अटलांटिक इंटरनेट केबल के पास दिखी रूसी सबमरीन, नाटो देशों में बेचैनी
डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। उत्तरी अटलांटिक समंदर में रूस की पनडुब्बियों ने अमेरिका समेत सभी नाटो देशों में बेचैनी बढ़ा दी है। दरअसल रूस की पनडुब्बियां समंदर के नीचे मौजूद डाटा केबल के पास गश्त कर रही हैं। अमेरिका और यूरोपीय देशों का इंटरनेट और संचार का डाटा इसी केबल से गुजरता है। संवेदनशील डाटा लीक होने की आशंका को लेकर ये देश बेचैन है।
NATO सबमरीन फोर्स कमांडर और US नेवी के एडमिरल एंड्रयू लेनन ने कहा कि इससे पहले रूस की इस तरह की गतिविधि कभी देखी नहीं गई थी। रूस स्पष्ट रूप से नाटो और नाटो राष्ट्रों के अंडर सी इंफ्रास्ट्रकचर में रुचि ले रहा है। उन्होंने आगे कहा कि रूसी जहाजों को "पानी के नीचे की खुफिया जानकारी एकत्र करते देखा गया है, लेकिन ये निश्चित नहीं है कि रूसी सबमरीन नीचे नाटो केबल्स के साथ ही छेड़छाड़ कर रही है।
वहीं ब्रिटिश एयरचीफ मार्शल स्टुअर्ट पीच का इसे लेकर पहले एक बयान सामने आया था। पीच ने कहा था कि आप कल्पना कर सकते है कि अगर इन केबल को काट दिया गया या फिर डिसरप्ट किया गया तो आधुनिक वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कितना ज्यादा फर्क पड़ेगा।
1858 में डाली गई पहली टेलीग्राफ वायर के साथ ही यहां कई निजी इंटरनेट और संचार की लाइन हैं। अगर रूस ने इन लाइन को काट दिया तो इंटरनेट बंद हो सकता है और अगर उन्होंने इसमें सेंध लगाई तो रूस को विश्व इंटरनेट ट्रैफिक का डाटा मिल जाएगा।
US ने इस हफ्ते रूस के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए कदम उठाए हैं, ट्रम्प प्रशासन ने पहली बार यूक्रेन की सेना को घातक रक्षात्मक हथियारों की बिक्री के लिए प्राधिकृत किया है। ट्रम्प प्रशासन ने इस हफ्ते घोषणा की कि वह यूक्रेनी बलों को एंटी टैंक मिसाइलों और स्नाइपर राइफल्स की बिक्री शुरू कर देगा। ये बिक्री 40 लाख डॉलर से ज्यादा की होगी।
Created On :   24 Dec 2017 4:02 AM GMT