UN chief refuses to intervene in Kashmir issue
हाईलाइट
  • UN ने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया
  • गुटेरेस ने कश्मीर मुद्दे को लेकर पाक प्रतिनिधि मालेहा लोधी से मुलाकात की थी
  • पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र से झटका

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र से झटका लगा है। महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बुधवार को इस मामले में दखल देने से इनकार करते हुए दोनों पक्षों को बातचीत के जरिए मामले को सुलझाने की अपील की। गुटेरेस का ये बयान तब आया है जब पाकिस्तान की ओर से संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में जम्मू-कश्मीर का मसला उठाया गया।

गुटेरेस ने पिछले महीने फ्रांस में G7 समिट के मौके पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से भी बात की थी। गुटेरेस के प्रवक्ता स्टेफिन दुजारेक नें एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी। सोमवार को गुटेरेस ने कश्मीर मुद्दे को लेकर संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की स्थाई प्रतिनिधि मालेहा लोधी से भी मुलाकात की थी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब दुजारेक से मीडिया ने सवाल किया कि क्या इस महीने के अंत में संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के दौरान गुटेरेस भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर पर मध्यस्थता करने की योजना बना रहे हैं जिसमें मोदी और पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान दोनों शामिल होंगे? इस सवाल का जवाब देते हुए दुजारेक ने कहा, मध्यस्थता को लेकर संयुक्त राष्ट्र की स्थिति पहले जैसी ही है। उन्होंने दोनों पक्षों को बातचीत के जरिए मसले को हल करने के लिए कहा।

पाकिस्तान अब तक कश्मीर मुद्दे के संबंध में संयुक्त राष्ट्र से दो बार संपर्क कर चुका है। हालांकि, ग्लोबल बॉडी ने अब तक पाकिस्तान के अनुरोध को स्वीकार नहीं किया है। अगस्त में, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने चीन के कहने पर कश्मीर स्थिति को लेकर एक क्लोज डोर मीटिंग की थी। हलांकि भारत ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को स्पष्ट रूप से कहा है कि आर्टिकल 370 को हटाना भारत का एक आंतरिक मामला है और पाकिस्तान को वास्तविकता स्वीकार करने की सलाह भी दी थी।

पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र ने एक बयान में शिमला समझौते का जिक्र करते हुए इसे इसी समझौते के तहत हल करने की बात कही थी। बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच हुए 1972 के शिमला समझौते में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर को लेकर "अंतिम स्थिति का निर्धारण संयुक्त राष्ट्र के चार्टर को ध्यान में रखते हुए शांतिपूर्ण तरीक़े से किया जाएगा। दोनों देश आपस में बातचीत के जरिए कश्मीर से जुड़े विवाद सुलझाएंगे, इसमें किसी तीसरी ताकत का दखल स्वीकार नहीं होगा।
 

Created On :   11 Sep 2019 12:05 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story