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दैनिक भास्कर हिंदी: पाकिस्तान चुनाव : आतंकियों की राजनीति में एंट्री पर अमेरिका ने जताई चिंता

हाईलाइट
- पाकिस्तान में होने वाले चुनावों को लेकर अमेरिका ने चिंता जाहिर की है।
- चुनावों में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के समर्थित उम्मीदवार शामिल हो गए है।
- अमेरिकी विदेश मंत्रालय का कहना है कि पाकिस्तान को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए।
डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। पाकिस्तान में होने वाले चुनावों को लेकर अमेरिका ने चिंता जाहिर की है। अमेरिका की ये चिंता इसलिए है क्योंकि उसे लगता है कि इन चुनावों में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के समर्थित उम्मीदवार शामिल हो गए हैं। पाकिस्तानी अखबार द डॉन ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय के हवाले से ये बात कही है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय का कहना है कि पाकिस्तान को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए। बता दें कि पाकिस्तान में 25 जुलाई को चुनाव होने हैं।
हाफिज का बेटा और दामाद चुनाव मैदान में
'द डॉन' ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय के हवाले से बताया, 'हम पाकिस्तानी सरकार के सामने आने वाले आम चुनावों में लश्कर-ए-तैयबा की सक्रियता और इसके समर्थित उम्मीदवारों को लेकर चिंता जाहिर चुके हैं।' मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद से संबंधित पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) को राजनीतिक पार्टी के तौर पर मान्यता देने से पाकिस्तान इलेक्शन कमिशन इनकार कर चुका है, लेकिन इसके बाद इस संगठन ने अल्लाह-ओ-अकबर तहरीक (एएटी) के साथ गठबंधन किया। इस पार्टी ने हाफिज खालिद वालीद और तल्हा सईद सहित कुल 265 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। वालीद हाफिज सईद का दामाद है तो तल्हा हाफिज का बेटा।
4.6 करोड़ युवाओं के हाथों में सत्ता की चाभी
पाकिस्तान में होने वाले आम चुनाव में सत्ता की चाबी युवाओं के हाथ में होगी। पाकिस्तान में 10.5 करोड़ मतदाता हैं, इनमें युवा मतदाताओं की संख्या करीब 4.6 करोड़ है। युवा वर्ग जिस पार्टी के पक्ष में मतदान करेगा, उसकी जीत पक्की है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की वर्तमान सरकार का कार्यकाल इस माह की 31 तारीख को समाप्त हो जाएगा। इसके बाद कार्यवाहक सरकार सत्ता संभाल लेगी। चुनाव विश्लेषकों का मानना है कि सोशल मीडिया के इस युग में युवा ही इस बार के चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे।
ये हैं पाकिस्तान के प्रमुख राजनीतिक दल
पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन)
पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) अभी सत्ता में है। नवाज शरीफ को हटाए जाने के बाद शाहिद खाकान अब्बासी देश के प्रधानमंत्री पद पर हैं। पार्टी के चेयरमैन नवाज शरीफ के भाई शाहबाज शरीफ हैं। 1988 में स्थापित इस पार्टी का चुनाव निशान शेर है। 342 सदस्यों वाली नेशनल असेंबली में पार्टी के 188 सदस्य है।
पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ
