Protests in Pakistan: पाकिस्तान सरकार के खिलाफ Gen-Z का विरोध प्रदर्शन! इन मांगों के लेकर छात्रों का फूटा गुस्सा

पाकिस्तान सरकार के खिलाफ Gen-Z का विरोध प्रदर्शन! इन मांगों के लेकर छात्रों का फूटा गुस्सा
पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में पिछले कुछ हफ्ते पहले विरोध प्रदर्शन हुए थे। दोबारा से वहीं देखने को मिल रहा है। इस बार इन प्रदर्शनों की अगुवाई नई पीढ़ी यानी जेन-जी कर रही है।

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। नेपाल में जेनरेशन Z द्वारा किया गया विरोध प्रदर्शन, अब पाकिस्तान में शिफ्ट हो गया है। यह आक्रोश अपने उफान चरण में है। पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में पिछले कुछ हफ्ते पहले विरोध प्रदर्शन हुए थे। दोबारा से वहीं देखने को मिल रहा है। इस बार इन प्रदर्शनों की अगुवाई नई पीढ़ी यानी जेन-जी कर रही है। यह वर्ग शिक्षा सुधारों को लेकर सड़कों पर उतरा है।

पाकिस्तान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन

शुरुआत में यह प्रदर्शन बढ़ती फीस और मूल्यांकन प्रक्रिया को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से किया गया था। जो अब शहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ एक बड़े आंदोलन में तब्दील हो गया है। यह आंदोलन पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों में निवास करने वाली युवा पीढ़ी के गहरे असंतोष को दर्शाता है। इन विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत इसी महीने के शुरुआता में हुई थी। इस दौरान ये शांतिपूर्ण स्थिति में थे, लेकिन हालात तब बिगड़ गए थे, जब एक अज्ञात बंदूकधारी शख्स ने छात्रों के एक समूह पर गोली चला दी थी, जिस हमले में एक स्टूडेंट घायल हो गया था।

अचानकर प्रदर्शनकारियों पर हुआ हमला

इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर मौजूद है, जिसमें देखा जा सकता है कि मुजफ्फराबाद में एक व्यक्ति अचानक प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चला रहा है। इस वजह से इलाके में अफरातफरी का माहौल बन गया था। हालांकि, इस वीडियो की पुष्टि नहीं हुई हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये घटना पुलिस अधिकारियों की उपस्थिति में हुई थी। इस घटना से प्रदर्शन में एक नया मोड़ आया। और गुस्साए विद्यार्थियों ने टायर जलाए, इलाके में आगजनी और तोड़फोड़ की। साथ ही पाकिस्तान सरकार के खिलाफ नारे भी लगाए।

छात्र की ये हैं मांगे

इस बार के प्रदर्शन में इंटरमीडिएट स्तर के विद्यार्थी भी शामिल हुए हैं। वे नई ई-मार्किंग या डिजिटल मूल्यांकन प्रणाली को लेकर विरोध कर रहे हैं, इसे इसी साल के शैक्षणिक सत्र में लागू किया गया है। छह महीने की देरी के बाद 30 अक्टूबर को इंटरमीडिएट फर्स्ट ईयर के परिणाम घोषित किए गए थे। इनमें कम मार्क्स मिलने के बाद छात्रों में नाराजगी देखी गई। कुछ छात्रों ने दावा किया था कि उन्हें उन सब्जेक्ट में पास कर दिया गया था, जिनकी उन्होंने परीक्षा नहीं दी थी। लेकिन सरकार की इस मामले में अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई हैं।

Created On :   6 Nov 2025 5:36 PM IST

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