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- Tajikistan emerges first frontline nation to fight Taliban 2.0 in Afghanistan
अफगानिस्तान: तालिबान 2.0 से लड़ने वाला पहला फ्रंटलाइन राष्ट्र बनकर उभरा ताजिकिस्तान

हाईलाइट
- अफगानिस्तान में तालिबान 2.0 से लड़ने वाला पहला फ्रंटलाइन राष्ट्र बनकर उभरा ताजिकिस्तान
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तालिबान ने मंगलवार को अपनी सरकार की घोषणा की। हालांकि कुछ लोग इसे तालिबान की समय-समय पर की जाने वाली घोषणाओं के अनुसार एक अंतरिम यानी कार्यवाहक सरकार कह रहे हैं, मगर हमें अभी तक ऐसा कोई सुराग नहीं मिला है कि यह वास्तव में एक अंतरिम सरकार है या नहीं। फिर भी हल्के-फुल्के अंदाज में कहा जाए तो यह दिलचस्प है। सिराजुद्दीन हक्कानी (गृह मंत्री) जैसे अन्य कई मंत्री अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घोषित और वांछित आतंकवादी हैं।
जैसा कि अपेक्षित था, अहमद मसूद और पूर्व अफगान उप राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह के नेतृत्व में राष्ट्रीय प्रतिरोध आंदोलन (विद्रोही गुट) ने सरकार की निंदा की है। उन्होंने घोषणा की है कि वे अपना प्रतिरोध जारी रखे हुए हैं और हाल ही में प्रांत में तालिबान द्वारा जीत की घोषणा के बावजूद पंजशीर ने तालिबान के सामने आत्मसमर्पण नहीं किया है।
अफगानिस्तान के दूतावास ने बुधवार को इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से एक बयान जारी कर तालिबान सरकार की निंदा करते हुए इसे नाजायज और अनुचित बताया।
जबकि पाकिस्तान सहित अधिकांश अन्य सरकारें प्रतीक्षा और निगरानी मोड पर हैं, अफगानिस्तान की सीमा से लगे दो मध्य एशियाई देशों ने तालिबान सरकार के बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है।
उज्बेकिस्तान, जो लंबे समय से तालिबान के साथ जुड़ा हुआ था और यहां तक ??कि तालिबान प्रतिनिधिमंडलों की मेजबानी भी करता था, ने अफगानिस्तान में सरकार के गठन की घोषणा की सराहना की है। उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि उसे उम्मीद है कि यह एक व्यापक राष्ट्रीय सहमति की उपलब्धि और देश में स्थायी शांति और स्थिरता की स्थापना की शुरूआत है। अपने समर्थन का संकेत देते हुए, बयान में आगे कहा गया है कि देश अफगानिस्तान के नए राज्य अंगों के साथ एक रचनात्मक बातचीत और व्यावहारिक सहयोग विकसित करने के लिए तैयार है।
जबकि पड़ोसी तुर्कमेनिस्तान ने चुप्पी साध रखी है, हालांकि 15 अगस्त को काबुल पर कब्जा करने के बाद से तालिबान के साथ पहले से संपर्क में रहा है, ताजिकिस्तान पंजशीर प्रतिरोध के पक्ष में ²ढ़ता से सामने आया है। संयोग से, उज्बेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान दोनों रूस के नेतृत्व वाले सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (सीएसटीओ) का हिस्सा नहीं हैं।
दुशांबे ने ताजिकिस्तान की स्वतंत्रता की 30वीं वर्षगांठ मनाई और इस दौरान राष्ट्रपति इमामोली रहमोन ने राष्ट्र के नाम एक संबोधन दिया। पाकिस्तान का नाम लिए बिना उन्होंने जोर देकर कहा कि अफगानिस्तान की अस्थिरता और त्रासदी देश में विदेशी हस्तक्षेप का परिणाम है, जो अब तक जारी है।
राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि पिछले एक महीने में दुर्भाग्य से, देश की स्थिति अधिक जटिल और दुखद हो गई है और यह क्षेत्र और दुनिया के देशों के लिए बहुत चिंता का विषय है।
राष्ट्रपति ने अफगानों को उन शक्तियों द्वारा त्याग दिए जाने पर खेद व्यक्त किया, जिन्होंने उनका उपयोग किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इसकी वजह से अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को अफगान लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए और राष्ट्रीय सरकार के गठन के लिए तत्काल और सामूहिक उपायों की जरूरत है। अफगानिस्तान में रहने वाले सभी लोगों और अल्पसंख्यकों के हितों को ध्यान में रखते हुए ऐसा जरूरी है।