क्रिकेट से राजनेता बने इमरान खान ने 1996 में पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी की बुनियाद रखी। फिलहाल नेशनल असेंबली में 33 सीटों के साथ पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। इमरान खान की पार्टी का चुनाव चिन्ह क्रिकेट का बैट है। पाकिस्तानी युवाओं में इमरान बहुत लोकप्रिय हैं।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में बेहद मजबूत समझी जाने वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी की स्थापना 1967 में जुल्फिकार अली भुट्टो ने की थी। अब उनके नवासे बिलावुल भुट्टो जरदारी पार्टी के प्रमुख हैं। पार्टी का चुनाव चिह्न तीर है और नेशनल असेंबली में उसके 47 सदस्य हैं। सिंध प्रांत में उसकी सरकार है।
मुत्तेहिदा कौमी मूवमेंट
एमक्यूएम की स्थापना 1984 में अल्ताफ हुसैन ने की थी। पार्टी का चुनाव चिन्ह पतंग है और पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में उसका बहुत दबदबा माना जाता है। राष्ट्रीय संसद में उसके 24 सदस्य हैं। एमक्यूएम को विभाजन के बाद पाकिस्तान में जाकर बसे मुहाजिरों की पार्टी माना जाता है।
आवामी नेशनल पार्टी
आवामी नेशनल पार्टी पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह में बड़ी ताकत रही है। हालांकि पिछले चुनावों में इमरान खान की तहरीक ए इंसाफ ने उसे प्रांतीय सत्ता से बाहर कर दिया है। राष्ट्रीय संसद में उसके अभी सिर्फ दो सांसद हैं। पार्टी का चुनाव निशान लाल टोपी है और असफंदयार वली खान इसके प्रमुख हैं।
जमीयत उलेमा ए इस्लाम (एफ)
मौलाना फजलुर रहमान के नेतृत्व वाली जमीयत उलेमा ए इस्लाम (एफ) पाकिस्तान की एक सुन्नी देवबंदी राजनीतिक पार्टी है, जिसके नेशनल असेंबली में 12 सदस्य हैं। पार्टी की चुनाव चिह्न किताब है। यह पार्टी 1988 में जमीयत उलेमा ए इस्लाम में विभाजन के बाद अस्तित्व में आई।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एफ)
यह पार्टी एक सिंधी धार्मिक नेता पीर पगाड़ा से जुड़ी हुई है। अभी नेशनल असेंबली में इसके पांच सदस्य हैं जबकि 168 सीटों वाली सिंध असेंबली में भी 9 सदस्यों के साथ वह मौजूद है। पार्टी का चुनाव चिह्न गुलाब का फूल है।
जमीयत उलेमा ए इस्लाम
इस पार्टी का मकसद पाकिस्तान को एक ऐसे देश में तब्दील करना है जो शरिया के मुताबिक चले। हालांकि जनता के बीच उसका ज्यादा आधार नहीं है। नेशनल असेंबली में उसके अभी सिर्फ चार सदस्य हैं। पार्टी तराजू के निशान पर चुनाव लड़ती है और सिराज उल हक इसके प्रमुख हैं।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग (क्यू)
यह पार्टी नवाज शरीफ की पीएमएल (एन) से टूट कर बनी है। पार्टी के मुखिया शुजात हुसैन, सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ के दौर में कुछ समय के लिए देश के प्रधानमंत्री रहे। फिलहाल नेशनल असेंबली में पार्टी के पास सिर्फ दो सीटें हैं। पार्टी का चुनाव चिह्न साइकिल है।
