एंटी ऑक्सीडेंट की प्रचुरता वाली दवाएं मधुमेह और कोरोना के उपचार में कारगर

Anti-oxidant-rich drugs effective in treating diabetes and corona
एंटी ऑक्सीडेंट की प्रचुरता वाली दवाएं मधुमेह और कोरोना के उपचार में कारगर
एंटी ऑक्सीडेंट की प्रचुरता वाली दवाएं मधुमेह और कोरोना के उपचार में कारगर
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  • एंटी ऑक्सीडेंट की प्रचुरता वाली दवाएं मधुमेह और कोरोना के उपचार में कारगर

नई दिल्ली, 13 नवंबर (आईएएनएस)। भारत में 25 साल से कम आयु के चार में से एक व्यक्ति में मधुमेह के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। अमतौर पर ये लक्षण 40-50 की आयु नें दिखाई देते हैं। इधर, मधुमेह रोगियों के लिए कोरोना सबसे बड़ी मुसीबत बनकर आया है। मधुमेह रोगी सबसे ज्यादा कोरोना के शिकार हो रहे हैं। हालांकि राहत की खबर यह है कि एक अध्ययन में दावा किया गया है कि एंटी ऑक्सीडेंट की मात्रा से प्रचुर हर्बल दवाएं ऐसे रोगियों को मधुमेह के साथ-साथ कोरोना से भी राहत प्रदान कर रही हैं।

तेहरान यूनिवर्सिटी आफ मेडिकल साइंसेस के अध्ययन का भारत के संदर्भ में भी बड़ा महत्व है क्योंकि देश में मधुमेह के उपचार में आयुर्वेद की दवाएं खासी प्रचलित हैं। सीएसआईआर ने बीजीआर-34 जैसी सफल दवाएं विकसित की हैं जिसे एमिल फार्मास्युटिकल द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट की प्रचुर मात्रा है।

एनबीआरआई के पूर्व वैज्ञानिक एवं बीजीआर-34 की खोज करने वाले वैज्ञानिक डॉ. एकेएस रावत शोध के दावों को महत्वपूर्ण मानते हैं। वे कहते हैं कि बीजीआर-34 में दारुहरिद्रा, गिलोय, विजयसार, गुड़मार, मजीठ तथा मैथिका जैसे हर्ब मिलाए गए हैं जिनमें रक्त में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित्र रखने के साथ-साथ एंटी आक्सीडेंट की मात्रा भी बढ़ाते हैं।

अध्ययन के अनुसार जो लोग मधुमेह से ग्रस्त हैं और कोरोना से भी संक्रमित हो रहे हैं, उनमें कोशिकाओं के क्षतिग्रस्त होने से हाईपरग्लेसिमिया की स्थिति पैदा हो रही है जिसमें रक्त में इंसुलिन की मात्रा एकदम से कम हो जाती है। दूसरे कोरोना की वजह से प्रतिरोधक कोशिकाओं की कार्यप्रणाली भी बिगड़ रही है। दोनों का नतीजा यह है कि बीमारी गंभीर हो रही है तथा मौत का कारण भी बन रही है।

तेहरान यूनिवर्सिटी के एंड्रोक्रोनालाजी डिपार्टमेंट ने अपने शोध में पाया कि एंटी ऑक्सीडेंट से प्रचुर दवाएं मधुमेह एवं कोरोना संक्रमित रोगियों में साइटोकिन्स को नियंत्रित कर रही हैं। जबकि अन्य उपचार करा रहे लोगों में साइटोकिन्स की अति सक्रियता देखी गई।

दरअसल, साइटोकाइंस प्रतिरक्षा कोशिकाओं द्वारा उत्पन्न किए जाने वाले प्रोटीन हैं। इनकी मौजूदगी शरीर की प्रतिरोधक तंत्र को सक्रिय और नियंत्रित रखती है। लेकिन कोविड-19 के संक्रमण में साइटोकाइंस अति सक्रिय हो जाते हैं जिसके चलते प्रतिरक्षा तंत्र काम नहीं कर पाता।

जेएनएस

Created On :   13 Nov 2020 4:30 PM IST

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