फर्श पर बैठकर खाना खाते समय आप सिर्फ खाना ही नहीं खाते हैं, बल्कि ये एक आसन की मुद्रा भी है। ये मुद्रा आपको शांत रहने में मदद करती है। इससे रीढ़ की हड्डी को आराम भी मिलता है।
- कानपुर: कोरोना संक्रमित जिला जज इलाज को भटके, सीएमओ भी खोजते रहे डॉक्टर, अस्पताल पर एफआईआर
- ऑक्सीजन की किल्लत : दिल्ली हाईकोर्ट की केंद्र को फटकार, कहा- किसी भी तरह सुधारें आपूर्ति व्यवस्था
- चेन्नई सुपर किंग्स ने जीता मैच, लेकिन कमिंस-रसेल ने जीते दिल
- महाराष्ट्र में कल रात 8 बजे से 1 मई तक 'लॉकडाउन', राज्य में लगाई गई कड़ी पाबंदी
- देहरादूनः उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओम प्रकाश कोरोना पॉजिटिव
फर्श पर बैठकर खाना खाने के फायदे आपको हैरत में डाल देंगे
डिजिटल डेस्क । भारत में जमीन पर बैठकर खाने की प्रथा बहुत पुरानी है। आज भी गांवों में लोग लकड़ी के छोटे से स्टूल पर बैठकर खाना खाना पसंद करते हैं। हालांकि शहरों में टेबल-कुर्सी पर बैठकर खाने का चलन बढ़ता जा रहा है। आइए जानते हैं कि हमें क्यों फिर से जमीन पर बैठकर भोजन करना शुरू कर देना चाहिए। दरअसल फर्श पर हम जिस तरह एक पैर को दूसरे पर रखकर बैठते हैं, वो एक आसन की मुद्रा है। इस मुद्रा में बैठकर खाना खाने से भोजन का पूरा फायदा मिलता है और पाचन क्रिया भी बेहतर रहती है। फर्श पर बैठकर खाना खाने के और भी फायदे हैं।


फर्श पर बैठकर खाने के दौरान आप पाचन की नेचुरल अवस्था में होते हैं। इससे पाचक रस बेहतर तरीके से अपना काम कर पाते हैं। साथ ही उनके स्त्रावण पर भी सकारात्मक असर पड़ता है।

फर्श पर बैठकर खाना खाने से शरीर मजबूत होता है। इस मुद्रा में बैठने से पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों, पेल्विस और पेट के आस-पास की मांसपेशियों में खिंचाव होता है। जिससे असहजता और दर्द की शिकायत में आराम मिलता है।

फर्श पर बैठकर खाना खाने से वजन संतुलित रखने में भी मदद मिलती है। परिवार के सभी सदस्य जब एकसाथ फर्श पर बैठकर खाते हैं तो उनके बीच का संबंध भी मजबूत बनता है। इस मुद्रा में बैठने से शरीर की कई तकलीफें दूर हो जाती हैं। आराम मिलने से खाने का स्वाद दोगुना हो जाता है।

- फर्श पर बैठकर खाने से हमारा बॉडी-पोश्चर भी बेहतर होता है। इससे व्यक्तित्व में भी निखार आता है।
- फर्श पर बैठकर खाने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है जो दिल की सेहत के लिए जरूरी है।