India-Nepal Dispute: नेपाल के ऊपरी सदन ने सर्वसम्मति से विवादित नक्शा पास किया, भारत के तीन क्षेत्रों को दिखाया अपना

Upper House to vote today on Nepal New map Bill
India-Nepal Dispute: नेपाल के ऊपरी सदन ने सर्वसम्मति से विवादित नक्शा पास किया, भारत के तीन क्षेत्रों को दिखाया अपना
India-Nepal Dispute: नेपाल के ऊपरी सदन ने सर्वसम्मति से विवादित नक्शा पास किया, भारत के तीन क्षेत्रों को दिखाया अपना

डिजिटल डेस्क, काठमांडू। नेपाल के नए पॉलिटिकल नक्शे के लिए लाया गया संवैधानिक संशोधन बिल सर्वसम्मति से ऊपरी सदन में पास हो गया। सदन में मौजूद सभी 57 सदस्यों ने बिल के पक्ष में वोटिंग की। नए नक्शे में भारत के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधूरा को नेपाल का हिस्सा बताया गया है। जबकि भारतीय नक्शे में ये सभी हिस्से उत्तराखंड में पड़ते हैं। नया नक्शा निचले सदन (प्रतिनिधि सभा) से पहले ही पास हो चुका है।

निचले सदन में 258 सांसदों ने किया था समर्थन
13 जून को करीब 4 घंटो की चर्चा के बाद सदन में मौजूद सभी 258 सांसदों ने ध्वनिमत से नए नक्शे के लिए संविधान संशोधन बिल का समर्थन किया था। निचले सदन से पास होने के बाद आज विधेयक पर ऊपरी सदन (नेशनल असेंबली) में वोटिंग की गई। सभी 57 सदस्यों ने इस बिल के समर्थन में वोट किया। नेशनल असेंबली से पास होने के बाद अब ये बिल राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए जाएगा। राष्ट्रपति से मंजूरी के बाद नया राजनीतिक नक्शा लागू हो जाएगा।

नेपाल के नए नक्शे को पिछले महीने नेपाल की सत्तारूढ़ पार्टी ने जारी किया था। नक्शे को देश के संविधान में जोड़ने के लिए 27 मई को संसद में प्रस्ताव भी रखा जाना था। लेकिन नेपाल सरकार ने ऐन मौके पर संसद की कार्यसूची से इसे हटा दिया। हालांकि इसके बाद कानून मंत्री शिवा माया तुंबामफे ने 31 मई को विवादित नक्शे को लेकर संशोधन विधेयक नेपाली संसद में पेश किया था।

भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की
नेपाल के निचले सदन से विधेयक को मंजूरी मिलने पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था, "हमने गौर किया है कि नेपाल की प्रतिनिधि सभा ने नक्शे में बदलाव के लिए संशोधन विधेयक पारित किया है ताकि वे कुछ भारतीय क्षेत्रों को अपने देश में दिखा सकें। हालांकि, हमने इस बारे में पहले ही स्थिति स्पष्ट कर दी है। यह ऐतिहासिक तथ्यों और सबूतों पर आधारित नहीं है। ऐसे में उनका दावा जायज नहीं है। यह सीमा विवाद पर होने वाली बातचीत के हमारे मौजूदा समझौते का उल्लंघन भी है।" इससे पहले भी जब नपेला ने नय नक्शा जारी किया था तब भारत ने कहा था- यह ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित नहीं है। 

20 मई को जारी किया गया नया नक्शा
भारत के नेपाल के साथ रिलेशन जितने गहरे रहे हैं उतने दुनिया में किसी और देश के साथ नहीं। दोनों देशों के लोग न सिर्फ एक दूसरे के यहां बिना पासपोर्ट के ट्रैवल कर सकते हैं बल्कि रह भी सकते हैं और काम भी कर सकते हैं। लेकिन बीते कुछ समय से दोनों देशों के बीच जमीन के एक हिस्से को लेकर डिस्प्यूट चल रहा है जिसका असर दोनों देशों के रिलेशन पर भी पड़ा है। ये डिस्प्यूट और भी ज्यादा बढ़ गया जब 8 मई को भारत ने उत्तराखंड के लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर के लिए सड़क का उद्घाटन किया। भारत के इस कदम से नेपाल नाराज हो गया और प्रधानमंत्री केपी ओली शर्मा ने 20 मई को उनके देश का एक नया नक्शा जारी कर दिया। इस नक्शे में भारत के कंट्रोल वाले कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया। जिस हिस्से को लेकर विवाद चल रहा है वो करीब 335 स्क्वायर किलोमीटर का है।

Created On :   18 Jun 2020 6:02 AM GMT

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