पनामा मामले में JIT की रिपोर्ट को शरीफ की चुनौती

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बुधवार को अपने और अपने परिवार पर लगे घूसखोरी के आरोपों को चुनौती देते हुए कहा कि पनामा मामले में संयुक्त जांच समिति (जेआईटी) ने ऐसे कोई दस्तावेज पेश नहीं किये जो साबित करें कि वह लंदन के पॉश फ्लैटों के मालिक हैं।
शरीफ के वकील ख्वाजा हैरिस ने जोर देकर कहा कि जेआईटी ने शरीफ के खिलाफ भष्ट्राचार का कोई स्पष्ट आरोप नहीं लगाया है। उन्होंने कहा कि जेआईटी ने ऐसा कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया जिससे यह साबित हो कि पीएम शरीफ लंदन के फ्लैटों के मालिक हैं। उन्होंने कहा कि अदालत द्वारा जेआईटी को जो अधिकार दिया गया उसने उसका अतिक्रमण किया है।
जेआईटी द्वारा 10 जुलाई को मामले में अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को इस घोटाले के मामले में सुनवाई शुरू की है। जेआईटी ने अपनी रिपोर्ट में अनुशंसा की है कि 1990 के धन शोधन मामले में शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया जाए। उन पर लंदन में संपत्ति खरीदने का अरोप था।
गौरतलब है कि शरीफ अगर यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में हार जाते हैं तो इससे उनका प्रधानमंत्री पद खतरे में पड़ सकता है और पाकिस्तान में एक बार फिर उथल-पुथल हो सकती है। वैसे शरीफ इस्तीफा देने से इनकार कर चुके हैं और जेआईटी की रिपोर्ट को आरोपों और अटकलों का पुलिंदा बता चुके हैं। पद पर बने रहने के उनके फैसले पर पिछले हफ्ते मंत्रिमंडल भी मुहर लगा चुका है। हालांकि उच्चतम न्यायालय की तीन सदस्यों वाली पीठ ने पाया कि शरीफ ने अपने आयकर रिटर्न के फॉर्म में अपनी सभी संपत्तियों और आय के स्रोतों का विवरण नहीं दिया है।
Created On :   20 July 2017 12:25 AM IST