अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर ज्ञान की नगरी गया में आकर्षण का केंद्र बना 10 वर्षीय रुद

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर ज्ञान की नगरी गया में आकर्षण का केंद्र बना 10 वर्षीय रुद
10-year-old Rudra Pratap Singh became the center of attraction in the 'city of knowledge' Gaya on International Yoga Day.
  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
  • बिहार में कई कार्यक्रम आयोजित
  • बोध गया में पढ़ाई करता है रुद्र प्रताप
डिजिटल डेस्क, गया। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर ऐसे तो बिहार के विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए और लोगों द्वारा योगाभ्यास किया गया, लेकिन, ज्ञान की नगरी गया में कुछ अलग ही नजारा देखने को मिला। यहां महज 10 वर्ष का एक छोटा सा बालक, 150 से भी अधिक आसन कर लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया।

जहानाबाद जिले के खरका गांव का रुद्र प्रताप सिंह बोध गया में रहकर पढ़ाई करता है। 150 से अधिक आसनों में महारत हासिल कर चुके नन्हे से बच्चे रूद्र को स्टेट चैंपियन होने का भी गौरव प्राप्त है।

सबसे गौर करने वाली बात है कि नन्हे रुद्र ने महज यह उपलब्धि कुछ सालों में ही पाई है। दरअसल, कोरोना काल में स्वस्थ और फिट रहने के लिए इसके पिता और गुरु ने इसे योगाभ्यास करवाना प्रारंभ किया था और उसके बाद फिर इसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। योग इसकी जीवन पद्धति में शामिल हो गया। आज लोग पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाले इस रुद्र को योगाभ्यास करते देख आश्चर्य करते हैं। आईएएनएस से बात करते हुए रुद्र ने कहा कि उनकी इच्छा विश्व स्तर पर योग के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने की है और भारत का नाम ऊंचा करना है।

उन्होंने कहा कि कोरोना के दौर में तो योग काफी जरूरी था, लेकिन आज के दौर में भी खुद को स्वस्थ रखने के लिए यह अभ्यास आवश्यक है। सबसे बड़ी बात है कि रुद्र ने किसी गुरु से इसकी शिक्षा नहीं ली है। इसके पिता राकेश कुमार सिंह ही इसे योग सिखाते हैं।

रूद्र प्रताप सिंह ने योगा की शुरूआत फिट रहने के लिए किया था, लेकिन आज वह योगा में बिहार स्टेट चैंपियन है और अभी से ही नेशनल और ओलंपिक की तैयारी में जुट गया है। इसने 7 वर्ष की उम्र में योग की शुरूआत की थी। उसके बाद सोशल मीडिया का भी सहारा लिया। इसके पिता ही इसके गुरु और कोच हैं। राकेश ने आईएएनएस को बताया कि 2020 लॉकडाउन के दौरान ही भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के द्वारा आनलाइन क्यूट योग चैलेंज हुआ जिसमें रूद्र ने भाग लिया और गोल्ड मेडल लेकर प्रथम स्थान पाया। इसके बाद हम सभी योग के प्रति और मोटिवेट हुए।

उसने कहा कि तब से लेकर अभी तक रुद्र कई चैंपियनशिप में भाग ले चुका है और कई मेडल लाकर अपने जिले तथा परिवार का नाम रोशन किया है। राकेश कहते हैं कि रुद्र अब तक विभिन्न प्रतियोगिताओं में सात गोल्ड मेडल और एक सिल्वर मेडल अपने नाम कर चुका है। रुद्र का मानना है कि स्वास्थ्य ही जीवन की सच्ची सम्पदा है। स्वास्थ्य, ऊर्जा और रोग प्रतिरोधक क्षमता शरीर की मौलिक आवश्यकताएं हैं और इसके लिए योग बहुत जरूरी है। योग साधना एवं अन्य क्रियाकलापों को संयमित कर स्वास्थ्य का संवर्धन करती है।

आईएएनएस

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Created On :   21 Jun 2023 7:17 AM GMT

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