नई दिल्ली: आवारा कुत्तों के बढ़ते खतरे पर शीर्ष कोर्ट सख्त, कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए प्रशासन को दिए सख्त निर्देश

- हेल्पलाइन स्थापित करने का निर्देश
- आवारा कुत्तों के खिलाफ कार्रवाई से कोई समझौता नहीं होना चाहिए- सुको
- कार्रवाई में अड़ंगा डालने वाले के खिलाफ भी करें कार्रवाई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत ने दिल्ली एनसीआर में आवारा कुत्तों के बढ़ते खतरे पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए नागरिक प्रशासन को कड़े निर्देश जारी किए हैं। सुको के निर्देशों में आवारा कुत्तों को पकड़ने, कुत्तों को जीवाणु रहित करने और उन्हें आश्रय गृह में रखने के निर्देश शामिल हैं। टॉप कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर कोई व्यक्ति या संगठन आवारा कुत्तों के खिलाफ कार्रवाई करने में अड़ंगा डालता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई करें।
सुप्रीम कोर्ट ने एक हेल्पलाइन स्थापित करने के भी निर्देश दिए। लोग हेल्पलाइन पर कुत्तों के काटने की घटनाओं को रिपोर्ट कर सकें। आपको बता दें सुप्रीम कोर्ट ने बीती 28 जुलाई को आवारा कुत्तों के हमलों की घटनाओं की मीडिया रिपोर्ट्स पर स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की थी।
न्यायमुर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमुर्ति आर महादेवन की बेंच ने कहा कि एनसीटी-दिल्ली, एमसीडी, एनएमडीसी तुरंत आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए अभियान शुरू करें और खासकर उन इलाकों में जहां आवारा कुत्तों का खतरा ज्यादा है। जनता के हित को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने ये निर्देश दिए हैं। बेंच ने अगे कहा इन आवारा कुत्तों के नवजात, छोटे बच्चे किसी भी कीमत पर शिकार नहीं बनने चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने ये सख्त निर्देश तब दिए है जब आए दिन आवारा कुत्तों के लोगों पर हमलों और रेबीज संक्रमण के कई केस सामने आए है। सर्वोच्च कोर्ट ने ये भी कहा है कि आवारा कुत्तों के खिलाफ कार्रवाई में कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति या संगठन इस काम में आड़े आए तो उसके खिलाफ भी एक्शन लिया जाए।
उच्चतम न्यायालय की पीठ ने कहा कि करीब पांच हजार आवारा कुत्तों को रखने के लिए आश्रय स्थल बनाए गए हैं। जिनमें पर्याप्त संख्या में लोगों को तैनात किया जाए, जो आवारा कुत्तों को जीवाणु रहित बनाने और रेबीज के संक्रमण को रोकने के उपाय करें। शीर्ष अदालत ने ये भी कहा कि आवारा कुत्तों को स्टर्लाइज (जीवाणु रहित बनाने) करने के बाद सड़कों या कॉलोनियों में वापस नहीं छोड़ा जाना चाहिए।
Created On :   11 Aug 2025 1:38 PM IST