सामाजिक समागम 2022: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में एनएसएस ईकाई द्वारा सामाजिक समागम 2022 का आयोजन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तथा आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में सामाजिक समागम 2022 का आयोजन विश्वविद्यालय में किया गया। जिसमे समाजसेवा, साहित्य, संस्कृति, पर्यावरण इत्यादि क्षेत्रों में कार्य करने वाले गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। 'परस्पर सहयोग एवं समायोजन का भाव' के उद्देश्य के साथ आयोजित इस समागम में 'बचपन निवसिड' के श्री राजीव भार्गव ने बच्चों, युवाओं व महिलाओं पर किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा करते हुए कहा कि वर्तमान में अनेक योजनाएं होने के बावजूद उन पर अलग से विस्तृत नीति न होने के कारण उनके अनेक मुद्दे हाशिए पर पड़े हुए हैं। जैसे कुपोषण आज भी एक चुनौती बना हुआ है। इसके जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार के अलावा यूथ को भी आगे आना होगा। बिना यूथ की सक्रियता के किसी भी समस्या का समाधान संभव नहीं है। वर्तिका कल्चरल एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी की अध्यक्ष दुर्गा मिश्रा ने राष्ट्रीय सेवा योजना के साथ मिलकर शास्त्रीय नृत्य एवं संगीत को गरीब बस्तियों में ले जाने की बात कही।
वहीं 'सुख-शांति भवन' की प्रोग्राम ऑर्गनाइज़र सुश्री हेमा दीदी ने विश्वविद्यालय के साथ 'नशामुक्ति अभियान' को बड़े पैमाने पर चलाए जाने की बात कही। यूथ फार सेवा के श्री अतुल विश्वकर्मा ने ऐसी सरकारी योजनाओं पर काम करने की इच्छा जताई जिनको तात्कालिक फायदों से अधिक दीर्घकालिक फायदे अधिक होते हैं। अपना भोपाल ग्रुप के संस्थापक डॉ अरुणेश्वर सिंह सुनहरा ने रक्तदान सहित सभी तरह की सामाजिक गतिविधियों में सहयोग करने तथा उसको राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित करने का जिम्मा लिया। साथ ही उन्होंने हस्तशिल्पी जैसे कलाकारों को भी एक मंच पर लाने का सुझाव दिया।
कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन तथा विश्वविद्यालय का परिचय देते हुए कुलसचिव डॉ विजय सिंह ने कहा कि रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने अपनी स्थापना के समय से ही समाज की सेवा को अपना प्राथमिक उद्देश्य माना है। क्योंकि समाज से ही व्यक्ति का अस्तित्व होता है बिना समाज के या तो कोई देवता ही रह सकता है या कोई पशु। आज का यह समागम समाजसेवा का मिनी कुंभ साबित हो ऐसा प्रयास हम करेंगे। समागम का परिचय प्रो वाइस चांसलर डॉ संगीता जौहरी ने दिया ।कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह ने एवं आभार ज्ञापन डॉ रेखा गुप्ता ने किया। मुख्य उपस्थिति आईक्यूऐसी के एकेडमिक कोर्डिनेटर श्री पद्मेश चतुर्वेदी की रही।
बचपन निवसिड, 'यूथ फॉर सेवा', 'हम साथ हैं', हार्टफुलनेस मेडिटेशन सेंटर, 'वर्तिका कल्चरल एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी', 'अपना भोपाल ग्रुप', 'सुख-शांति भवन', 'ई-पोस्ट भोपाल', 'रोटरी क्लब' सहित 12 सामाजिक संगठनों ने सहभागिता की।
मुख्य भूमिका श्रेया शर्मा, यूथ लीडर शबनम कुमारी, ज़िकरा खान, दलनायिका चित्रांशी मीना तथा अविनाश कुमार, अनुराग भारती, प्रिंस ठाकुर, दिलशाद खान इत्यादि स्वयंसेवकों की रही।
क्लोजिंग बेल: सपाट स्तर पर बंद हुआ बाजार, सेंसेक्स- निफ्टी में मामूली गिरावट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। जून माह के फ्यूचर तथा ऑप्शन सौदों के कटान के दिन आज गुरुवार को दलाल स्ट्रीट में तेजड़ियों एवं मंदड़ियों के मध्य कड़ी स्पर्धा देखने को मिली। यूएस जीडीपी के प्रथम तिमाही में 1.6 प्रतिशत सिकुड़ने के कारण वैश्विक बाजारों में नकारात्मक प्रभाव पड़ा। सेंसेक्स 0.02 प्रतिशत की सीमित गिरावट के साथ 53018.94 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 0.12 प्रतिशत गिरकर 15780.25 पर बंद हुआ।
