मोदी सरकार को कामयाबी, ब्रिटिश कोर्ट से मिली माल्या के प्रत्यर्पण को मंजूरी
- प्रत्यर्पण का मामला अब यूके के सेक्रेटरी ऑफ कोर्ट के पास भेज दिया गया है।
- ब्रिटेन की अदालत ने भारत के भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है।
- सोमवार को लंदन की वेस्टमिनिस्टर कोर्ट में इस मामले पर अंतिम सुनवाई हुई जिसके बाद ये आदेश दिए गए।
डिजिटल डेस्क, लंदन। ब्रिटिश कोर्ट ने भारत के भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। सोमवार को लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में इस मामले पर अंतिम सुनवाई हुई, जिसके बाद ये आदेश दिए गए। जज एम्मा अर्बथनॉट ने यह फैसला सुनाया। प्रत्यर्पण का मामला अब यूके के सेक्रेटरी ऑफ कोर्ट के पास भेज दिया गया है। अगर वहां से प्रत्यर्पण की मंजूरी दे दी जाती है तो फिर माल्या को भारत लाने का रास्ता तुरंत साफ हो जाएगा। अगर मंजूरी नहीं मिलती है तो माल्या के पास 14 दिन के अंदर ऊपरी अदालत में अपील करने का मौका है। ब्रिटिश कोर्ट के फैसले को मोदी सरकार के लिए बड़ी कामयाबी माना जा रहा है।
कोर्ट के फैसले के बाद विजय माल्या ने कहा, "जज ने जो कहा है, वो आप सभी ने सुना। जज ने मुझे बताया कि यह लंबी प्रक्रिया है। मैं इस फैसले के खिलाफ अपील भी कर सकता हूं।" माल्या ने कहा, "इस फैसले को लेकर मुझे कोई हैरानी नहीं है। मेरी लीगल टीम इस फैसले पर मंथन करेगी और आगे की कार्रवाई को लेकर निर्णय लेगी। यह एक लंबी प्रक्रिया है।"
भारत की ओर से CBI के ज्वाइंट डायरेक्टर ए साई मनोहर के नेतृत्व में सीबीआई और ईडी की टीम रविवार को ही लंदन रवाना हो गई थी। कोर्ट के इस फैसले के बाद CBI ने कहा, "हम यूके कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हैं। हम जल्द ही माल्या को भारत वापस लाने और केस को खत्म करने की उम्मीद कर रहे हैं। CBI की अपनी शक्तियां हैं। हमने इस मामले में कड़ी मेहनत की है। हम माल्या के प्रत्यर्पण प्रक्रिया को लेकर कॉन्फिडेंट है।"
ब्रिटिश कोर्ट ने विजय माल्या के खिलाफ तीन आरोप तय किए। ये हैं- साजिश करना, धोखाधड़ी करना और मनी लॉन्ड्रिंग। कोर्ट का मानना था कि विजय माल्या ने साजिश के तहत भारत के लोगों के साथ धोखा किया।
इससे पहले लंदन में कोर्ट की सुनवाई के लिए जाने से पहले मीडिया से बातचीत में माल्या ने कहा, "मैंने किसी का पैसा नहीं चुराया। मैंने बैंकों का पूरा पैसा चुकाने की बात की थी।बकाया चुकाने का प्रत्यर्पण से कोई लेना-देना नहीं है।" माल्या ने कहा, मैंने कर्नाटक हाईकोर्ट में सेटलमेंट की पेशकश की थी। जमा पैसे कर्मचारियों को देने के लिए कोर्ट में कई आवेदन दिए हैं। अगर कोर्ट हमारे प्रस्ताव को स्वीकार करने को तैयार है, तो मैं कर्मचारियों को भुगतान करने का इच्छुक हूं।"
बता दें कि 17 बैंकों के कंजोर्शियम ने माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज दिया था। 31 जनवरी 2014 तक माल्या पर बैंकों के 6,963 करोड़ रुपए बकाया थे। 2016 तक ये राशि करीब 9,000 करोड़ हो गई। किंगफिशर एयरलाइंस के प्रमुख पर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। 2 मार्च 2016 को देश से फरार हो चुका माल्या अभी लंदन में रह रहा है। पिछले साल अप्रैल में प्रत्यर्पण वॉरंट पर गिरफ्तारी के बाद से माल्या जमानत पर है। माल्या के खिलाफ प्रत्यर्पण का मामला मजिस्ट्रेट की अदालत में पिछले साल 4 दिसंबर को शुरू हुआ था।
Created On :   10 Dec 2018 12:36 PM GMT