थाईलैंड: पैटोंगटर्न शिनावात्रा के बाद अगले प्रधानमंत्री बनेंगे अनुतिन, निचले सदन में मतदान के बाद मिला बहुमत

- थाईलैंड में आज नया प्रधानमंत्री चुनने के लिए संसद में मतदान
- प्रधानमंत्री के पद से हटाई गईं थी शिनावात्रा
- राजा महा वजिरालोंगकोर्न से औपचारिक नियुक्ति मिलने के बाद पदभार ग्रहण करना होगा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भूमजैथाई पार्टी के अनुतिन चार्नवीराकुल थाईलैंड के अगले प्रधानमंत्री बन सकते है। अनुतिन, पैटोंगटर्न शिनावात्रा के बाद देश के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे। आज संसद में पीएम चुनने के लिए हुए मतदान में उन्हें जीत हासिल हुई है। थाईलैंड में फ्यू थाई पार्टी की पिछली दो महिला प्राइममिनिस्टर नैतिकता के उल्लंघन के आरोपों में हटाई जा चुकी थीं। वोटिंग से पहले भूमजैथाई पार्टी का कहना था कि अगर अनुतिन पीएम बनते हैं तो उनकी सरकार चार महीने में संसद भंग कर नए चुनाव कराएगी।
खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक भुमजैथाई पार्टी के नेता अनुतिन ने 492 सदस्यों वाली प्रतिनिधि सभा में से 247 से ज्यादा मत हासिल किए। हालांकि अनुतिन को कुल कितने वोट मिले, इसकी जानकारी मतगणना समाप्त होने के बाद ही पता चल सकेगी। उन्हें और उनकी सरकार को कुछ दिनों में राजा महा वजिरालोंगकोर्न से औपचारिक नियुक्ति मिलने के बाद पदभार ग्रहण करना होगा।
भूमजैथाई पार्टी का कहना है कि अनुतिन प्रधानमंत्री बनते हैं तो वह चार महीनों के भीतर संसद भंग करके आम चुनाव कराएंगे। भूमजैथाई पार्टी ने यह शर्त उन्होंने पीपुल्स पार्टी से समर्थन हासिल करने के बदले में रखी है। हालांकि पीपुल्स पार्टी के नेता नत्ताफोंग रुएनपान्यावुत ने विपक्ष में ही रहने को कहा है, इससे ये माना जाए कि अनुतिन की सरकार अल्पमत वाली बन सकती है। हालांकि पीपुल्स पार्टी का यह भी कहना है कि अनुतिन प्रधानमंत्री बनते हैं, तो उन्हें संविधान में बदलाव को लेकर जनमत संग्रह कराना होगा, जिसमें एक चुनी हुई संविधान सभा संविधान का नया मसौदा तैयार करेगी।
आपको बता दें पिछले हफ्ते थाईलैंड की संवैधानिक कोर्ट ने फ्यू थाई पार्टी की नेता पैटोंगटार्न शिनावात्रा को कंबोडिया के सीनेट अध्यक्ष हुन सेन से फोन पर बातचीत के आरोप में पीएम पद से हटा दिया था। दोनों नेताओं के बीच फोन पर यह बातचीत ऐसे समय में हुई थी, जब थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा को लेकर विवाद जारी है। बातचीत को राजनीतिक नैतिकता के नियमों का उल्लंघन माना गया। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद जुलाई में पांच दिन तक चला था। बाद में यह खूनी संघर्ष में तब्दील हो गया था।
Created On :   5 Sept 2025 3:29 PM IST