बैंक निफ्टी ने 0.47 प्रतिशत लाभ के साथ 33425.10 पर समाप्ति दी। इंडिया विक्स 21 के ऊपर बना रहा जो तेजड़ियों के लिए परेशानी बनी रहने का संकेत है। निवेशक तथा ट्रेडर्स अभी भी आने वाले दिनों के लिए तेजी या मंदी, किस दिशा में ट्रेड करे, इसको ले कर असमंजस में हैं।
क्षेत्र विशेष में निफ्टी एनर्जी तथा निफ्टी फाइनेंसियल सर्विस में क्रमशः आधे प्रतिशत की सामान्य तेजी रही जबकि निफ्टी मेटल,ऑटो तथा रियलिटी एक प्रतिशत से अधिक गिरे।निफ्टी के शेयरों में एक्सिस बैंक, एसबीआई तथा डिविज लैब में सर्वोच्च लाभ रहा जबकि आइशर मोटर, सिप्ला, बीपीसीएल सबसे अधिक हानि में रहे। तकनीकी रूप से निफ्टी ने लांग टेल डोजी के जैसा एक प्रारूप बनाया है जो आने वाले दिनों के लिए अनिश्चितता की स्थिति दर्शाता है। जून माह में निफ्टी 5.29 प्रतिशत फिसला है।
आवरली चार्ट पर निफ्टी में अगले कुछ दिनों के लिए 15700 पर हल्का सपोर्ट है। वॉल्यूम प्रोफाइल के आधार पर 15500 निफ्टी आनेवाले सप्ताह के लिए एक शक्तिशाली सपोर्ट का कार्य करेगा। एटीआर तथा एडीएक्स जैसे संकेतक दैनिक चार्ट पर दुर्बलता का संकेत दे रहे हैं। निफ्टी का सपोर्ट 15700 है,तेजी में 16000 अवरोध है। बैंक निफ्टी का सपोर्ट 33000 तथा उसके पश्चात 32700 है जबकि अवरोध 33800 है। कुलमिला कर मंदी की चाल से उबरने के लिए मार्किट को एक अच्छी शक्तिशाली तेजी पर बंद होने की आवश्यकता है।
ओम मेहरा
रिसर्च एसोसिएट
चॉइस ब्रोकिंग (Choice Broking)
Source: Choice India
३२ साल के डॉ. राज पढियार ने देश भर में बनायी विशेष पहचान: गुजरात के गृहमंत्री, तेलंगाना एवं पोंडिचेरी के गवर्नर सहित देश विदेश की नामी हस्तियाँ करती है फ़ॉलो
डिजिटल डेस्क, भोपाल। थाने ज़िला के मीरा भायंदर के युवा उधमी - डॉ. राज पढियार ने अपने आंट्रेप्रेनरशीप और डिजिटल मीडिया से देश भर में अपनी विशेष पहचान बनायी हैं । इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है की उन्हें ट्विटर पर गुजरात के गृह मंत्री - हर्ष संघवीजी, तेलंगाना एवं पोंडिचेरी गवर्नर - डॉ. तमिलिसाई सौंदराराजन, तहसीन पूनावाला, कोंग्रेस के राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष - बी श्रीनिवास, भाजपा के राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष एव सांसद - तेजस्वी सूर्या, उद्धव ठाकरे साहेब के पीए - बी के राजपूत, इनकम टैक्स कमिशनर - सुग्रीव मीना, ABP न्यूज़ के ऐंकर - विकास भदोरिया, राहुल गांधी के पीएस - कौशल विद्यार्थी, बोलीवुड अभिनेता अमित साध, WTO के भारत के डिरेक्टर - आशीष चंडोरकर, दुबई के शेख़ - डॉ. मोहम्मद अल हेमीयरी समित भारत सरकार के कई मंत्रालय, विभिन्न राज्य के प्रदेशध्यक्ष, सांसद, अभिनेता, सामाजिक कार्यकर्ता एवं नामी हस्तियाँ फ़ॉलो करती है । यह सभी लोग डॉ. राज के शिक्षण एवं डिजिटल मीडिया के क्षेत्र के बदोलत इनके सम्पर्क में रहकर निरंतर चर्चा एवं वार्ता विमश करते रहते है ।
डॉ. राज पढियार - एशिया की प्रसिद्ध एजुकेशन कंपनी -
