लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स की तरफ से करवाई गई एक स्टडी के मुताबिक, मंगलवार सप्ताह का सबसे डिप्रेसिंग दिन होता है और इस दिन आपको सबसे ज्यादा निराशा और उदासी महसूस होती है। इस स्टडी के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने एक मोबाइल ऐप का इस्तेमाल किया और करीब 2 महीने तक स्टडी में शामिल 22 हजार प्रतिभागियों के मूड पर नजर रखी। स्टडी में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों को दिनभर में 2 बार मैसेज भेजकर यह पूछा जाता था कि आज वे कहां हैं, कैसा महसूस कर रहे हैं, क्या कर रहे हैं और किन लोगों के साथ हैं?
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दैनिक भास्कर हिंदी: OMG! मंडे नहीं बल्कि वीक का ये दिन होता है सबसे डिप्रेसिंग
डिजिटल डेस्क । वीकएंड खत्म होते ही जब नया हफ्ता शुरू होता है तो लोगों को छुट्टी के बाद काम करने में दिक्कत आती है। छुट्टी का नशा और आलस उन पर सवार रहता है, जिससे मंडे का दिन सबसे भारी और लंबा लगता है। सोमवार खासतौर पर उन लोगों के लिए बोझिल होता है, जो कॉर्पोरेट वर्ल्ड में दिन रात मेहनत करते हैं और सेटरडे और संडे दो दिन की छुट्टी मनाते हैं। ऐसा लगता है मानो कुछ घंटे पहले ही तो शुक्रवार की शाम हुई थी और कैसे वीकेंड गुजर गया पता ही नहीं चला, लेकिन सभी के साथ ऐसा नहीं होता। कुछ लोगों के लिए सोमवार का दिन सबसे ज्यादा रिफ्रेशिंग होता है, क्योंकि छुट्टी के बाद वो खुद को काम करने के लिए दोबारा तैयार कर लेते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि सोमवार सप्ताह का सबसे डिप्रेसिंग दिन नहीं है, तो सवाल ये उठता है कि आखिर वो कौन सा है दिन है सप्ताह का, जो सबसे डिप्रेसिंग दिन माना जाता है?


इस स्टडी के डेटा की जांच के बाद अनुसंधानकर्ताओं ने सभी को हैरान कर दिया जब उन्होंने खुलासा किया कि हकीकत में सोमवार नहीं बल्कि मंगलवार सप्ताह का सबसे निराशाजनक दिन है। इस स्टडी के एक अनुसंधानकर्ता जॉर्ज मैककेरॉन ने कहा, ऐसा मुमकिन है कि बहुत से लोगों के लिए सोमवार को वीकेंड पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ होता है और इसीलिए मंगलवार आते-आते लोग ज्यादा दुखी और अवसाद महसूस करने लगते हैं क्योंकि अगला वीकेंड आने में 3 दिन का वक्त बाकी होता है।

क्या आप जानते हैं कि सप्ताह का सबसे खुशहाल दिन कौन सा होता है? वैसे तो ज्यादातर लोगों ने सही अनुमान लगा ही लिया होगा शनिवार, सप्ताह का सबसे बेस्ट दिन माना जाता है। स्टडी में शामिल ज्यादातर प्रतिभागी शनिवार के दिन बेस्ट मूड में नजर आए और खुशियों वाली यह फीलिंग रविवार तक जारी रही।
भोपाल: स्कोप कॉलेज में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने अपने छात्र -छात्राओं के भविष्य को संवारने के लिये भारत के आटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी हीरो मोटोकार्प के साथ एक करार किया जिसमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के लिये एक विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना संस्था के प्रांगण में की गई है। ये अपने आप में एक अद्वतीय पहल है तथा सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें सभी नवीनतम कम्प्यूटराइज्ड मशीन के द्वारा टू-व्हीलर ऑटोमोबाइल कार्यशाला प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस वर्कशाप में उद्घाटन के अवसर पर कम्पनी के जनरल मैनेजर सर्विसेज श्री राकेश नागपाल, श्री मनीष मिश्रा जोनल सर्विस हेड - सेंट्रल जोन, श्री देवकुमार दास गुप्ता - डी जी एम सर्विस, एरिया मैनेजर श्री राम सभी उपस्थिति थे। साथ ही संस्था के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अजय भूषण, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. मोनिका सिंह, अभिषेक गुप्ता आदि उपस्थित थे। संस्था के सभी शिक्षकगण तथा छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई , डॉ. मोनिका सिंह ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ. अजय भूषण ने सभी का स्वागत किया और बताया कि आने वाला समय कौशल विकास आधारित शिक्षा का है। कर्यक्रम में आईसेक्ट ग्रुप के कौशल विकास के नेशनल हेड अभिषेक गुप्ता ने ग्रुप के बारे मे विस्तार से बताया कि किस तरह हमेशा से आईसेक्ट ग्रुप ने कौशल विकास को हमेशा प्राथमिकता से लिया है। कार्यक्रम में एएसडीसी के सीईओ श्री अरिंदम लहिरी ऑनलाइन आकर सभी को बधाई दी तथा छात्र - छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभाषीस भी दी।
कार्यक्रम में डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि कौशल विकास आधारित शिक्षा सनातन काल से भारतवर्ष में चली आ रही है मध्यकालीन समय में कौशल विकास पर ध्यान नही दिया गया परंतु आज के तेजी से बदलते हुए परिवेश में विश्व भर में इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी आवश्यकता को देखते हुये स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कुछ ही समय में विभिन्न क्षेत्रों के सात सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है जो की विभिन्न क्षेत्रों मे छात्र- छात्राओं के कौशाल विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
भोपाल: सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों की बुलेट यात्रा का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में हुआ आगमन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंडिया गेट से जगदलपुर के लिए 1848 किमी की लंबी बुलेट यात्रा पर निकलीं सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने विश्वविद्यालय परिसर में आगमन पर भव्य स्वागत किया। लगभग 300 स्वयंसेवकों तथा स्टाफ सदस्यों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया। वहीं उनके स्वागत में एन एस एस की करतल ध्वनि से पूरा विश्वविद्यालय परिसर गुंजायमान हो उठा। इस ऐतिहासिक बाइक रैली में शामिल सभी सैन्यकर्मियों का स्वागत विश्वविद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक डॉ संजीव गुप्ता, डिप्टी रजिस्ट्रार श्री ऋत्विक चौबे, कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह व डॉ रेखा गुप्ता तथा एएनओ श्री मनोज ने विश्वविद्यालय की तरफ से उपहार व स्मृतिचिन्ह भेंट कर किया। कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए डिप्टी कमांडेंट श्री रवीन्द्र धारीवाल व यात्रा प्रभारी श्री उमाकांत ने विश्वविद्यालय परिवार का आभार किया। इस अवसर पर लगभग 200 छात्र छात्राएं, स्वयंसेवक व एनसीसी कैडेट्स समस्त स्टाफ के साथ स्वागत में रहे मौजूद।