तालिबान द्वारा अपनी सरकार की घोषणा के तुरंत बाद यह टिप्पणी तालिबान की सरकार की अस्वीकृति के अलावा और कुछ नहीं है।
लेकिन यह सब यहीं नहीं रुका। राष्ट्रपति के भाषण के बाद दुशांबे में अफगान राजदूत मोहम्मद जोहिर अगबर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। तालिबान सरकार को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि इसने देश पर बलपूर्वक नियंत्रण में लिया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पंजशीर में प्रतिरोध जारी रहेगा और अहमद मसूद और अमरुल्ला सालेह दोनों अभी भी पंजशीर में मौजूद हैं। इसके साथ ही राजदूत ने पाकिस्तानी हस्तक्षेप की ओर भी इशारा किया और बाहरी ताकतों का हस्तक्षेप अफगानों पर थोपने की आलोचना की। उनका बयान ऐसे समय पर आया, जब पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी आईएसआई प्रमुख काबुल पहुंचे थे। यही नहीं पाकिस्तान पर पंजशीर में प्रतिरोधी गुट को कुचलने के लिए अपनी वायु शक्ति के समर्थन का आरोप भी है।
राजदूत ने आगे संकेत दिया कि यह संभावना से अधिक है कि अफगानिस्तान में एक परिषद का गठन किया जा सकता है जिसमें एनआरएफ के झंडे के नीचे अहमद मसूद, अमरुल्ला सालेह, मार्शल राशिद दोस्तम और अन्य शामिल होंगे और जो तालिबान से लड़ सकते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि एनआरएफ में न केवल ताजिक शामिल हैं, बल्कि उज्बेक, पश्तून और हजारा भी शामिल हैं, जिन पर अफगान लोगों का एक विश्वास भी है।
(यह आलेख इंडिया नैरेटिव डॉट कॉम के साथ एक व्यवस्था के तहत लिया गया है)
--इंडिया नैरेटिव
(आईएएनएस)
मैनेजमेंट स्किल्स: आईसेक्ट द्वारा टाइम मैनेजमेंट, कॉन्फ्लिक्ट मैनेजमेंट और नेगोशिएशन स्किल्स पर विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट मुख्यालय द्वारा स्कोप कैम्पस में “टाइम मैनेजमेंट, कॉन्फ्लिक्ट मैनेजमेंट और नेगोशिएशन स्किल्स” पर एम्पलॉइज के लिए विशेष ट्रेनिंग एवं मोटिवेशनल सेशन का आयोजन किया गया। इस सेशन को बतौर मुख्य वक्ता जानी मानी करियर काउंसलर, पर्सनेलिटी ग्रूमिंग एक्सपर्ट और मोटिवेशनल स्पीकर श्रीमति मनीषा आनंद ने संबोधित किया। यह सेशन कार्यस्थल पर कर्मचारियों को प्रशिक्षित एवं प्रेरित करने के लिए आयोजित किया गया था।
इस दौरान ट्रेनर श्रीमति मनीषा आनंद द्वारा सेल्फ-ऑडिट कैसे करें, अपने विचारों का निरीक्षण और सफाई कैसे करें इत्यादि के बारे में बताया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमें लोगों को क्षमा करना और जो जैसा है उसे वैसा ही स्वीकार करना सीखना चाहिए तभी हम दूसरे व्यक्ति को सही मायने में समझ सकते हैं और बेहतर संवाद स्थापित कर सकते हैं। इसके अलावा टाइम मैनेजमेंट पर बात करते हुए कहा कि अपने कार्यों को उनके महत्व एवं तत्कालिकता के आधार पर प्राथमिकताएं प्रदान करें। सत्र में श्रीमती आरती कुमार, एचओडी, एमओओसीएस (MOOCs), श्रीमती मोनिका सिंह, निदेशक- फिनिशिंग स्कूल एवं कॉर्पोरेट रिलेशंस, स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज, श्री सुमित मल्होत्रा, एचओडी, एचआर, ने प्रशिक्षण में विशेष रूप से हिस्सा लिया। अपने आभार वक्तव्य में श्रीमती मोनिका सिंह ने सत्र की सराहना की और इस दौरान कार्यक्रम का संचालन श्रीमती अर्चना जैन द्वारा किया गया।
आईसेक्ट के निदेशक श्री सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने इस पहल पर बात करते आईसेक्ट प्रबंधन टीम के प्रयासों को प्रोत्साहित किया और सराहना की और इस तरह के सत्रों को नियमित आयोजित करते हुए कर्मचारियों के लाभ पहुंचाने की प्रतिबद्धता जताई।
लॉ समाधान: कानूनी और लेखा समस्याओं के समाधान का एकमात्र स्थान
