार की जांच के लिये पांच मई को एक उच्च स्तरीय छह सदस्यीय जेआईटी का गठन किया था।    

शरीफ के परिवार के कथित अनुचित कारोबारी समझाौतों को लेकर जेआईटी पहले ही शरीफ एवं उनके बेटों (हुसैन तथा हसन सहित उनके परिवार) के कई अन्य लोगों से पूछताछ कर चुकी है।     शरीफ की बेटी मरियम पहली बार कल जेआईटी के समक्ष पेश होंगी। शरीफ ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है और उन्होंने कहा कि ये संपत्ति उनके दिवंगत पिता के खाड़ी देशों में निवेश की गई रकम से खरीदी गई थी।

जेआईटी के 10 जुलाई तक अपनी जांच खत्म करने की उम्मीद है और फिर वह शीर्ष अदालत में एक रिपोर्ट पेश करेगी, जिसके आधार पर शरीफ की किस्मत का फैसला होगा। जेआईटी में ताकतवर खुफिया एजेंसी आईएसआई और सैन्य खुफिया सेवा के सदस्यों समेत भ्रष्टाचार निरोधक अधिकारी शामिल हैं।    

Created On :   4 July 2017 6:48 PM GMT

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