डिजिटल गुरुकुल के संस्थापक है जिसने अभी तक पूरी दुनिया में ४५,०००+ से ज़्यादा छात्रों को डिजिटल क्षेत्र में प्रशिक्षा देकर उन्हें रोज़गार एवं स्टार्टअप के हेतु योग्य बनाया है । कोरोना काल में डॉ. राज की संस्था ने १५००+ से ज़्यादा भारत, दुबई के युवाओं को डिजिटल स्किल की निशुल्क शिक्षा देकर उन्हें रोज़गार प्राप्त करने में सहायता करी ।
डॉ. राज पढियार अब तक ५०००+ से ज़्यादा लेक्चर ले चुके है जिसमें ३१,०००+ छात्रों को ट्रेनिंग देके उन्हें रोज़गार हेतु योग्य बना चुके है । उन्होंने अब तक अपनी २ किताबें पब्लिश करी है १ - सोशल मीडिया एंड पॉलिटिक्स इन इंडिया - जिसे भारत के अग्रणी राजनेताओ ने पढ़कर उसकी सराहना की है, २ - फ़ंडामेंटलस ओफ़ डिजिटल मार्केट जो डिजिटल मीडिया विषय पर लिखी हुई भारत की पहली एकाडेमिक बुक है - यह बुक भारत के २५० से ज़्यादा कॉलेज के लाइब्रेरी में उपलब्ध है।
डॉ. राज पढियार को शिक्षा एवं डिजिटल क्षेत्र में योगदान के चलते उन्हें “दुनिया के सर्वश्रेस्ठ १०० डिजिटल लीडर” में स्थान मिला जो भारत के लिए बहोत गर्व की बात थी । इसके अलावा उन्हें बॉलीवुड अभिनेत्री सोहा अली खान, कलाकार मुकेश खन्ना एवं कई बड़े कलाकारों ने विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया है ।
अपने स्टार्टप के शुरुआती दौर में काफ़ी स्ट्रगल करने के बाद डॉ. राज पढियार ने अपने अथाग परिश्रम एवं मेहनत से आज जो मुक़ाम तक पहोचे है जिससे उनकी देश विदेश में लोग सराहना कर रहे है और भारत का नाम और रोशन किया है।
मूवर्स और पैकर्स: कैसे एश्योरशिफ्ट ने भारत में स्थानांतरण के अनुभव को बेहतर बनाया है
डिजिटल डेस्क, भोपाल। देश में बढ़ती जनसंख्या, शैक्षिक प्रगति और मूल तोर से नौकरी के अवसर के कारण, देश के अंदर और विदेश के कई शहरों में, प्रवास करने वाले अन्य शहरों के लोगों की संख्या उल्लेखनीय मत्रा से वृद्धि पाई है।
इस कारण से स्थानांतरण सेवा के मांग में तेजी से वृद्धि हुई। कई पैकर्स एंड मूवर्स कंपनियों की स्थापना भी हुई है जो घर, कार्यालयों के सामना, कार, बाइक, आदि को स्थानांतरित करने के लिए आवश्यक सेवाएं प्रदान करती हैं। हालांकि, किसी भी नए उत्पाद के साथ, कई नकली और गैर-पेशेवर चलती कंपनि स्थापित होते हैं। धीरे-धीरे भारतीय स्थानांतरण बाजार में इस तरह के कंपनि आकर बेहद कम लागत वाली कोटेशन की पेशकश करके निर्दोष ग्राहकों का शिकार करना शुरू कर दिया। वे गुणवत्ता सेवाओं, अतिरिक्त सहायता आदि जैसे कई वादे करते हैं, लेकिन अंत में अक्सर ग्राहकों के पैसे और सामान लूट लेते हैं।
स्व-चलन के साथ आने वाली कठिनाइयों और जोखिमों को ध्यान में रखते हुए, पेशेवर स्थानांतरण सेवा प्रदाताओं को नियुक्त करने की सलाह दी जाती है लेकिन कंपनी के इतिहास और पृष्ठभूमि की जांच कर लेने के बाद। आपको एक पैकर्स मूवर्स कंपनी के पंजीकरण दस्तावेजों और पहले के ग्राहकों की कई समीक्षाएं पढ़ कर, उनका व्यापक शोध करना चाहिेए। लेकिन सामान्य ज्ञान के अनुसार, दस्तावेज़ीकरण, कंपनी विवरण, कार्यालय स्थान आदि की पुष्टि करना आसान काम नहीं है और पहली बार जांच करने वाले के लिए अत्यधिक समय लग सकता है।
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एश्योरशिफ्ट का 4-चरणीय तरीका एक सुनिश्चित स्थानांतरण के लिए
#1 पूर्ण तरह से बैकग्राउंड की जांच
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#2 बजट के अनुकूल दरों पर सर्वोत्तम मिलान वाली सेवाएं