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कोर्ट-कचहरी के चक्कर कोई नहीं काटना चाहता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जहां जनता को सही सलाह न मिलने का डर सताता है, वहीं, कानून के पचड़े में पड़ना घर बार बिकने के सामान समझा जाता है। इसी डर से आज भी ऐसा देखा जाता है की बहुत से केस रिपोर्ट ही नहीं हो पाते हैं। लेकिन, यदि जनता के पास ऐसा कुछ हो जिस पर वह विश्वास कर सके और ठगा सा महसूस न करे, तो कैसा होगा? ऐसा होने पर न सिर्फ जनता को सही कानूनी सलाह मिलेगी, सलाह उनकी जेब पर भारी भी नहीं पड़ेगी और आसानी से मिलेगी। ऐसा ही है लॉ समाधान पोर्टल। कानूनी और लेखा सेवा प्रदान करने की क्षमता रखने वाले इस पोर्टल पर जनता विश्वास कर सकती है क्योंकि इसके साथ जुड़ें होंगे देश के बेहतरीन और जाने माने वकील और लेखा सेवाओं से जुड़े प्रोफेशनल।
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टैगोर के जीवन पर आधारित नाटक प्रस्तुत कर दी श्रद्धांजलि: राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय ने टैगोर को पुण्यतिथि पर किया सादर सुमिरन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। भारतीय संस्कृति के उद्गाता गुरूदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर की पुण्यतिथि पर टैगोर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय और टैगोर विश्व कला व संस्कृति केन्द्र द्वारा उनके जीवन पर आधारित नाट्य प्रस्तुति और एकला चलो रे गीत की प्रस्तुति कर उनका पुण्य स्मरण किया। गुरूदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर की पुण्यतिथि 7 अगस्त को रहती है इसी परिप्रेक्ष्य में शनिवार 6 अगस्त को रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कथा सभागार में मनोज नायर के निर्देशन में नाट्य विद्यालय के विद्यार्थियों ने एक नाट्य प्रस्तुति दी। इस मौके पर संतोष कौशिक के मार्गदर्शन में विद्यार्थियों ने एकला चलो रे गीत प्रस्तुत किया।
इससे पूर्व टैगोर के चित्र और प्रतिमा पर मार्ल्यापण कर उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को याद किया गया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. ब्रह्म प्रकाश पैठिया, नेशनल स्किल डेवलपमेंट कारपोरेशन नई दिल्ली के सीनियर हेड, स्टेट इंगेजमेंट एंड ऑपरेशन डाॅ. सोवनिष कुरियाकोसे एवं मानविकी एवं उदार कला संकाय की डीन एकेडमिक डाॅ. संगीता जौहरी विषेष रूप से उपस्थित थी। सभी आमंत्रित अतिथियों ने गुरुदेव के कार्यों और विचारों पर बात की। कार्यक्रम का संचालन नाट्य विद्यालय के समन्वयक विक्रांत भट्ट ने किया। आभार डा. मौसमी परिहार ने माना।
टीकाकरण महाभियान में लगे 300 से अधिक टीके: आरएनटीयू मेंराष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा आवाज़ के सहयोग से हुआ दो दिवसीय कोरोना टीकाकरण शिविर का आयोजन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कोरोना टीकाकरण महाभियान के अंतर्गत एवं भारत सरकार की मंशानुरूप कुलसचिव डॉ विजय सिंह के निर्देशन में गैर सरकारी संगठन आवाज़ के सहयोग राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय द्वारा दो दिवसीय कोरोना के प्रथम, द्वितीय एवं बूस्टर डोज़ शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जिसके पहले दिन विश्वविद्यालयीन स्टाफ सहित स्थानीय 190 लोगों को बूस्टर डोज़ लगाया गया।
टीकाकरण की शुरुआत डीन ऑफ अकेडमिक डॉ संजीव कुमार गुप्ता को डोज़ लगाकर की गई। वहीं दूसरे दिन टीकाकरण की शुरुआत डॉ सीवी रमन विश्वविद्यालय वैशाली के कुलाधिपति मान. डॉ वी के वर्मा को बूस्टर डोज़ लगाकर की गई। साथ प्रो वाइस चांसलर डॉ संगीता जौहरी की उपस्थिति में 125 लोगों को टीका लगाया गया। साथ ही कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह एवं डॉ रेखा गुप्ता तथा पीआरओ श्री विजय प्रताप ने भी डोज़ लगवाकर अन्य लोगों को भी इस हेतु प्रेरित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के दलनायक अविनाश चौहान तथा स्वीटी बाला ने बूस्टर डोज़ के फायदे बताए। आवाज़ के इस सहयोग के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ब्रम्हप्रकाश पेठिया ने बधाई व शुभकामनाएं दीं। इस दो दिवसीय टीकाकरण शिविर में चिकित्सा एवं पैरामेडिकल विभाग का भी सहयोग रहा। मुख्य भूमिका दलनायिका चित्रांशी मीना, मोना लोधी, दीक्षा पटेल, अविनाश कुमार, अमित कुमार, राजू कुमार इत्यादि की रही।