टैनिंग से बचने के लिए लगाते है सनस्क्रीन तो जानें कितना सुरक्षित है इसका इस्तेमाल 

Use sunscreen to avoid tanning then know how safe it is
टैनिंग से बचने के लिए लगाते है सनस्क्रीन तो जानें कितना सुरक्षित है इसका इस्तेमाल 
टैनिंग से बचने के लिए लगाते है सनस्क्रीन तो जानें कितना सुरक्षित है इसका इस्तेमाल 


 

डिजिटल डेस्क ।  अभी ठीक से गर्मियां शुरू भी नहीं हुई है और धूप इतनी तेज हो गई कि घर से निकलना मुश्किल हो गया है। दोपहर के वक्त लोग या तो बाहर नहीं निकल रहे हैं और जो निकल भी रहे है उनकी कोई मजबूरी ही है। ऐसे में लोग कई इंतजामों के साथ दोपहर वक्त बाहर नजर आ रहे हैं। अगर आपको भी तेज धूप से परेशानी होती है तो फेस को दुपट्टा या कपड़े से ढंकें, जो लोग टैनिंग की समस्या से ज्यादा परेशान रहते हैं वो अच्छी क्वालिटी की सनस्क्रीन जरूर लगाएं। आपने सनस्क्रीन के कई ऐसे विज्ञापन देखे होंगे जो ये कहते नजर आते हैं कि सनस्क्रीन लगाकर धूप में बैठिए आपकी त्वचा पूरी तरह सुरक्षित है, लेकिन क्या आप जानते हैं सभी सनस्क्रींस में त्वचा को यूवीए और यूवीबी से प्रोटेक्ट करने की क्षमता नहीं होती। हाल ही में एक डर्माटॉलोजिस्ट ने इस बात का खुलासा किया है। आइए जानते है आखिर सनस्क्रिन आपकी त्वाजा पर किस तरह काम करती है। 

 

क्या होता है सनस्क्रीन का काम ? 

यूवी (UV) रेडिएशन से त्वचा को बहुत नुकसान पहुंचता है। ऐसे में ये माना जाता है कि सनस्क्रीन आपकी त्वचा को UVA और UVB से बचाता है। बाजार में बहुत से ऐसे सनस्क्रीन मौजूद हैं जिन्हें आप स्कीन पर लगाकर धूप में आसानी से जा सकते हैं, लेकिन डॉक्टर इस बारे में कुछ और ही कहते हैं।

अक्सर डॉक्टर्स के पास बहुत से एलर्जी वाले मरीज पहुंचते है जिन्हें की शिकात होती है कि वो अच्छी कंपनी का सनस्क्रीन लगाते हैं। जिनमें हाई सन प्रोटेक्टशन फैक्टर- SPF होता है, लेकिन फिर भी सन एलर्जी और पिगमेंटेशन सही नहीं हो रहा तो आप एक समझ ले कि आप हाई SPF सनस्क्रीन लगा रहे हैं तो इसकी ये गारंटी नहीं है कि पूरी तरह से आपकी त्वचा यूवीए और यूवीबी से सुरक्षित है।

 

 

SPF के कारण लोगों में हो रही विटामिन डी की कमी

UVB रेडिएशन त्वचा में 90 फीसदी विटामिन डी के लिए जिम्मेदार है। ऐसे में इस पर बहस भी जारी है कि SPF के कारण लोगों में विटामिन डी की कमी हो रही है और फिलहाल इस बहस को अंजाम तक पहुंचाने के लिए इस पर रिसर्च की जा रही है।

 

 

 

क्या कहता है एफडीए?

इस मामले में अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने 2007 में कहा था कि SPF सिर्फ सनबर्न प्रोटेक्शन फैक्टर है। इससे पता चलता है कि ये यूवी रेज जिनके कारण सनबर्न या रेडनेस होती है ये सिर्फ उससे बचाएगा। ये यूवीए से सीधेतौर पर आपको नहीं बचाता। 

SPF 15 केवल 93 फीसदी यूवीबी रेडिएशन और SPF 30 केवल 97 फीसदी यूवीबी रेडिएशन को ब्लॉएक करता है और हाई SPF प्रोडक्ट कंफर्टेबल नहीं होते। 

दूसरा फैक्टर इस बात पर निर्भर करता है कि आपने कितना सनस्क्रीन त्वचा पर लगाया है। जितनी सलाह दी जाती है उससे केवल 20 से 25 फीसदी अमाउंट ही इसका इस्तेमाल होता है। आधी चम्मच यानि 3 ml एक हाथ पर एप्लाई होना चाहिए। 1 पूरी चम्मच चेहरे पर, गर्दन पर, पैर, चेस्ट, बैक पर इस्तेमाल होनी चाहिए। अगर इतना सनस्क्रीन लगाएंगे तभी त्वचा ठीक से प्रोटेक्ट‍ होगी।
 

 

Created On :   16 March 2018 11:19 AM IST

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