जनकपुर में बोले पीएम मोदी- भारत और नेपाल की दोस्ती आज से नहीं त्रेता युग से है

- दो दिवसीय नेपाल दौरे पर हैं पीएम मोदी
- पीएम मोदी ने जनकपुर से अयोध्या के बीच बस सेवा को दिखाई हरी झंडी
- प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम मोदी की यह तीसरी नेपाल यात्रा है
- भारत की मदद से बनाया जा रहा अरुण-3 प्रोजेक्ट नेपाल में बनने वाला सबसे बड़ा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट होगा
- माता सीता के मायके (जनकपुर) से उनके ससुराल (अयोध्या) के बीच चलेगी यह बस
- शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पूर्वी नेपाल में
डिजिटल डेस्क, काठमांडू। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने दो दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को नेपाल पहुंच गए हैं। यहां जनकपुर में उन्होंने एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने सम्बोधन की शुरुआत जनकपुर के लोगों से माफी मांगते हुए की। उन्होंने कहा, "2014 में जब मैं प्रधानमंत्री के तौर पर पहली बार नेपाल आया था, तो संविधान सभा में कहा था कि जल्द ही जनकपुर आउंगा। मैं आप सबसे क्षमा चाहता हूं कि मुझे आने में थोड़ी देर हो गई।" इसके बाद पीएम मोदी ने कहा कि भारत और नेपाल दो देश हैं, लेकिन हमारी मित्रता आज की नहीं त्रेता युग की है। राजा जनक और राजा दशरथ ने सिर्फ़ जनकपुर और अयोध्या ही नहीं, भारत और नेपाल को भी मित्रता और साझेदारी के बंधन में बांध दिया था। पीएम ने कहा, "ये बंधन है राम-सीता का। बुद्ध का, महावीर का। यही बंधन रामेश्वरम् में रहने वाले को खींच कर पशुपतिनाथ ले आता है। यही बंधन लुम्बिनी में रहने वाले को बोधगया ले जाता है और यही बंधन, यही आस्था, यही स्नेह, आज मुझे जनकपुर ले आया है।"
LIVE : PM Shri @narendramodi addresses a civic reception in Janakpuri, Nepal https://t.co/YMzL4DTDQO
— BJP (@BJP4India) May 11, 2018
पीएम मोदी का पूरा सम्बोधन :
- भारत नेपाल संबंध किसी परिभाषा से नहीं बल्कि भाषा से बंधे हैं। ये भाषा आस्था की है, ये भाषा अपनेपन की है, ये भाषा रोटी की है और ये भाषा बेटी की है।
- ये मां जानकी का धाम है, जिसके बिना अयोध्या अधूरी है।
- आपकी धर्मनिष्ठा सागर से गहरी है और आपका स्वाभिमान सागरमाथा से ऊंचा है। जैसे मिथिला की तुलसी भारत के आंगन में पावनता, शुचिता और मर्यादा की सुगंध फैलाती है वैसे ही नेपाल से भारत की आत्मीयता इस संपूर्ण क्षेत्र को शांति, सुरक्षा और संस्कार की त्रिवेणी से सींचती है।
- मिथिला की संस्कृति और साहित्य, मिथिला की लोक कला, मिथिला का स्वागत सम्मान सब अद्भुत है। पूरी दुनिया में मिथिला संस्कृति का स्थान बहुत ऊपर है।
- जनक की नगरी, सीता माता के कारण स्त्री- चेतना की गंगोत्री बनी है। सीता माता यानि त्याग , तपस्या ,समर्पण और संघर्ष की मूर्ति।
- ये वो धरती है जिसने दिखाया कि बेटी को किस प्रकार सम्मान दिया जाता है। बेटियों के सम्मान की ये सीख आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है।
- यहां की मिथिला पेंटिंग्स को ही लीजिए। इस परंपरा को आगे बढ़ाने में अत्यधिक योगदान महिलाओं का ही रहा है। और मिथिला की यही कला, आज पूरे विश्व में प्रसिद्द हैं। इस कला में भी हमें प्रकृति की, पर्यावरण की चेतना देखने को मिलती है।
- राजा जनक के लिए उनकी प्रजा ही सबकुछ थी।
- राजा जनक और जनकल्याण के इस संदेश को लेकर ही हम आगे बढ़ रहे हैं। आपके नेपाल और भारत के संबंध राजनीति, कूटनीति, समरनीति से परे देव-नीति से बंधे हैं। व्यक्ति और सरकारें आती-जाती रहेंगी, पर ये संबंध अजर, अमर हैं।
- ये समय हमें मिलकर शांति, शिक्षा,सुरक्षा, समृद्धि, और संस्कारों की पंचवटी की रक्षा करने का है। हमारा ये मानना है कि नेपाल के विकास में ही क्षेत्रीय विकास का सूत्र है।
