बिहार : मधुबनी चित्रकला और सुजनी कला की शिल्पी कर्पूरी देवी पंचतत्व में विलीन
![Bihar: Shilpi of Madhubani painting and suzani art merged into Karpuri Devi Panchatatta Bihar: Shilpi of Madhubani painting and suzani art merged into Karpuri Devi Panchatatta](https://d35y6w71vgvcg1.cloudfront.net/media/2019/07/bihar-shilpi-of-madhubani-painting-and-suzani-art-merged-into-karpuri-devi-panchatatta_730X365.jpg)
- इस बीच
- कर्पूरी देवी के निधन पर बिहार के राज्यपाल फागू चौहान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक व्यक्त किया है
- प्रख्यात मधुबनी चित्रकला और सुजनी कला की सिद्घहस्त कलाकार राजनगर प्रखंड के रांटी गांव निवासी कर्पूरी देवी का अंतिम संस्कार बुधवार को रांटी गांव में किया गया
कर्पूरी देवी का पार्थिव शरीर पूरे रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। उनकी अंतिम यात्रा में गांव के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। उनके पुत्र विनय भूषण ने मुखाग्नि दी।
मधुबनी के एक निजी अस्पताल में 90 साल की अवस्था में उन्होंने आखिरी सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रही थीं। उनके निधन की खबर से कला क्षेत्र के लोगों में मातम पसर गया।
बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने कर्पूरी देवी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा, मिथिला पेंटिंग और सुजनी आर्ट को विश्व-पटल पर स्थापित करनेवाली बिहार की गौरव कर्पूरी देवी के निधन से भारतीय कला की दुनिया को एक अपूरणीय क्षति हुई है।
राज्यपाल ने दिवंगत आत्मा को चिरशांति तथा शोक-संतप्त परिजनों एवं प्रशंसकों को दु:ख की इस घड़ी में धैर्य-धारण की क्षमता प्रदान करने हेतु ईश्वर से प्रार्थना की है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कर्पूरी देवी के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि उनके निधन से कला का एक युग समाप्त हो गया।
नीतीश ने कहा, मिथिला पेंटिंग और सुजनी कला को दुनियाभर में एक नया आयाम देने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनके निधन से कला जगत की अपूरणीय क्षति हुई है।
भारत ही नहीं, जापान, अमेरिका व फ्रांस सहित दुनिया के कई देशों में कर्पूरी देवी की कला ने अपनी पहचान बनाई है। कर्पूरी देवी को मिथिला पेंटिंग व सुजनी कला दोनों में महारत हासिल थी।
कर्पूरी देवी चार बार जापान, दो बार अमेरिका और एक बार फ्रांस जा चुकी थीं। उन्हें 1986 में भारत सरकार ने नेशनल मेरिट सर्टिफिकेट से नवाजा था। वहीं 1980-81 में उन्हें बिहार सरकार से राज्य पुरस्कार और 1983 में श्रेष्ठ शिल्पी पुरस्कार मिला था। इसके अलावा वह अन्य दर्जन भर से अधिक पुरस्कार प्राप्त कर चुकी थीं।
--आईएएनएस
Created On :   31 July 2019 4:00 PM GMT