डायबिटीज पेशेंट्स को रोज ब्रेकफास्ट में पीना चाहिए दूध
डिजिटल डेस्क। आजकल लोगों में डायबिटीज की बीमारी तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में लोगों को अपने खान-पान पर ध्यान देने की जरूरत सबसे ज्यादा है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, एक कप दूध में 8 ग्राम प्रोटीन होता है और इसी वजह से इसे पीने के बाद काफी समय तक पेट भरा सा रहता है। साथ ही शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व भी इससे मिल जाते हैं। जी हां, सुबह के वक्त दूध पीने से ब्लड शुगर लेवल कम हो सकता है। नाश्ते में दूध पीने से टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों को फायदा हो सकता है। एक नई स्टडी से यह बात सामने आई है।
रिसर्चरों ने जांच की कि इससे प्रतिभागियों के ब्लड ग्लूकोज लेवल पर, उनकी भूख और खाने की मात्रा पर क्या असर पड़ा। उन्होंने पाया कि दूध में प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली कैसीन प्रोटीन की वजह से सबसे पहले गैस्ट्रिक हार्मोन रिलीज हुए जिससे पाचन की क्रिया धीमी हो गई और भूख कम हो गई। सुबह दूध पीने से मोटापे का खतरा भी कम हो सकता है। डगलस ने कहा कि इस स्टडी से इस बात की पुष्टि हुई है कि ब्रेकफास्ट में दूध शामिल करने से कार्बोहाइड्रेट के पाचन को धीमा करने और ब्लड शुगर कम करने में मदद मिलती है। न्यूट्रनिस्ट ने हमेशा से हेल्दी ब्रेकफास्ट पर जोर दिया है और ये स्टडी भी लोगों को अपने ब्रेकफास्ट में दूध शामिल करने के लिए प्रेरणा देती है। इससे पहले की रिसर्च में भी हाई प्रोटीन वाले दूध की उपयोगिता साबित हो चुकी है। टेल एविव यूनिवर्सिटी की एक स्टडी में पाया गया था कि छाछ प्रोटीन के दूसरे स्रोतों अंडों और सोया से ज्यादा ब्लड शुगर कंट्रोल करने में काफी कारगर होता है। इस स्टडी में भी कहा गया था कि ब्रेकफास्ट में प्रोटीन लेने से भूख कम लगती है।
जर्नल ऑफ डेयरी साइंस में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक, हाई प्रोटीन वाला दूध ब्रेकफास्ट में शामिल करने से मोटापे का खतरा भी कम हो जाता है। सुबह दूध पीने से पेट भरा रहता है जिससे लंच के समय पर भूख कम लगती है। इस स्टडी के लेखक डॉक्टर डगलस गॉफ ने कहा कि इस स्टडी के नतीजे डाइट से होने वाली बीमारियों से निपटने में अहम भूमिका निभाएगी। स्टडी में डगलस और उनकी टीम ने ब्रेकफास्ट में हाई प्रोटीन मिल्क और उसके साथ हाई कार्बोहाइड्रेट कॉर्नफ्लेक्स लेने के प्रभाव का अध्ययन किया गया।
Created On :   27 Aug 2018 9:24 AM IST