चीन: SCO मीटिंग में बोलीं सुषमा स्वराज 'आतंकवाद मानवाधिकारों का दुश्मन'

चीन: SCO मीटिंग में बोलीं सुषमा स्वराज 'आतंकवाद मानवाधिकारों का दुश्मन'

डिजिटल डेस्क, बीजिंग। चीन की राजधानी बीजिंग में आयोजित शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) के बैठक को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संबोधित किया। विदेश मंत्रियों की  बैठक में सुषमा स्वराज ने आतंकवाद का मुद्दा उठाते हुए कहा कि आतंकवाद जीवन, शांति और समृद्धि जैसे मानव अधिकारों का सबसे बड़ा दुश्मन है। सुषमा स्वराज ने ये भी कहा कि सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर दुनिया के विचारों के मिलन के लिए SCO एक बड़ा प्लेटफॉर्म है। बैठक में केंद्रीय रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भाग ले रहीं हैं।

 

 

चीन के विदेश मंत्री ने किया सुषमा का स्वागत

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने SCO की बैठक में सुषमा स्वराज का स्वागत किया। SCO की रक्षा और विदेश मंत्रियों की बैठक एक ही समय पर हो रही है। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार रात को चीन पहुंची थीं। रक्षा मंत्रियों और विदेश मंत्रियों की ये बैठक जून में किंगदाओं में होने वाली  SCO शिखर सम्मेलन की तैयारियों को लेकर हो रही है। जून में होने वाले शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी भी हिस्सा ले सकते हैं। गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान पिछले ही साल इसके सदस्य बने हैं। जिसके बाद शीर्ष मंत्रियों की ये पहली बैठक है।

 

 

चीनी विदेश मंत्री से कई मुद्दों पर हुई थी चर्चा

सोमवार को भी सुषमा स्वराज ने अपने समकक्ष वांग यी से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों और रिश्तों में सुधार के लिए उच्च स्तरीय संवाद को तेज करने पर चर्चा की थी। सुषमा स्वराज ने कहा कि 2018 में चीन सतलज और ब्रह्मपुत्र नदी के डेटा भारत को उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा भारत और चीन के बाद क्लाइमेट चेंज,आतंकवाद और ग्लोबल हेल्थकेयर जैसे कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई थी।

 

 

साझा कॉन्फ्रेंस के दौरान ये भी बताया गया है कि पीएम मोदी 27 और 28 अप्रैल को चीन दौरे पर रहेंगे। इस दौरान पीएम मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग इसी सप्ताह वुहान में होने वाले अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में मुलाकात कर वैश्वीकरण और बढ़ते संरक्षणवाद को लेकर जोखिम पर बातचीत करेंगे।

 

 

पिछले साल ही SCO के सदस्य बने हैं भारत-पाकिस्तान 

2001 में SCO की स्थापना हुई थी। जिसमें चीन, रूस, कजाखिस्तान, उज्बेकिस्तान, ताजीकिस्तान, किर्गिस्तान, भारत और पाकिस्तान सदस्य हैं। इस संगठन का उद्देश्य सदस्य देशों के बीच सैन्य सहयोग बढ़ाना, खुफिया जानकारी साझा करना, मध्य एशिया में आंतकवाद विरोधी अभियान चलाना तथा साइबर आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हो कर काम करना है।

Created On :   24 April 2018 5:31 AM GMT

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