कादियानियों का मुद्दा यूएनएचआरसी में उठेगा, पाकिस्तानी परेशान
इस्लामाबाद, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)। पाकिस्तान में संवैधानिक रूप से गैरमुस्लिम घोषित किए जा चुके कादियानी समुदाय के मानवाधिकारों का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में उठेगा और इस पर बहस होगी। इसे लेकर पाकिस्तान के उलेमा में नाराजगी और बेचैनी पाई जा रही है और उन्होंने सरकार से मांग की है कि वह पाकिस्तान को बदनाम करने के कादियानी एजेंडे के खिलाफ कदम उठाए।
पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में अलग-अलग मत व संप्रदाय से संबंद्ध उलेमा के एक प्रतिनिधिमंडल ने देश के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से मिलकर इस मुद्दे को उठाया। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मौलाना मुहम्मद हनीफ जालंधरी ने किया।
कादियानी खुद को मुस्लिम मानते हैं लेकिन इस्लाम से जुड़े कुछ बुनियादी मुद्दों पर मतभेद के बाद पाकिस्तान में इन्हें 1974 में गैरमुस्लिम घोषित कर दिया गया था। इसके बाद से ही पाकिस्तान में इनके मानवाधिकारों के हनन के मुद्दे सुर्खियां बनते रहे हैं।
कुरैशी से मिलने गए उलेमा ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में कादियानियों की कोशिशों को नाकाम बनाने के लिए सरकार मजबूती से कदम उठाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस मामले से गंभीरता से नहीं निपटा गया तो इसके देश में घातक नतीजे हो सकते हैं।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ने एक बार फिर कादियानियों का मामला यूएनएचआरसी में उठाया है और दुर्भाग्य से यूएनएचआरसी ने इस पर चर्चा की अनुमति दे दी है।
मौलाना जालंधरी ने कुरैशी से कहा कि पाकिस्तान के लोग इस मुद्दे पर गंभीर रूप से चिंतित हैं और अगर इसे कायदे से संभाला नहीं गया तो देश में इसके भयावह परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कादियानी लगातार हर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान के खिलाफ प्रोपेगेंडा कर रहे हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि कुरैशी ने प्रतिनिधिमंडल को इस मामले में सरकार के पूर्ण सहयोग के प्रति आश्वस्त किया।
Created On :   13 Oct 2019 6:00 PM IST