संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने दक्षिण पूर्व एशिया में भू-राजनैतिक प्रतिस्पर्धा पर जताई चिंता

UN chief expresses concern over geopolitical competition in Southeast Asia
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने दक्षिण पूर्व एशिया में भू-राजनैतिक प्रतिस्पर्धा पर जताई चिंता
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने दक्षिण पूर्व एशिया में भू-राजनैतिक प्रतिस्पर्धा पर जताई चिंता
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संयुक्त राष्ट्र, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दक्षिण पूर्व एशिया और उससे आगे के देशों में शांति व सुरक्षा हालात का उल्लेख करते हुए चिंता जताई कि यहां भू-राजनैतिक प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है। उन्होंने वैश्विक विभाजन गहराने की ओर इशारा करते हुए कहा है कि इससे गलत अनुमान, टकराव और यहां तक कि नए शीत युद्ध जैसे जोखिम भी हैं।

सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) और संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के बीच वार्षिक मंत्रिस्तरीय बैठक में बोलते हुए, गुटेरेस ने बुधवार को आसियान के सदस्यों की ओर से वैश्विक संघर्ष विराम के लिए उनकी अपील का समर्थन करने का स्वागत किया। उन्होंने कहा, मैं दुनिया भर में दुश्मनी का अंत करने के लिये आपके पैरोकारी प्रयास देखने के लिये तत्पर हूं, जिनमें आपके अपने क्षेत्र में जारी टकराव भी शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि दक्षिण चीन सागर में बढ़ते तनाव को दूर करने के लिए बातचीत की जरूरत है और हालात को और ज्यादा खराब ना होने देने की भी आवश्यकता है।

यूएन प्रमुख ने कहा, कोरियाई प्रायद्वीप में, आसियान के विदेश मंत्रियों की संबंधित पक्षों से आग्रह करने में एक अहम भूमिका है, विशेष रूप से डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (उत्तर कोरिया) से, ताकि जो प्रक्रिया शुरू की गई थी, उसे जारी रखा जा सके।

उन्होंने कहा कि शांति प्रयासों व प्रक्रिया में संयुक्त राष्ट्र हर संभव सहयोग के लिए आसियान देशों के साथ तैयार खड़ा है।

यूएन महासचिव ने अपने संबोधन में म्यांमार में रोहिंग्या सहित अन्य समुदायों के विस्थापन का भी उल्लेख किया। उन्होंने अपनी पुरानी अपीलों के बारे में ध्यान दिलाते हुए कहा कि रोहिंग्या संकट के बुनियादी कारणों को सुलझाए जाने की आवश्यकता है और ऐसा माहौल भी बनाना होगा, जिससे शरणार्थी स्वैच्छिक रूप से अपने घर लौट सकें।

उन्होंने बहुपक्षवाद और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों पर अपनी प्रतिबद्धता के लिए आसियान के सदस्यों को धन्यवाद दिया और 10 संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में लगभग 5,000 शांति सैनिकों के योगदान के लिए भी आभार जताया।

उन्होंने कहा, वैश्विक चुनौती और अनिश्चितता के इस समय में, क्षेत्रीय सहयोगी अपरिहार्य (परम आवश्यक) सहयोगी बने हुए हैं।

एकेके/एएनएम

Created On :   22 Oct 2020 4:01 PM IST

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