पाकिस्तान-अफगानिस्तान तनाव: पाकिस्तान ने किया नियमों का उल्लंघन, सीजफायर लागू होने के बावजूद अफगानिस्तान में दागे गोले, दिखाया असली रंग

डिजिटल डेस्क, काबुल। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। सीजफायर लागू होने के बावजूद गुरुवार को पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में गोले दागे। यह जानकारी अफगान की सेना और प्रत्यक्षदर्शियों ने एक न्यूज एजेंसी से यह बात बताई। उन्होंने कहा गुरूवार को पाकिस्तान से गोले दागे गए। यह गोली बारी ऐसे समय में हुई जब दोनों देशों के बीच तुर्की में युद्धविराम को लेकर बातचीत होने वाली है। अफगान सैनिकों ने कहा, "पाकिस्तान ने हल्के और भारी हथियारों का इस्तेमाल किया और नागरिक इलाकों को निशाना बनाया।" इस घटना को देखने वालों ने कहा गोलाबारी 10-15 मिनट तक चली। इस तरह की हरकतों से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है।
पिछले महीने हुई सीम झड़प में कितने मारे गए?
नाम न छापने की शर्त पर सूत्रों ने कहा, "इस्तांबुल में चल रही बातचीत के सम्मान में हमने अभी तक जवाबी कार्रवाही नहीं की है।" आपको बता दें, पिछले महीने की शुरुआत में काबुल में विस्फोटों के बाद सीमा पर झड़प हुई थी। इसमें लगभग 50 अफगान नागरिकों सहित 70 से ज्यादा लोग मारे गए थे। पिछले कई वर्षों के मुकाबले देखें तो यह दोनों के बीच सबसे बड़े टकरावों में से एक था। इनके संबंध 2021 से बिगड़ गए जब से काबुल में तालिबानों ने सत्ता सभाली है। विशेष रूप से सीमा पर उग्रवाद और सुरक्षा चिंताओं को लेकर, बिगड़ गए हैं।
दोनों देश शांति के लिए कहां बैठक कर रहे?
पाक और अफगान तालिबान के बीच शांति कायम रहे इसके लिए दोनों देश बातचीत करने वाले हैं। यह बैठक बृहस्पतिवार को इस्तांबुल में हो रही है। जिसका उद्देश्य सीमा पर आतंकवाद के मुद्दे को निपटाना है, तनाव को बढ़ने से रोकना है। आपको बता दें, सीमा पर तैनात सैनिकों के बीज 11 अक्टूबर को झड़प हुई थी। जिसमें दोनों के पक्षों को जनहानि हुई थी। पाकिस्तान ने दावा किया कि इस झड़प में कम से कम 206 अफगान तालिबान मारे गए। इसके साथ ही 110 तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के सदस्य मारे गए थे। वहीं अफगान ने कहा हमने 23 पाक सैनिकों को मौत के घाट उतारा है।
पिछली बार संघर्षविराम के लिए कहा बैठक हुई?
दोनों पक्षों के बीच 15 अक्टूबर को संघर्षविराम पर सहमति बनी थी। यह बैठक 19 अक्टूबर को दोहा और 25 अक्टूबर को इस्ताबुल में वार्ता हुई। अस्थायी संघर्षविराम अब भी प्रभावी है, लेकिन दोनों पक्षों के अधिकारियों के बयानों और सोशल मिडिया पर पारस्परिक कटुता साफ झलक रही है। इस्तांबुल में हुई वार्ता असफल रही। लेकिन तुर्किये के हस्तक्षेप से स्थिति पहले से कुछ संभल गई है। अब एक बार फिर बातचीत करने की सहमति बन रही है। इसके लिए दोनों देशों के अधिकारी इस्तांबुल पहुंच चुके है।
Created On :   7 Nov 2025 12:57 AM IST












