अमेरिका की बड़ी कार्रवाई : पुतिन के करीबियों, रूसी अधिकारियों को किया 'बैन'

अमेरिका की बड़ी कार्रवाई : पुतिन के करीबियों, रूसी अधिकारियों को किया 'बैन'

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। अमेरिका की डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने रूस पर नए प्रतिबंध लगा दिए हैं। अमेरिका ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के 7 करीबियों और 17 सीनियर ऑफिशियल्स समेत 12 कंपनियों पर बैन लगाने का फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि इन पर अमेरिका ने इसलिए बैन लगाया है क्योंकि इन सभी पर दुनिया को "नुकसान" पहुंचाने वाली गतिविधियां चलाने का आरोप है। अमेरिका ने पुतिन के जिन 7 करीबियों पर बैन लगाया है, उनमें पुतिन के दामाद का नाम भी शामिल है। इससे पहले अमेरिका ने रूस के 60 डिप्लोमैट्स को सस्पेंड कर दिया था, जिसके बाद रूस ने भी जवाबी कार्रवाई में अमेरिका के डिप्लोमैट्स को अपने देश से निकालने का फैसला लिया था।

पुतिन के किन करीबियों पर लगाया बैन?

अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट के मुताबिक, ओलेग डेरिपास्का, व्लादिमिर बोगदानोव, सुलेमान केरीमोव, आइगर रोटेनबर्ग, किरिल शैमलोव, आंद्रेई स्कोच और विक्टर वेक्सलबर्ग पर बैन लगाया गया है। 

 

 

 



किन कंपनियों पर लगाया गया है बैन?

अमेरिका ने जिन रूसी कंपनियों पर बैन लगाया है, उनमें एग्रोहोल्डिंग कुबान, बेसिक एलिमेंट लिमिटेड, बी-फाइनेंस, En+ ग्रुप, GAZ ग्रुप, गैजप्रोम बूरेनी, यूरोसिबिनेर्गो, लाडोगा मैनेजमेंट, NPV इंजीनियरिंग, रेनोवा ग्रुप, रोसोबोरोन एक्सपोर्ट समेत 12 कंपनियों के नाम शामिल हैं।

चीन के साथ "ट्रेड वॉर" नहीं, बेवकूफ नेताओं की वजह से हम पहले ही हार चुके हैं : ट्रंप

किन रूसी ऑफिशिल्यस पर लगाया है बैन?

इसके साथ ही अमेरिका ने कई रूसी ऑफिशियल्स पर भी बैन लगाया है। अमेरिका ने ब्लैकलिस्ट में सिक्योरिटी काउंसिल सेक्रेटरी निकोलाई पेट्रूशेव, इंटीरियर मिनिस्टर व्लादिमिर कोलोकोल्तसेव, फेडरेशन काउंसिल इंटरनेशनल अफेयर्स कमेटी के चेयरमैन कॉन्सटैंटिन कोसाच्योव, फेडरेशन कम्युनिकेशन के निगरानी अधिकारी रोस्कोम्नाद्जोर और अलेक्जेंडर जहरोव शामिल हैं। इसके साथ रूसी इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर मिखाइल फ्रेडकोव, तुला रीजन के गवर्नर अलेक्सेई ड्यूमिन, राष्ट्रपति के सहयोगी येवगेनी शक्लोव, व्लादिमिर उस्तिनोव पर भी बैन लगाया गया है। इनके अलावा बैंक ऑफ रूस के डिप्टी गवर्नर अलेक्जेंडर टॉर्शिन, रूसी गार्ड के चीफ विक्टर जोलोटोव, व्लादिस्लाव रेज्निक और ओलेग गोवोर्न को भी ब्लैकलिस्ट में शामिल किया गया है।

अमेरिका ने इस पर क्या कहा?

व्हाइट हाउस की प्रवक्ता सारा सैंडर्स की तरफ से एक बयान जारी कर कहा गया है कि रूस पर पाबंदियां लगाई गई हैं, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि अमेरिका ने रूस से अपने सारे रिश्ते खत्म कर लिए हैं। उन्होंने कहा कि "ये जो पाबंदियां लगाए गए हैं और साथ ही जो भी प्रशासनिक कदम उठाए गए हैं, उनमें कांग्रेस की मंजूरी का ध्यान रखा गया है। ये साबित करता है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बात बिल्कुल सही थी कि रूस के खिलाफ कोई भी कठोर कदम नहीं उठाता था।" उन्होंने कहा कि "हम रूस के साथ बेहतर रिश्ते चाहते हैं, लेकिन ये तभी संभव हो सकेगा जब रूस भी अपने व्यवहार में बदलाव लाए।"

रूस ने क्या दिया जवाब?

अमेरिका की इस कार्रवाई पर रूस ने भी प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है। रूस के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि "इस तरह के दबाव के आगे रूस अपने रास्ते से नहीं हटेगा।" बयान में कहा गया है कि "रूस पर कोई हमला करता है  तो हम उसे बिना सख्त कार्रवाई के नहीं छोड़ेंगे।" रूसी विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के इस फैसले को "बेवकूफी" भरा बताया है और कहा है कि इससे दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध खराब होंगे।

Created On :   7 April 2018 3:09 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story