- अहमदाबाद और सूरत मेट्रो प्रोजेक्ट के भूमि पूजन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से शामिल होंगे पीएम मोदी
- कोरोना गाइडलाइंस के साथ दिल्ली में 10 महीने बाद खुले स्कूल, खुश नजर आए बच्चे
- यूपी में आज बीजेपी के 10 उम्मीदवार एमएलसी चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करेंगे
- बंगालः बीजेपी नेता शुभेंद्र अधिकारी आज दोपहर 3 बजे कोलकाता में करेंगे रोड शो
- दिल्ली: 26 जनवरी को निकलने वाली किसानों की ट्रैक्टर रैली के खिलाफ SC में आज होगी सुनवाई
आखिर गालियां औरतों को लेकर ही क्यों बनी है? जानें इस सवाल का जवाब

डिजिटल डेस्क । इस दुनिया में कोई भी चीज बिना कारण के नहीं होती, हर चीज के होने के पीछे कोई न कोई कारण जरूर होता है। ऐसे ही कई बार कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जिनसे हमारा सामना रोज होता है लेकिन हमको उसके पीछे का कारण पता नहीं होता या फिर हम जानने की कोशिश नहीं करते। आमतौर पर हम सब अपने दोस्तों के बीच में गाली का यूज करते हैं और ज्यादातर गालियां औरतों को लेकर ही होती हैं। लोग किसी आदमी को गाली देते हैं, तो उसमें भी औरतें आ जाती है और किसी जानवर को गाली देते हैं, तो उसमें भी औरतें आ जाती हैं। लोग हमेशा गालियों में मां और बहन जैसे शब्दों को ले आते हैं, लेकिन कभी आपने सोचा है कि ऐसा क्यों होता है? कभी 'तेरे बाप की' या 'तेरे भाई की' ऐसे गाली क्यों नहीं देते हम? आपने नहीं सोचा होगा और आपने तो क्या किसी ने भी इस बारे में नहीं सोचा होगा, लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं इसके पीछे का कारण।
क्या है गाली का कच्चा चिठ्ठा?
इतिहासकार सुसन ब्राउनमिलर ने एक किताब लिखी थी "Against our will: men, women and rape"। इस किताब में उन्होंने बलात्कार के इतिहास के बारे में बताया था। उनका कहना है कि जब धीरे-धीरे मनुष्य ने विकास करना शुरू किया तो उसे पता चला कि उसके अंग डर पैदा करने के लिए हथियार के रुप में इस्तेमाल किए जा सकते हैं, ये उसकी सबसे बड़ी खोज थी। धीरे-धीरे फिर मर्दों को पता चला कि वो बलात्कार कर सकते हैं, तो उन्होंने बलात्कार करना शुरु कर दिया। उनका मानना है कि शायद इसी के बाद से गाली की शुरुआत हुई और फिर लोगों ने गाली देना शुरु कर दिया। इसके लिए वो मनुष्य की शारीरिक बनावट को दोषी मानती हैं, उनका कहना है कि पुरुष और महिला की लैंगिक बनावट में काफी अंतर है और पुरुष के मुकाबले महिलाओं की बनावट काफी कमजोर है। इसके पीछे आदमियों का ताकतवर होना और औरतों का कमजोर होना भी कारण माना जा सकता है।
क्यों देते हैं हम गाली?
इसके पीछे हमारा मूड हो सकता है। दरअसल, जब हम किसी के काम से खुश होते हैं, या फिर खुश रहते हैं, तो हम उसे गाली की बजाय उसकी तारीफ करते हैं। लेकिन जब हमारा दिमाग खराब रहता है या फिर हमें किसी की बेज्जती करनी होती है, तो फिर हम उसके लिए गाली का उपयोग करते हैं। आजकल दोस्तों के बीत में लड़कों का गाली देना आम सा हो गया है, ऐसा इसलिए क्योंकि धीरे-धीरे गाली हमारी लैंग्वेज में शामिल हो जाती है और फिर हम न चाहते हुए भी गाली का इस्तेमाल करने लगते हैं।
कमेंट करें
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।