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थाईलैंड रेस्क्यू ऑपरेशन: गुफा से बचाए गए सभी बच्चे, यूं अंजाम पर पहुंचा मिशन
हाईलाइट
- थाईलैंड रेस्क्यू ऑपरेशन रहा सफल, बचाए गए सभी बच्चे और कोच
- तीन दिनों तक चला रेस्क्यू ऑपरेशन
- 23 जून से थाईलैंड की लुआंग गुफा में फंसे थे बच्चे और उनके फुटबॉल कोच।
- गुफा में अभी भी 1 बच्चा और फुटबॉल कोच फंसे हुए हैं।
- गुफा में अभी भी 1 बच्चा और फुटबॉल कोच फंसे हुए हैं।
डिजिटल डेस्क, बैंकाक। 23 जून से थाईलैंड की लुआंग गुफा में फंसे बच्चों और उनके फुटबॉल कोच को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। तीन दिनों से चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत सभी 12 बच्चों और उनके कोच को बचा लिया गया है। मंगलवार को रेस्क्यू ऑपरेशन का तीसरा दिन था, जिसमें बचे हुए चार बच्चों और कोच को बाहर निकाल लिया गया। इन पांचों को एयरलिफ्ट कर हॉस्पिटल ले जाया गया है, जहां ये बाकी रेस्क्यू किए गए बच्चों के साथ ट्रीटमेंट ले रहे हैं।
इससे पहले पिछले दो दिनों में 8 बच्चों का रेस्क्यू किया गया था। सोमवार को 4 और मंगलवार को भी 4 बच्चों को बचाया गया था। बता दें कि बच्चों को बचाने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन में गोताखोरों की एक टीम बनाई गई थी। इसमें विदेशी गोताखोर और थाइलैंड नेवी सील के गोताखोर शामिल थे। 2-2 गोताखार मिलकर एक-एक बच्चे को बाहर निकाल रहे थे। इन गोताखोरों ने अंधेरे और पानी से भरे सकरे रास्ते को पार करने में बच्चों की मदद करते हुए उन्हें गुफा से बाहर निकाला।
इस रेस्क्यू ऑपरेशन में थाइलैंड को विदेशी देशों से भी मदद मिली। अमेरिका, चीन, जापान, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के कई गोताखोर इस बचाव कार्य में लगे रहे। थाइलैंड और विदेशी देशों के कुल 90 गोताखोर इस ऑपरेशन में जुटे हुए थे। इस बचाव अभियान में एक हजार से ज्यादा थाइलैंड के जवान और विशेषज्ञ भी लगे हुए थे।
बच्चों को सुरक्षित वापस लाने के लिए गोताखोर की टीम ने जो प्लान बनाया था उसके तहत गोताखोर ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर तैरते हुए गुफा के अंदर गए। बच्चों तक पहुंचने में गोताखोरों को 6 से 7 घंटे का वक्त लगा लेकिन सबसे बड़ी चुनौती बच्चों को वहां से निकालकर लाना रही। बच्चों के लिए सिलेंडर के साथ इतने लंबे वक्त तक तैरना मुमकिन नहीं था। साथ ही बच्चे काफी थके हुए थे और खाने की कमी की वजह से कमजोर भी हो गए थे। इसलिए एक-एक बच्चे को लाने के लिए 2-2 गोताखारों को भेजा गया। बीच-बीच में बारिश की वजह से पानी का स्तर बढ़ने से भी ऑपरेशन में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
ऐसे फंसे थे बच्चे
23 जून को स्थानीय समयानुसार करीब 10 बजे 12 बच्चों की यह फुटबॉल टीम अपने कोच समेत फुटबॉल की प्रैक्टिस के लिए पहुंची थी। प्रैक्टिस के बाद से यह टीम गायब थी। बच्चों के गायब होने का पता उस समय लगा जब बच्चों में से एक लड़के के माता-पिता ने टैम-लोंग- खुनाम नांगनोन नेशनल पार्क के कर्मियों को बताया कि उनका बेटे से संपर्क नहीं हो पा रहा है। बच्चों को ढुंढते हुए नेशनल पार्क के कर्मियों ने देखा कि 12 साइकिलें गुफा के प्रवेश द्वार पर खड़ी हैं। इसी के बाद से बच्चों को खोजने का अभियान शुरू हुआ।
बच्चे गुफा में क्यों गए इसके पीछे अलग-अलग कारण बताए जा रहे हैं। किसी मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि बच्चे गुफा में एक सरप्राइज पार्टी के लिए गए थे। वहीं एक मीडिया रिपोर्ट में टीम के एक अन्य सदस्य जो उस दिन गुफा में अपने दोस्तों के साथ नहीं गया था उसके हवाले से बताया है कि टीम इससे पहले भी तीन बार उस गुफा में जा चुकी है। गुफा में टीम के पहुंचने के बाद से ही मूसलाधार बारिश शुरू हो गई थी। बाढ़ के पानी से गुफा का प्रवेश द्वार बंद हो गया था। इसके बाद कोच के साथ सारे बच्चे गुफा में भटकते हुए और फंसते चले गए थे।
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