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दुधवा : हादसों से सर्तक प्रशासन इस बार बांड भराकर पर्यटक को देगा प्रवेश

लखीमपुर,16 अक्टूबर (आईएएनएस)। जंगल भ्रमण के दौरान होने वाले हादसों को लेकर दुधवा नेशनल पार्क अब सर्तकता बरतने जा रहा है। 15 नवंबर से शुरू हो रहे नए पर्यटन सत्र से पहले पर्यटकों से एक बांड भरवाया जाएगा।
सूत्रों की मानें तो दुधवा के जंगलों में बहुत सारे ऐसे हादसे हो चुके हैं, जिन्हे लेकर पार्क प्रशासन अब खतरा मोल नहीं लेना चाहता है। बीते कई दिनों से यहां दुधवा रेंज के साथ सठियाना, गौरीफंटा, किशनपुर, साउथ सोनारीपुर में बांकेताल सहित कई इलाकों में नेपाल से आए हाथियों के झुंडों ने ठिकाना बनाया हुआ है। इसलिए अधिकारी कोई जोखिम नहीं लेना चाहते।
कुछ दिन पहले दुधवा से गौरीफंटा जाने वाले रास्ते पर हाथियों ने तकरीबन डेढ़ घंटा उत्पात मचाया। इस दौरान दोनों तरफ वाहन कतार में खड़े रहे, कुछ वाहन हॉर्न बजाते रहे लेकिन हाथी सड़क पर डटे रहे, जबकि जंगल के इलाके में हार्न बजाना मना है।
वहां मौजूद लोगों के अनुसार हाथियों की संख्या 70 से 80 के बीच थी। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि झुंड में एक हाथी अन्य हाथियों का नेतृत्व कर रहा था। जिधर वह जा रहा था, उधर ही सारे हाथी जा रहे थे। इस दौरान सड़क पर अफरातफरी का माहौल रहा।
हंसपुर व सुर्जनपुर गांव में जंगली हाथियों के झुंड ने घुसकर किसानों की कई एकड़ धान व गन्ने की फसल बर्बाद कर दी। इन्हीं कारणों को देखते हुए ऐसा कदम उठाया जा रहा है।
वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि बांड भरने के बाद पर्यटकों को दुधवा के प्राकृतिक व्याख्या केंद्र में 15 से 20 मिनट तक जंगल के संवेदनशील इलाकों और भ्रमण के लिए सचेत किया जाएगा। पर्यटकों की सुरक्षा के लिए ऐसा किया जा रहा है।
दुधवा टाइगर रिजर्व फील्ड निदेशक संजय पाठक ने बताया, पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए अधिकारियों ने पहली बार यह कदम उठाया है। पर्यटक बांड को पर्यटन विभाग की वेबसाइट (यूपी डॉट इकोटूरिज्म डॉट इन) पर ऑनलाइन भी भर सकेंगे। वेबसाइट पर इसका परफॉर्मा अपलोड करने कवायद की जा रही है। वहीं, गेस्ट हाउस या थारू हट की बुकिंग के समय ऑफलाइन भी इसका फॉर्म भरा जा सकेगा। इस पर्यटन सत्र में पर्यटकों को बांड भरने के बाद जंगल सफारी के भ्रमण की अनुमति दी जाएगी। वन निगम को जल्द इसका फॉर्म भेजा जाएगा।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।