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युक्ति: भारत में सबसे सटीक पैकर्स और मूवर्स शुल्क प्राप्त करने के लिए (किसी भी आइटम को देश में किसी भी स्थान पर ले जाने के लिए), हमेशा एक भौतिक प्री-मूव सर्वेक्षण अनुरोध करें। जब मूवर्स व्यक्तिगत रूप से वस्तुओं का सर्वेक्षण करते हैं, तो उन्हें सटीक आवश्यकताओं का बेहतर विचार मिलता है और वे स्थानांतरण लागत की अधिक सटीक गणना करने में सक्षम होते हैं।
#3 लाइटनिंग-फास्ट रिस्पांस और एंड-टू-एंड सपोर्ट
एश्योरशिफ्ट ग्राहकों के किसी भी प्रश्न का तुरंत जवाब देकर आपके हर कदम को परेशान मुक्त बनाने के लिए निरंतर काम करता है।
- फॉर्म जमा करते ही ग्राहकों को तुरंत रेफर किए गए मूवर्स की पूरी जानकारी मिल जाएगी।
- हमारे मूवर्स भी जल्दी से स्थानांतरण लागत का अनुमान लगाते हैं या भौतिक पूर्व-चाल सर्वेक्षण के लिए घर भी आ सकते हैं।
- एश्योरशिफ्ट के उपयोग सेआसान इंटरफेस के साथ, कई मूवर्स के विवरणों की तुलना कम समय में आसानी से की जा सकती है (जैसे, चेकिंग शुल्क, सेवाओं की पेशकश, रेटिंग, समीक्षा, आदि)।
साथ ही, एश्योरशिफ्ट सुनिश्चित करता है कि ग्राहकों को पूरी स्थानांतरण प्रक्रिया के दौरान आवश्यक समर्थन मिले, यानी अनुरोध जमा करने के समय से लेकर सामान की अंतिम डोरस्टेप डिलीवरी तक।
# 4 नियमित प्रतिक्रिया और गुणवत्ता संरक्षण
एश्योरशिफ्ट ग्राहकों की पूर्ण संतुष्टि सुनिश्चित करने के लिए काम करता है। ग्राहकों से नियमित फीडबैक लेने से संभावित ग्राहकों को अच्छी तरह से सूचित निर्णय लेने में मदद मिलती है और साथ ही साथ हर दिन काम करने की प्रक्रिया में सुधार होता है। एश्योरशिफ्ट को ग्राहकों द्वारा सामना की स्थानांतरण के समय आने वाली विभिन्न समस्याओं जैसे कि अचानक मूल्य वृद्धि, सामान का नुकसान, स्थानांतरण के दौरान मूवर्स के अनैतिक व्यवहार पता चलता रहता है।
प्राप्त शिकायतों की गंभीरता के आधार पर, एश्योरशिफ्ट सेवा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए आवश्यक कार्रवाई करता है, :जैसे
- गैर-पेशेवर मूवर्स और पैकर्स को अस्थायी रूप से निलंबित या वेबसाइट से उनके व्यावसायिक प्रोफाइल को स्थायी रूप से हटाकर दंडित करना, साथ ही साथ
- लिस्टिंग में उच्च रैंक मैं रख के शीर्ष प्रदर्शन करने वाली कंपनियों को पुरस्कृत करना ।
निष्कर्ष के तौर पर
एश्योरशिफ्ट समझती है कि कई सारे सामान ले जाना जोखिम भरा हो सकता है और वित्तीय, मानसिक और शारीरिक दबाव पैदा कर सकता है, खासकर बिना किसी पूर्व अनुभव से किया गया हो तो। इसके अलावा, बहुत से ग्राहक वास्तव में भरोसेमंद स्थानांतरण सेवा प्रदाताओं को किराए पर लेने का सही तरीका भी नहीं जानते हैं। और तो और क्योंकि वर्तमान समय में कई धोखाधड़ी करने वाली कंपनियां भी बाजार में स्थापित हैं।
धोखेबाज पैकर्स और मूवर्स को खत्म करने के मिशन के साथ, एश्योरशिफ्ट ने स्थानांतरण कंपनियों के काम काज़ की प्रक्रिया में सुधार लाई हे, और इसके परिणामस्वरूप, भारत में पैकिंग और स्थानांतरित करने की प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव आया है। एश्योरशिफ्ट के माध्यम से जाने का सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि भरोसेमंद पैकर्स और मूवर्स ढूंढना आसान हो जाता है, और बजट के अनुसार सही कंपनी मिनटों के अंदर मिल जाता है।
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