- इतिहास साक्षी रहा है, जब-जब एक-दूसरे पर संकट आए, भारत और नेपाल दोनों मिलकर खड़े हुए हैं। हमने हर मुश्किल घड़ी में एक दूसरे का साथ दिया है।
- भारत दशकों से नेपाल का एक स्थाई विकास साझेदार है। नेपाल हमारी "Neighbourhood First" policy में सबसे पहले आता है।
- विकास की पहली शर्त होती है लोकतंत्र। मुझे खुशी है कि लोकतांत्रिक प्रणाली को आप मजबूती दे रहे हैं। हाल में ही आपके यहां चुनाव हुए। आपने एक नई सरकार चुनी है। अपनी आशांओं आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए आपने जनादेश दिया है।
- एक वर्ष के भीतर तीन स्तर पर चुनाव सफलतापूर्वक कराने के लिए आपको बहुत-बहुत बधाई देता हूं। नेपाल के इतिहास में पहली बार नेपाल के सभी सात प्रांतों में प्रांतीय सरकारें बनी हैं। ये न केवल नेपाल के लिए गर्व का विषय है बल्कि भारत और इस संपूर्ण क्षेत्र के लिए भी एक गर्व का विषय है।
- नेपाल सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन के लिए एक नए चरण में प्रवेश कर रहा है जो सुशासन और समावेशी विकास पर आधारित है। दस साल पहले नेपाल के नौजवानों ने बुलेट छोड़कर बैलेट का रास्ता चुना। युद्ध से बुद्ध तक के इस सार्थक परिवर्तन के लिए भी मैं नेपाल के लोगों को बधाई देता हूं।
- लोकतांत्रिक मूल्य एक और कड़ी है जो भारत और नेपाल के प्राचीन संबंधों को मजबूती देती है। लोकतंत्र वो शक्ति है जो सामान्य से सामान्य जन को बेरोकटोक अपने सपने पूरे करने का अधिकार देता है। भारत ने इस शक्ति को महसूस किया है और आज भारत का हर नागरिक सपनों को पूरा करने में जुटा है।
- हाल में ही नेपाल के प्रधानमंत्री ओली जी का स्वागत करने का अवसर मुझे दिल्ली में मिला था। नेपाल को लेकर उनका विजन क्या है, ये जानने को मुझे मिला। ओली जी “समृद्ध नेपाल, सुखी नेपाली” की बात करते हैं।
- नेपाल की समृद्धि और खुशहाली की कामना भारत हमेशा से करता आया है। प्रधानमंत्री ओली को भी उनके इस विजन को पूरा करने के लिए मैं शुभकामनाएं देता हूं।
- पूरब-पश्चिम, उत्तर-दक्षिण, हर दिशा में विकास का रथ दौड़ रहा है। विशेष तौर पर हमारी सरकार का ध्यान उन क्षेत्रों में ज्यादा रहा है जहां तक विकास की रोशनी नहीं पहुंच पाई थी। इसमें पूर्वांचल यानि पूर्वी भारत जो नेपाल की सीमा तक सटा है, इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
- जब “सबका साथ, सबका विकास” की बात करता हूं, तो सिर्फ़ भारत के लिए ही नहीं, सभी पड़ोसी देशों के लिए भी मेरी यही कामना होती है। और जब नेपाल में “समृद्द नेपाल, सुखी नेपाली” की बात होती है, तो मेरा मन भी हर्षित होता है। सवा सौ करोड़ भारतवासियों को भी ख़ुशी होती है।
- हमने भारत में एक बहुत बड़ा संकल्प लिया है। ये संकल्प है New India का। 2022 को भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं। तब तक सवा सौ करोड़ हिन्दुस्तानियों ने New India बनाने का लक्ष्य रखा है।
- हम एक नए भारत का निर्माण कर रहे हैं, जहां गरीब-से-गरीब व्यक्ति को भी प्रगति के समान अवसर मिले। जहां भेदभाव-ऊंच-नीच ना हो, सबका सम्मान हो। जहां बच्चों को पढ़ाई, युवाओं को कमाई और बुजुर्गों को दवाई मिले
- जीवन आसान हो, आम जन को व्यवस्थाओं से जूझना ना पड़े। भ्रष्टाचार और दुराचार से रहित समाज और सिस्टम हो। ऐसे New India की तरफ हम आगे बढ़ रहे हैं।
- हमने शासन और प्रशासन में कई सुधार किए हैं। प्रक्रियाओं को सरल बनाया है। आज दुनिया हमारे उठाए गए कदमों की तारीफ कर रही है। हम राष्ट्र निर्माण और जनभागीदारी का संबंध और मजबूत कर रहे हैं।
- आज ही प्रधानमंत्री ओली जी के साथ मिल कर मैंने जनकपुर से अयोध्या की बस सेवा का उद्घाटन किया है। पिछले महीने प्रधानमंत्री ओली और मैंने बीरगंज में पहली Integrated Check Post का उद्घाटन किया।
