जानिए क्या है मेटास्टेटिक कैंसर, जिससे जूझ रही हैं एक्ट्रेस सोनाली बेंद्रे 

what is metastatic cancer from which Sonali Bendre is struggling
जानिए क्या है मेटास्टेटिक कैंसर, जिससे जूझ रही हैं एक्ट्रेस सोनाली बेंद्रे 
जानिए क्या है मेटास्टेटिक कैंसर, जिससे जूझ रही हैं एक्ट्रेस सोनाली बेंद्रे 

 

डिजिटल डेस्क ।  एक्ट्रेस सोनाली बेंद्रे इन दिनों न्यूयॉर्क में कैंसर का इलाज करवा रही हैं। जब किसी सेलिब्रिटी को कैंसर जैसी बीमारी का पता चलता है तो ये सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात होती है क्योंकि हमने हमेशा से यही सुना है कि अच्छी लाइफस्टाइल, अच्छी डाइट कैंसर जैसी बीमारी को दूर रखती है और हमें उम्मीद होती है कि सेलिब्रिटीज की लाइफ स्टाइल हमेशा ही अच्छी रहती है। ऐसे में उन्हें कैंसर जैसी बीमारी होना ना केवल उनके लिए बल्कि आम लोगों के लिए भी शॉकिंग होता है। ऐसे में बहस छिड़ जाती है कि क्या सिर्फ लाइफ स्टाइल ही कैंसर जैसी बीमारी के लिए जिम्मेदार है। सोनाली बेंद्रे ने जब जानलेवा बीमारी मेटास्टेटिक कैंसर के बारे में इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट लिखकर बताया तो लोगो के दिमाग में यही सवाल है मेटास्टेटिक कैंसर क्या होता है? तो आज हम आपको इसकी जानकारी देते है। 

 

 

मेटास्टेटिक कैंसर कैसे होता है ?

जब कैंसर सेल्स जहां गठन होता है, यानी प्राइमरी स्पॉट से अलग हो जाती हैं और लिम्फ सिस्टम या ब्लड के जरिए अन्य हिस्सों में फैल जाती हैं। कैंसर सेल्स शरीर के अन्य हिस्सों में ट्यूमर बनाती हैं, जिन्हें मेटास्टेटिक ट्यूमर के रूप में जाना जाता है। मेटास्टेटिक एक गंभीर स्टेज है क्योंकि इसका मतलब है कि कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है मेटास्टेटिक कैंसर के प्राइमरी रूप के समान होता है। जैसे अगर ब्रेस्ट कैंसर फेफड़ों में फैलता है, तो इसे मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर कहा जाएगा लंग्स कैंसर नहीं। मेटास्टेटिक कैंसर का उपचार स्टेज IV ब्रेस्ट कैंसर की तरह किया जाएगा। 

 

 

कैसे फैलता है मेटास्टेटिक कैंसर? 

ट्यूमर के फटने के बाद खून के जरिए यह कैंसर पूरे शरीर में फैलकर सबसे पहले हड्डियों को अपना शिकार बनाता है। इसके बाद यह कैंसर फेफड़ों, लिवर और दिमाग में फैलता है। इसके बाद ये ट्यूमर गर्भाशय, मूत्राशय, बड़ी आंत और ब्रेन बोन की तरफ बढ़ता है।

 

 

मेटास्टेटिक कैंसर के लक्षण? 

इस कैंसर के सबसे आम लक्षणों में शामिल हैं, हड्डियों में दर्द, उनका टूटना, मल-मूत्र पर कंट्रोल खोना, हाथ और पैरों में कमजोरी आना, खून में कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाने की वजह से चक्कर, उलटी और दस्त होना।

 

 

 

Created On :   16 July 2018 12:49 PM IST

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