पढ़ाई खत्म होने के बाद अमेरिका में रहना मुश्किल, बाहर का रास्ता दिखाएगा ट्रम्प प्रशासन

- अमेरिका में 2016-17 में भारतीय छात्रों की संख्या में 12 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
- अमेरिका में चीनी छात्रों के बाद भारतीय छात्र की संख्या सबसे अधिक है।
- अमेरिका में वीजा समाप्ति के बाद रह रहे छात्रों को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अपनी नीति में बड़ा बदलाव किया है।
- ट्रंप प्रशासन ने शुक्रवार रात एक नई ड्राफ्ट पॉलिसी जारी की।
- नई नीति से सबसे ज्यादा वे छात्
डिजिटल डेस्क, वाशिंगटन। अमेरिका में वीजा समाप्ति के बाद रह रहे छात्रों को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अपनी नीति में बड़ा बदलाव किया है। ट्रंप प्रशासन ने शुक्रवार रात एक नई ड्राफ्ट पॉलिसी जारी की। यह ड्राफ्ट पालिसी 9 अगस्त से लागू हो जाएगी। नई नीति से सबसे ज्यादा वे छात्र प्रभावित होंगे, जो पढ़ाई पूरी होने के बाद नौकरी की तलाश में अमेरिका में ही रुके हुए हैं। ज्ञात हो कि अमेरिका में चीनी छात्रों के बाद भारतीय छात्र की संख्या सबसे अधिक है। अमेरिका में 2016-17 में भारतीय छात्रों की संख्या में 12 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
अवैध निवास की गणना में बदलाव
नई ड्राफ्ट पॉलिसी में गैर-कानूनी मौजूदगी की अवधि की गणना पद्धति में बदलाव किया गया है। नई पॉलिसी में छात्रों की गैर-कानूनी मौजूदगी की अवधि को उस दिन से गिनना शुरू किया जाएगा, जबसे उनका आव्रजन स्टेटस खत्म हो रहा होता है। इसका मतलब उस दिन से होता है, जिस समय से छात्र का कोर्स पूरा हो जाता है। पढ़ाई पूरी होने के बाद वे अनाधिकृत गतिविधियों में लिप्त पाए जाते हैं। नई नीति में अमेरिका में अनधिकृत रूप से रह रहे दिनों के हिसाब से गिना जाएगा। इसके तहत छात्र को अमेरिका में प्रवेश करने या स्थाई नागरिकता हासिल करने के प्रयासों को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।
10 साल तक दोबारा प्रवेश पर प्रतिबंध
उदाहरण के लिए F-1(स्टूडेंट वीजा) स्टूडेंट्स को 60 दिन का ग्रेस दिया जाता ताकि वे इस दौरान अपने स्टेटस (वर्क वीजा) को बदल सकें या अमेरिका छोड़ कर चले जाएं। यह प्रस्ताव तब महत्वपूर्ण हो गया है जब गैर-कानूनी अवधि के आधार पर स्टूडेंट्स को अमेरिका में प्रवेश करने या स्थायी रेजिडेंसी स्टेटस पाने में दिक्कत आ सकती है। जो स्टूडेंट्स 180 से अधिक दिनों तक गैर-कानूनी तरीके से अमेरिका में रहते हुए पाए जाएंगे, उनके 3 से 10 साल तक अमेरिका में प्रवेश पर रोक लग सकती है। इस ड्राफ्ट में एक बारा में 180 अधिक दिनों तक अमेरिका में अनधिकृत रूप से रुकने की स्थिति में 3 से 10 सालों तक के लिए अमेरिका में दोबारा प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
ढ़ाई पूरी कर चुके छात्र होंगे प्रभावित
आव्रजन कानून विशेषज्ञ वैश्विक फर्म फ्रैगोमेन के अनुसार इस नई ड्राफ्ट पॉलिसी से मुख्य रूप से वे छात्र प्रभावित होंगे, जिन्हें स्टेटस नहीं मिल पाया है और जो वीजा के लिए आवेदन करना चाहते हैं या फिर स्थायी रेजिडेंट के रूप में अपना स्टेटस बदलना चाहते हैं। मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार, गैरकानूनी मौजूदगी की गणना दिन से की जाएगी, जिस दिन से अधिकारी उसका उल्लंघन पकड़ा जाता है या फिर आव्रजन जज डिपोर्टेशन का ऑर्डर पास करते हैं।
चीन के बाद सबसे अधिक भारतीय छात्र
सन 2017 में जारी की गई ओपन डोर्स रिपोर्ट में जारी किए गए अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के आंकड़ों के अनुसार सन 2016-17 की अवधि में अमेरिका जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में 12 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय स्टूडेंट्स की संख्या के लिहाज से भारत का चीन के बाद दूसरा स्थान है। 30 सितंबर 2017 तक अमेरिका में 4.21 लाख भारतीय छात्रों को वीजा दिया गया। सन 2016 की होमलैंड सिक्यॉरिटी रिपोर्ट के मुताबिक, 98,970 में से 4,575 छात्रों को नियमों का उल्लंघन करने या स्टेटस न मिल पाने के कारण या तो देश छोड़ना पड़ेगा या फिर उन्हें अपना स्टेटस बदलवाना होगा।
Created On :   13 May 2018 9:15 AM IST