- पिछले महीने हमने कृषि क्षेत्र में एक नई साझेदारी की घोषणा की है। इसके तहत कृषि के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। दोनों देशों के किसानों की आमदनी कैसे बढ़ाई जाए इस पर ध्यान दिया जाएगा। खेती के क्षेत्र में साइंस और टेक्नॉलॉजी के इस्तेमाल में सहयोग बढ़ाया जाएगा।
- भारत और नेपाल के बीच व्यापार भी रिश्तों की एक अहम कड़ी है। नेपाल बिजली उत्पादन के क्षेत्र में तेज़ी से विकास कर रहा है। आज भारत से लगभग 450 मेगावाट बिजली नेपाल को सप्लाई होती है। इसके लिए हमने नई ट्रांसमिशन लाइंस बिछाई हैं।
- भारत और नेपाल की मित्रता कैसी रही है, इसको रामचरितमानस की इन चौपाइयों के माध्यम से समझा जा सकता है :
""जे न मित्र दुख होहिं दुखारी। तिन्हहि बिलोकत पातक भारी॥
निज दुख गिरि सम रज करि जाना। मित्रक दुख रज मेरु समाना॥""
जनकपुर से पीएम मोदी सीधे काठमांडू के लिए रवाना हो गए। यहां पर उन्होंने राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी, उपराष्ट्रपति नंद बहादुर पुन और विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली से मुलाकात की। सभी नेताओं के साथ पीएम ने भारत-नेपाल के सम्बंधों में मजबूती लाने के मुद्दों पर चर्चा की।
President Bidhya Devi Bhandari and PM @narendramodi held talks in Kathmandu. They discussed various aspects of India-Nepal ties. pic.twitter.com/6dnd5LlD4X
— PMO India (@PMOIndia) May 11, 2018
Mr. Nanda Bahadur Pun, the Vice President of Nepal and PM @narendramodi had a fruitful meeting today. They deliberated on ways to further cement India-Nepal cooperation. pic.twitter.com/F4vOBT9cHR
— PMO India (@PMOIndia) May 11, 2018
PM @narendramodi interacts with Mr. Pradeep Kumar Gyawali, the Foreign Minister of Nepal. pic.twitter.com/LWxsa2GOqm
— PMO India (@PMOIndia) May 11, 2018
इससे पहले सुबह 7 बजकर 48 मिनट पर पीएम जनकपुर के लिए रवाना हुए। सुबह करीब 10.30 बजे वह जनकपुर पहुंचे। यहां पर उन्होंने राम जानकी मंदिर में विशेष पूजा की। पूजा करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, यहां आकर मुझे मां जानकी को प्रणाम करने का अवसर मिला। जानकी मंदिर में मेरा जो स्वागत हुआ, ये 125 करोड़ भारतीयों का सम्मान है।" इसके बाद प्रधानमंत्री ने जनकपुर-अयोध्या बस सर्विस को हरी झंडी दिखाई। पीएम ने कहा कि अयोध्या और जनकपुर के बीच सदियों से एक अटूट नाता कायम है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत और नेपाल "रामायण" सर्किट बनाने की दिशा में काम करेंगे, जो दोनों देशों के बीच लोगों से लोगों के संपर्क के लिए मजबूत आधार के रूप में कार्य करेगा।
PM Narendra Modi Nepalese PM KP Sharma Oli flag off the Indo-Nepal bus service from #Nepal"s Janakpur to Uttar Pradesh"s Ayodhya. pic.twitter.com/4cxRf64cOM
— ANI (@ANI) May 11, 2018
पीएम ने जताया आभार
प्रधानमंत्री ने इस बस सेवा शुरू करने के लिए नेपाल सरकार का आभार जताते हुए कहा, "जनकपुर से अयोध्या के लिए बस सेवा शुरू करने से दोनों देशों के बीच संबंध और भी मजबूत होंगे। बस सेवा शुरू करने के लिए नेपाल सरकार का बहुत-बहुत आभार।" जनकपुर को माता सीता का मायका भी माना जाता है, इसलिए ये बस माता सीता के मायके से उनके ससुराल के बीच चलेगी। मोदी नेपाल के पीएम के.पी.शर्मा ओली के निमंत्रण पर नेपाल गए हैं। बता दें 2014 में देश की कमान संभालने के बाद इस पड़ोसी देश की ये उनकी तीसरी यात्रा है।
