पश्चिमी चुनाव प्रणाली स्वयं के सिस्टम को बताते है लोकतांत्रिक प्रणाली चीन
- लोगों की इच्छा देश के शासन में परिलक्षित होती है सच्चा लोकतंत्र
डिजिटल डेस्क, बीजिंग । कुछ देश जो पश्चिमी चुनाव प्रणाली को लागू करते हैं। अपने स्वयं के सिस्टम को लोकतांत्रिक प्रणाली कहते हैं और चीन की राजनीतिक व्यवस्था को अधिनायकवाद बताते हैं। उनका आधार यह है कि पश्चिमी देशों में नेता सीधे मतदाताओं द्वारा चुने जाते हैं, जबकि चीन में नहीं । तो क्या लोकतंत्र का केवल एक ही रूप है? चीन में भी जन प्रतिनिधि प्रणाली कायम की गयी है। इन प्रतिनिधियों को लोगों द्वारा चुना जाता है, और फिर ये प्रतिनिधि सभी स्तरों की सरकारों और नेताओं को वोट देते हैं। चीन का लोकतंत्र पश्चिमी देशों से अलग है। यह प्रणाली लोकतंत्र को विज्ञान के साथ जोड़ती है और समाज के प्रबंधन के लिए सभी लोगों के ज्ञान को एकीकृत करती है।
पश्चिमी विशेषज्ञों के अनुसार चीन की राजनीतिक व्यवस्था सामंती शासन की परंपरा से उत्पन्न है और इसमें राजनीतिक वैधता का अभाव है। हालाँकि यह दृष्टिकोण चीन की वास्तविकता के साथ पूरी तरह से असंगत है। लोकतंत्र सिर्फ वोट देने से ज्यादा है या सिर्फ वोट देने का मतलब लोकतंत्र नहीं है। लोकतंत्र का सही अर्थ यह है कि लोगों की इच्छा देश के शासन में परिलक्षित होती है। उधर चीनी सरकार के शासन में लोगों की इच्छा और हितों का विस्तृत प्रदर्शन किया जा रहा है। उदाहरण के लिए चीन में केवल एक पंचवर्षीय योजना की तैयारी को दो साल समय लगता है जिसे तीन भागों और 11 चरणों में विभाजित किया जाता है और जिनमें से प्रत्येक में जटिल विचार-विमर्श और चर्चा शामिल है। समाज के सभी वर्गों की उम्मीदों और विचारों को इकट्ठा करने के बाद इसे कानून के रूप में उठाया जाएगा। व्यापक जनमत के आधार पर तैयार की गई इस पंचवर्षीय योजना को अंतत: सुचारू रूप से लागू किया जाएगा।
चीनी प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है सार्वजनिक भागीदारी। चीन में नीतियां बनाते समय जनता की राय जानने के लिए सर्वेक्षण, सेमिनार और सुनवाई जैसे भिन्न भिन्न उपायों को अपनाना आवश्यक है। उदाहरण के लिए अगस्त, 2020 में चीन की 14वीं पंचवर्षीय योजना राय के ऑनलाइन आग्रह के लिए तैयार की गई। नेटिजन्स ने सक्रिय रूप से भाग लिया और 1 मिलियन से अधिक संदेश छोड़े। जबकि सरकारी विभागों ने उन में से 1,000 से अधिक सुझावों को संग्रहित किया। इस पद्धति में साधारण मतदान की तुलना में अधिक वास्तविक लोकतांत्रिक अर्थ हैं। लोकतंत्र का सार यह है कि सार्वजनिक मामलों पर सभी लोगों द्वारा चर्चा की जाती है। चीन की राजनीतिक व्यवस्था के तहत सरकार के फैसले समाज के सभी वर्गों की भागीदारी और समीक्षा के अधीन हैं। न कि केवल कुछ विशेषज्ञों से। यह निर्णय लेने की प्रक्रिया जो बहुसंख्यकों के ज्ञान को केंद्रित करती है। लोकतंत्र का एक उच्च स्तर है। उधर पश्चिमी संसदों में विभिन्न दलों के स्वार्थ के लिए व्यर्थ बहस और लड़ाइयों को देखते हुए आपको यह स्वीकार करना होगा कि चीन की लोकतांत्रिक प्रणाली अधिक वैज्ञानिक और प्रभावी है।
पश्चिमी प्रणालियों को लागू करने वाले देशों के संसद में सांसद देश के लिए नहीं, अपनी अपनी पार्टियों के हितों के लिए संघर्ष करते रहे हैं। अमेरिकी विद्वान थॉमस एल. फ्रीडमैन ने चीन और अमेरिका की प्रणालियों की तुलना कर यह निष्कर्ष निकाला कि अमेरिकी प्रणाली अब लोकतांत्रिक राजनीति नहीं हो गयी है बल्कि एक वीटोक्रेसी बन गई है। ऐसी प्रणाली दूसरों को कुछ भी करने से रोकती है। सांसद नीतियों में सुधार के लिए नहीं बल्कि विरोधी दलों के खिलाफ बहस में संघर्ष करते रहे हैं। उधर अमेरिकी विद्वान फ्रांसिस फुकुयामा ने भी कहा कि चीनी व्यवस्था की श्रेष्ठता है कि वह शीघ्रता से जटिल और उच्च गुणवत्ता वाले निर्णय लेने में सक्ष्म है।
तथ्यों से साबित है कि चीन की राजनीतिक व्यवस्था वोट देना या नहीं का सवाल नहीं है। इसने उच्च स्तर के लोकतंत्र और वैज्ञानिकता को दिखाया है। हालांकि अंतत: वास्तविकता के मुताबिक किसी निश्चित राजनीतिक व्यवस्था का परीक्षण करना ही चाहिये। लोकतंत्र मानव जाति का उद्देश्य नहीं है। वह केवल एक साधन है। लोगों को लोकतंत्र के माध्यम से स्वास्थ्य, समृद्धि, सुरक्षा और कल्याण को महसूस करना चाहिये। लेकिन इस मुद्दे पर चीन ने संतोषजनक उत्तर दे दिया है। उदाहरण के लिए पश्चिमी देशों में सैकड़ों वर्षों के आर्थिक विकास के बावजूद गरीबी की समस्या को हल नहीं किया गया है और वहां अमीर और गरीब के बीच की खाई लगातार बढ़ती जा रही है। इसके विपरीत चीन ने 2020 के अंत तक गरीबी को पूरी तरह खत्म करने की घोषणा की है। एक सच्ची लोकतांत्रिक प्रणाली के मुताबिक लोगों की इच्छा के आधार पर निर्णय लेना चाहिए। चीन ने न केवल अपनी समस्याओं को हल किया है बल्कि विश्व के भविष्य के विकास के लिए एक बेहत्तर मॉडल तैयार किया है।
(आईएएनएस)
Created On :   2 Nov 2021 6:31 PM IST