ताईवान के इस साइंटिस्ट ने बताया- मशरूम से कैसे बचेगी दुनिया ?

Taiwan scientist Pan Wei ping thinks mushrooms could save the world
ताईवान के इस साइंटिस्ट ने बताया- मशरूम से कैसे बचेगी दुनिया ?
ताईवान के इस साइंटिस्ट ने बताया- मशरूम से कैसे बचेगी दुनिया ?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आपने कभी मशरूम खाया है? शायद नहीं या खाया भी होगा। मशरूम को भले ही आप न खाते हों, लेकिन बाहर विदेशों में मशरूम बहुत खाया जाता है। कहा जाता है कि मशरूम वेजेटेरियन लोगों के लिए मीट होता है। लेकिन मशरूम सिर्फ खाने में ही नहीं, बल्कि इससे हम अपने पर्यावरण को भी बचा सकते हैं। जी हां...ताईवान के साइंटिस्ट पैन वी-पींग ने एक रिसर्च में बताया है कि मशरूम से कैसे पर्यावरण को बचाया जा सकता है? 

क्या आया रिसर्च में सामने? 

पैन वी-पींग ने रिसर्च में दावा किया है कि मशरूम में जो एंजायम्स पाए जाते हैं, उनकी मदद से हम कार्बन उत्सर्जन में कमी ला सकते हैं। वी-पींग का कहना है कि "हम किसी भी मशरूम से एंजायम लेकर उन्हें पानी में उगाते हैं। जिस तरह से कोयले को बनाते हैं।" उन्होंने बताया कि हमने टेस्ट में पाया कि मशरूम से उत्सर्जन में कमी आई है। इसके साथ ही ये ज्यादा एफिशिएंसी के साथ जलता है। जिससे हमें इतनी ही मात्रा में बिजली पैदा करने के लिए कोयले की कम जरुरत होगी। उन्होंने कहा कि ताईवान में दुनिया का सबसे बड़ा कोल बेस्ड पॉवर प्लांट है। अगर हम मशरूम से ऐसा करते हैं, तो इससे पर्यावरण को तो फायदा होगा। साथ ही मशरूम की खेती करने वाले किसानों को भी बहुत फायदा होगा। पैन का कहना है कि एशिया और अफ्रिका तेजी से कोयले का इस्तेमाल कर रहे हैं, इस कारण वो अपनी इस रिसर्च को डेवलपिंग कंट्री के साथ शेयर करना चाहते हैं। 

कौन हैं वाई वी-पींग? 

ताईवान में जन्मे पैन वी-पींग ने चुंग युआन यूनिवर्सिटी से केमिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है। इसके साथ ही उन्होंने 1986 में मिशिगन टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी से फिजिकल केमेस्ट्री से Phd की है। पैन अब तक कई अफ्रिकन कंट्री में अपने लेक्चर दे चुके हैं और वो ज्यादातर जगह अपनी इस रिसर्च के बारे में ही बताते हैं। उनका कहना है कि भविष्य में कोयले का इस्तेमाल इलेक्ट्रीसिटी प्रोड्यूस करने के लिए बढ़ जाएगा। जिससे कार्बन उत्सर्जन भी बढ़ेगा। ऐसे में हम मशरूम का इस्तेमाल करके इस उत्सर्जन में कमी ला सकते हैं। पैन ने कहा कि, "मैं हमेशा मशरूम को एक खाने के रुप में ही देखता था। "


 
 

Created On :   5 Aug 2017 9:38 AM IST

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