एयरपोर्ट से प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी जनकपुर में सीता मंदिर पहुंचे। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और तमाम लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी का यहां पर स्वागत किया। जानकी माता मंदिर में मंत्रोच्चार और घंटी की आवाजों के बीच पीएम ने पूजा की। मंदिर से पुजारी ने प्रधानमंत्री को माला पहनाई, तिलक लगाया और पगड़ी पहनायी। इसके बाद पीएम ने मंदिर परिसर में भ्रमण भी किया। पीएम मोदी के दौरे को देखते हुए नेपाल में सरकारी छुट्टी का एलान किया गया है। प्रधानमंत्री बनने के बाद केपी शर्मा ओली भी पहली बार जनकपुर आए हैं।
PM Narendra Modi offers prayers at Janki Temple in #Nepal"s Janakpur. pic.twitter.com/w8aafQbxP9
— ANI (@ANI) May 11, 2018
एयरपोर्ट पर पीएम का स्वागत:
#WATCH: Prime Minister Narendra Modi arrives at #Nepal"s Janakpur Airport. pic.twitter.com/RynyRo9eUI
— ANI (@ANI) May 11, 2018
ट्विटर पर पीएम मोदी ने अपने इस दौरे की जानकारी दी।
I will be visiting Nepal on 11th and 12th May at the invitation of PM Mr. KP Sharma Oli. This visit reflects the high priority India attaches to friendly relations with Nepal. I will be holding extensive talks with PM Oli on ways to further deepen bilateral cooperation.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 10, 2018
"खोडासोपचर" अनुष्ठान करने वाले पहले भारतीय पीएम
ऐसा पहली बार हुआ है जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काठमांडु की जगह जनकपुर से अपने दौरे की शुरुआत की हैं। यहां पर "खोडासोपचर" अनुष्ठान करने वाले वह भारत के पहले प्रधानमंत्री बने हैं। मंदिर के पुजारी राम तपेश्वर दास वैष्णव ने बताया कि इनसे पहले भारत के पूर्व राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी, ज्ञानी जैल सिंह और प्रणव मुखर्जी ने खोडासोपचर विधि से राम जानकी मंदिर में पूजन किया है।
900 MW के अरुण-3 प्रॉजेक्ट की आधारशिला
काठमांडू में पीएम मोदी और ओली शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पूर्वी नेपाल के संखुवासभा जिले में स्थित 900 MW के अरुण-3 प्रोजेक्ट की आधारशिला रखेंगे जिसे भारत की मदद से बनाया जा रहा है। अरुण-3 नेपाल में बनने वाला सबसे बड़ा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट होगा, इसके लिए नेपाल की सरकार ने हाल ही में जेनरेशन लाइसेंस जारी किया है। यह परियोजना 5 सालों में पूरी होने की उम्मीद है, यह नेपाल की अर्थव्यवस्था में गेम चेंजर साबित होगा।
मुक्तिनाथ मंदिर में पूजा अर्चना
12 मई को पीएम मोदी थोरांग ला पहाड़ियों की तराई में स्थित मस्तांग जिले में मुक्तिनाथ मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे। इस दौरान वह जीर्णोद्धार तथा विकास के लिए घोषणाएं करेंगे। सुरक्षा कारणों से अन्नपूर्णा ट्रैकिंग मार्ग तीन दिनों के लिए सैलानियों और ट्रैकिंग करने वालों के लिए बंद रहेगा। नेपाल के गृह मंत्री राम बहादुर थापा ने प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि पीएम मोदी की इस यात्रा से दोनों देशों के सदियों पुराने सामाजिक और धार्मिक रिश्तों को नई ऊंचाई मिलेगी।
भारत-नेपाल संबंध में सुधार लाएगी यात्रा
नेपाल के पूर्व साइंस एवं टेक्नोलॉजी मिनिस्टर सुनील मननधर ने कहा, मोदी की यात्रा निश्चित रूप से भारत-नेपाल संबंध में सुधार लाएगी। यह दौरा ऐसे महत्वपूर्ण समय में हो रहा है जब केंद्र में स्थिर सरकार है जिसका नारा आर्थिक संपन्नता और विकास लाना है। वहीं नेपाल के पूर्व विदेश मंत्री प्रकाश शरण महत ने कहा, "इस दौरे से पता चलता है कि भारत नेपाल के साथ अपने संबंध को शीर्ष प्राथमिकता देता है और हमारी सरकार को अधिकतम लाभ पाने की तरफ ध्यान देना चाहिए।"

Created On :   11 May 2018 8:15 AM IST