GES में इवांका का स्वागत करने वाले रोबोट में क्या है खास, यहां जानें

डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। ग्लोबल एंटरप्रेन्योरशिप समिट (GES) में शामिल होने आई अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका का स्वागत एक रोबोट ने किया था। पूरी तरह से मेक इन इंडिया इस रोबोट का नाम "मित्र" रखा गया है। रोबोट "मित्र" कई मायनों में बाकी रोबोट से अलग है। GES में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इवांका ट्रंप के साथ दिख रहे इस रोबोट में क्या कुछ है खास, ये हम आपको आज बताने जा रहे हैं। बता दें कि हैदराबाद के कन्वेंशन सेंटर में हुई इस समिट में हिस्सा लेने के लिए इवांका ट्रंप तीन दिन के दौरे पर भारत आई थी।
आसानी से समझ सकता है भारतीय भाषाएं
रोबोट "मित्र" को बैंगलुरु की एक कंपनी इन्वेंटो ने बनाया है और इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये सभी भारतीय भाषाओं को आसानी से समझ सकता है। ये रोबोट हिंदी, भोजपुरी, गुजराती, बंगाली और हरियाणवी समेत दक्षिण भारतीय भाषाओं को भी बोल सकता है और समझ सकता है। इसके साथ ही ये रोबोट चलने-फिरने का काम भी कर सकता है।
5 फीट लंबा और 50 किलो का है ये रोबोट
इस रोबोट को बनाने वाली बैंगलुरु कंपनी इन्वेंटो के सीईओ बालाजी विश्वनाथन ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में "मित्र" की खूबियों के बारे में बताया। विश्वनाथन का कहना है कि "ये रोबोट आसानी से चेहरा पहचान सकता है और चल-फिर भी सकता है। इसके साथ ही ये इंसानों से बातचीत भी कर सकता है और इन्हीं सब खूबियों के कारण हम एक हॉस्पिटल से डील करने जा रहे हैं, ताकि ये मरीजों को जानकारी दे सके।" उन्होंने ये भी बताया कि इस रोबोट की हाईट 5 फीट है और इसका वजन 50 किलो तक है।
हॉस्पिटल में क्या काम करेगा रोबोट "मित्र"
विश्वनाथन ने इस चैनल को इंटरव्यू में बताया कि अगर इस रोबोट को हॉस्पिटल में रखा जाए तो ये आने वाले मरीजों को सही जानकारी दे सकता है। उन्होंने बताया कि "ये रोबोट किसी भी मरीज से उनकी भाषा में बात कर सकता है और उनसे उनकी परेशानी पूछ सकता है। अगर किसी मरीज को बुखार है या कोई और तकलीफ है, तो भी उसे संबंधित डॉक्टर के पास भी ले जा सकता है।
बैंकों में भी काम कर सकता है ये रोबोट
हॉस्पिटल के साथ-साथ रोबोट "मित्र" बैंकों में भी काम कर सकता है। मान लीजिए कोई कस्टमर अकाउंट खुलवाने या किसी भी काम से बैंक जाता है और रोबोट मित्र से पूछता है, तो ये रोबोट उसे संबंधित अधिकारी के पास जाने की सलाह दे सकता है। इसका मतलब ये हुआ कि ये रोबोट एक तरह से कस्टमर की मदद करने वाला रोबोट है। फर्क बस इतना है कि ये कोई इंसान नहीं बल्कि मशीन है। विश्वनाथन का कहना है कि आजकल इंसान मशीन की तरह ही बनता जा रहा है, इसलिए मशीनों को भी इंसानों की तरह बनाया जा रहा है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि इसमें अभी भी काफी कमियां है, जिसपर काम होना बाकी है।
चीन से आए हैं इसके पार्ट्स
रोबोट "मित्र" को बनाने में लगने वाले पार्ट्स चीन से मंगाए गए हैं। इस बारे में विश्वनाथन ने चैनल को दिए इंटरव्यू में बताया कि "हमने चीन से पार्ट्स इसलिए लिए, क्योंकि वहां का सामान अच्छी क्वालिटी का और काम का है, न कि इसलिए क्योंकि वहां सामान सस्ता मिलता है।" उन्होंने ये भी कहा कि "लेकिन हम इस रोबोट को चीन का प्रोडक्ट नहीं कह सकते, क्योंकि इसका 70% काम भारत में ही हुआ है।" उन्होंने ये भी बताया कि "एक ट्रायल के बाद चीनी सरकार ने भी इस तरह के 4 रोबोट खरीदने की मंजूरी दी है। अगर हम भारत में रोबोट बनाने का काम कर सकें, तो इसे चीन को भेज सकेंगे। साथ ही साथ जापान में भी इसकी सप्लाई कर सकेंगे।" बता दें कि इस रोबोट को 14 लोगों की टीम ने बनाया है।
कब आई थी इवांका भारत?
इवांका ट्रंप भारत में हुई ग्लोबल एंटरप्रेन्योरशिप समिट में हिस्सा लेने भारत आई थी। ये समिट हैदराबाद के कन्वेंशन सेंटर में 28 से 30 नवंबर तक चली। इस समिट का उद्घाटन पीएम मोदी ने किया और इसमें देश-विदेश की 1500 महिला एंटरप्रेन्योर्स ने हिस्सा लिया। इस समिट में इवांका अमेरिकी डेलीगेशन को लीड कर रही थी। इसके साथ ही उन्होंने यहां सेशंस को भी संबोधित किया। इवांका के सम्मान में पीएम मोदी ने हैदाराबाद के पुराने इलाके में मौजूद ताज फलकनुमा पैलेस होटल में डिनर दिया था।
2 हजार करोड़ की मालकिन हैं इवांका
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका खुद एक बड़ी बिजनेसवुमन हैं और उन्होंने अपनी मेहनत से एक कंपनी खड़ी की है। इवांका ट्रंप करीब 2 हजार करोड़ की मालकिन हैं। इसके अलावा उनके नाम पर एक बड़ा फैशन ब्रांड भी है, जो अमेरिका में काफी पॉपुलर है। इवांका ब्रांड में कपड़े, जूते, हैंडबैग्स, ज्वेलरी मिलती है। इसके साथ ही इवांका के पति जैरेड कुशनर भी एक रियल एस्टेट बिजनेसमैन हैं। जैरेड भी इवांका के साथ-साथ ट्रंप सरकार में एडवाइजर के तौर पर हैं।
Created On :   1 Dec 2017 8:09 AM IST