इस्लामी क्रांति: समय बदला तो मित्रता की मिसाल देने वाले ईरान और इजराइल एक दूसरे के दुश्मन बन बैठे, जानिए दोनों देशों की दोस्ती के रिश्तों में कैसे आई खटास?

समय बदला तो मित्रता की मिसाल देने वाले ईरान और इजराइल एक दूसरे के दुश्मन बन बैठे, जानिए दोनों देशों की दोस्ती के रिश्तों में कैसे आई खटास?
  • ईरान कुछ ही महीनों में परमाणु हथियार विकसित कर सकता है -नेतन्याहू
  • 1948 में इजराइल को देश की मान्यता देने वाला ईरान दूसरा मुस्लिम बहुल देश था
  • ईरान की 1979 में हुई इस्लामी क्रांति ने दोनों देशों के बीच रिश्तों में जहर घोला

डिजिटल डेस्क, तेहरान। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान- इजराइल तनाव के बीच बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि ईरान के खिलाफ चलाया गया सैन्य अभियान ऑपरेशन राइजिंग लायन की मंजूरी छह महीने पहले नवंबर 2024 में दी गई थी। नेतन्याहू ने ये भी कहा कि ये ऑपरेशन अप्रैल 2025 में शुरू किया जाना था, लेकिन किन्हीं कारणों से इसे आगे के लिए टाला गया था। वैश्विक चेतावनियों को नजरअंदाज करके ईरान अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहा है। इसको रोकने के लिए इजराइल ईरान पर हमले कर रहा है। नेतन्याहू का कहना है कि ईरान के पास नौ परमाणु बम बनाने जितना उच्च संवर्धित यूरेनियम भंडार है। नेतन्याहू ने चेतावनी दी कि ईरान कुछ ही महीनों में परमाणु हथियार विकसित कर सकता है।

ईरान- इजराइल मित्र बनें दुश्मन

आपको बता दें आज भले ही ईरान और इजराइल आमने-सामने हैं लेकिन ये कभी एक दूसरे के घनिष्ठ मित्र हुआ करते थे। मित्रता में खटास की वजह ईरानी क्रांति को बताई जाती है। दरअसल 1948 में जब इजराइल अस्तिव में आया तो ईरान उसे देश के रूप में मान्यता देने वाला दूसरा मुस्लिम बहुल देश था। उस समय ईरान में पहलवी राजवंश का शासन था। इस राजवंश ने आधी सदी से अधिक समय तक शासन किया गया था। पहलवी राजवंश अमेरिका का समर्थक था जबकि इजराइल अमेरिका का समर्थन करता था। ईरान की 1979 में हुई इस्लामी क्रांति ने दोनों देशों के बीच रिश्तों में जहर घोल दिया था। नई ईरानी सत्ता ने अमेरिका को ईरान में ग्रेट शैतान और इजराइल को छोटा शैतान की संज्ञा दी गई। क्रांति के बाद ईरान ने इजराइल के साथ सभी नाते तोड़ दिए। और तब से ईरान -इजराइल के बीच की दुश्मनी बढ़ती चली गई।

ईरान पर इजराइली हमलों को लेकर नेतन्याहू का कहना है कि ईरान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों से पैदा हो रहे खतरे को खत्म करना है। नेतन्याहू ने कहा कि ऑपरेशन राइजिंग लायन का मकसद इजराइल के अस्तित्व के लिए ईरानी खतरे को कम करना है। नेतन्याहू ने कहा कि यह ऑपरेशन तब तक चलेगा, जब तक की खतरा पूरी तरह से समाप्त नहीं हो जाता।

संयुक्त राष्ट्र की परमाणु संवर्धन पर निगरानी रखने वाली एजेंसी ने अपनी हालिया रिपोर्ट में कहा है कि ईरान के पास 408 किलो यूरेनियम का ऐसा भंडार है, जो कि 60 फीसदी तक संवर्धित है। वहीं, 133 किलो यूरेनियम 50 फीसदी तक संवर्धित है। परमाणु हथियार बनाने के लिए यूरेनियम के 90 फीसदी संवर्धन की जरूरत होती है। नेतन्याहू ने दावा करते हुए कहा कि ईरान के पास नौ परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त यूरेनियम है।

इजराइल ने ईरान पर एयर स्ट्राइक की है जिसमें ईरान के 20 टॉप कमांडर की मौत हो गई, इनमें आर्मी और एयरफोर्स चीफ भी शामिल हैं। इजराइल ने बीते दिन शुक्रवार सुबह ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए 200 फाइटर जेट्स से 6 ठिकानों पर अटैक किया। हमलों के जवाब में ईरान ने दोपहर में इजराइल पर 100 से ज्यादा ड्रोन दागे। इजराइली सेना का दावा है कि उसने सभी ड्रोन मार गिराए। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान-इजराइल तनाव के बीच ईरान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि ईरान परमाणु समझौता कर ले वरना और बड़ा हमला झेलना होगा। ट्रम्प ने कहा सबकुछ खत्म होने से पहले ईरान को यह डील कर लेनी चाहिए।

ये कोई पहला मौका नहीं है जब इजराइल ने ईरान की सुरक्षा में सेंध लगाई है। इससे पहले भी कई बार इजराइल ईरान पर हमले कर चुका है। इजराइल ने जुलाई 2024 में हमास की राजनीतिक शाखा के प्रमुख इस्माइल हानिया की ईरान की राजधानी तेहरान में हत्या कर दी गई थी। इस्माइल हानिया की हत्या का आरोप इजराइल पर लगा था। हानिया की हत्या के पांच महीने बाद इजराइल ने हानिया को मारने की बात कबूल की थी। हानिया की हत्या एक कम दूरी के प्रक्षेप्य से की गई। हानिया उस वक्त ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान के शपथग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए तेहरान आया था।

Created On :   14 Jun 2025 1:54 PM IST

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